
दोस्तों ,
आज मैं सुबह समाचार पत्र देख रहा था तो एक जगह मेरी नज़रें रुक गयी | मैंने पढ़ा –एक माँ ने हॉस्पिटल के बेड पर अपने एक दिन के बच्ची को गला दबा कर मार डाला | उस बच्ची का जुर्म सिर्फ इतना था कि वो बेटा नहीं बेटी थी |
वैसे तो आज कल लड़कियां हर क्षेत्र में लडको को टक्कर दे रही है | कुछ क्षेत्रों में वे लड़कों से आगे भी है | लेकिन आज भी समाज का एक तबका बेटी को बोझ मानता है और उसके पैदा होते ही या बाद में उसे मार डालते है | उनकी मानसिकता होती है कि लड़की होने का मतलब बोझ और समाज में अपना सिर नीचे होना |
अगर उस एक दिन की बच्ची बोल सकती तो ज़रूर हमसे और हमारे समाज से यह पूछती — हमारा जुर्म तो बताओ ?
वैसे तो बहुत पहले से यह होता आया है लेकिन सवाल फिर वही है कि जो एक खुद औरत है वही अपने बेटी को निर्दयता से क्यों मार देती है ?
कुछ दिनों पूर्व ऐसी ही एक छोटे बच्ची की कहानी पढ़ी थी जिसमे वही मूक प्रश्न था .. औरत – मर्द के गलतियों की सजा उन मासूम को क्यों ?
कुछ घटनाये ऐसी होती है जो दिल को झकझोर कर रख देती है | कुछ घटनाये जो हम सुनते है, देखते है या पढ़ते है, उस पर सहसा यकीन नहीं होता है , लेकिन वह एक हकीकत होता है |
क्या ऐसा हो सकता है कि एक माँ अपने बच्चे को नौ महीने कोख में पालती है, उसका छः महीने परवरिश भी करती है और फिर अचानक एक दिन उस बच्चे का नाजायज़ बाप रात के अँधेरे में एक सुनसान जगह के पथरीली सड़क पर छोड़ कर चला जाता है |
उस बाप को यह भी पता है कि अगर आवारा कुत्तों या किसी अन्य जानवरों की नज़र उस बच्ची पर पड़ी तो उसे चिड फाड़ कर एक दर्दनाक मौत दे सकता है |

जी हाँ, सूरत से १० किलोमीटर दूर एक गोशाला फार्म के गेट पर रात के दस बजे अँधेरे का लाभ उठा कर एक आदमी अपने छः माह की मासूम बच्ची को पथरीली सड़क पर रख कर भाग जाता है |
संयोग से गोशाला के एक कर्मचारी काम के दौरान गेट की तरफ आता है तो अँधेरे में किसी बच्चे की रोने की आवाज़ सुनता है | वे आश्चर्य चकित होकर गेट के बाहर जाकर देखता है तो उसे विश्वास ही नहीं होता है कि जो वो देख रहा है वह सच है |
वो दौड़ कर उस बच्ची को सड़क से उठाकर अपने गोद में ले लेता है और अन्दर आकर सभी स्टाफ को यह बात बतलाता है |
गौशाला के प्रबंधक तुरंत पुलिस को खबर कर देता है और कुछ ही समय में पुलिस वहाँ हाज़िर हो जाती है |
वो छः माह की बच्ची बहुत की खुबसूरत और मासूम दिख रही थी | जिसे गाय का दूध पिला कर चुप कराया गया | अब वो खेल रही थी, खिलखिला रही थी और खुश थी | उसे क्या पता कि कुछ देर पहले ही उसे सड़क पर छोड़ कर उसका बाप भाग गया है |
थानेदार साहब को वो बच्ची इतनी मासूम लगी कि उन्होंने कानूनी कार्यवाही तो किया ही, साथ ही अपने देख रेख में हॉस्पिटल में उसके स्वास्थ जांच के लिए एडमिट भी करा दिया |
दुसरे दिन यह घटना अखबार के सुर्ख़ियों में छाया रहा | सोशल मीडिया पर भी उस बच्ची की तस्वीर वायरल हो गयी |
उसकी तस्वीर को देख कर बहुत सारे लोग उस बच्ची को अपनाने को तैयार थे | यहाँ तक की उस थानेदार की घरवाली भी उस बच्ची को अपनाने के लिए थानेदार पर दबाब बनाने लगी | लेकिन ऐसे मामलों में कानूनी प्रक्रिया से गुज़ारना पड़ता है | फिलहाल पुलिस के आला महकमा को पूरी जानकारी हुई तो उन्होंने इस बच्ची के माता पिता तक पहुँचने का बीड़ा उठाया |
इस बीच वहाँ की लोकल कोउन्सल्लर जो एक लेडी थी, उस बच्ची का देख रेख करने का ज़िम्मा उठाया और पुलिस अपनी तफ्तीश में जुट गयी |

कहा जाता है कि ८५ पुलिस वालों की 14 टीम बनाई गई और जोर शोर से तफ्तीश शुरू हुई |
सबसे पहले उन्होंने उस एरिया के सभी CCTV फुटेज खंगालने शुरू किये | तभी उन्हें CCTV में एक शख्स जो उस बच्ची को सड़क पर रख पलट कर भागते हुए दिखा | लेकिन रात के अँधेरे के कारण उसका चेहरा साफ़ नहीं दिख रहा था |
लेकिन फिर कुछ देर बाद उसमे एक कार दिखी उसमे एक बच्ची थी और वे कार गौशाला की ओर जा रही थी | बस फिर क्या था , पुलिस ने उस कार का नंबर नोट कर जब उसकी जांच की तो पता चला कि यह कार अहमदाबाद के कोई श्री दीक्षित की है |
अब पुलिस उस घर पर पहुँची लेकिन घर में ताला लटका हुआ था | पुलिस खाली हाथ लौट रही होती है तभी RTO के द्वारा दीक्षित का मोबाइल नंबर प्राप्त हो गया | पुलिस ने दीक्षित के मोबाइल को सुर्विल्लांस surveillance पर लगाया तो उसका लोकेशन राजस्थान के कोटा शहर में दिखाई दे रहा था |

पुलिस ने उसे फ़ोन किया और संयोग से वह फ़ोन उठा लेता है | पुलिस अपना परिचय देने के बाद उस ने बच्ची के बारे में जानकारी दी और कहा कि यह बच्ची आप का है , इसका मेरे पास सबूत भी है |
दीक्षित के पास झूठ बोलने का रास्ता नहीं बचा था इसलिए उसने स्वीकार कर लिया कि वो बच्ची उसी की है | तभी वो पुलिस कोटा के पुलिस को कांटेक्ट कर दीक्षित को वही हिरासत में ले लेती है और सूरत से जांच कर रही टीम रवाना हो जाती है | …(क्रमशः )
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Categories: story
Nice post
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Thank you dear..
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Interesting story. Nice video clip.
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Thank you dear..
Please read the second part of this story..
Thanks for sharing your views..
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Reblogged this on Retiredकलम and commented:
छोटी सी ज़िन्दगी है,हर बात में खुश रहो ..
आने वाला कल किसने देखा है ,
अपने आज में खुश रहो…
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं …
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सच में इस तरह की घटनाएं हो रही है
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