मौत के डर से ही सही , ज़िन्दगी को फुर्सत तो मिली ..
सडकों को राहत और घरों को रौनक तो मिली
कुदरत तेरा रूठना भी ज़रूरी था
इंसान का घमंड टूटना भी ज़रूरी था
हर कोई खुद को यहाँ खुदा समझ बैठा था
ये शक दूर भी होना ज़रूरी था …

स्वस्थ मन – स्वस्थ तन
हर कोई अपने ज़िदगी में कामयाब होना चाहता है, खुश रहना चाहता है लेकिन कुछ ही लोग ऐसा कर पाते है | सवाल है कि ऐसा क्यों ? वह कौन सा फार्मूला है जो हमें हमारी मंजिल के करीब ले जा सकती है |
मेरा मानना है कि सफल जीवन, सुखी जीवन के लिए सकारात्मक विचार का होना बहुत आवश्यक है | इसलिए मेरी कोशिश है कि अपने दिन को आनंदित बनाने के लिए सुबह- सुबह सकारात्मक विचारों से अवगत कराया जाये..उसी की कड़ी में एक प्रयास …

- व्यक्तित्व निर्माण का प्रश्न प्रत्येक आदमी के वास्ते व्यक्तिगत सवाल है। इसका किसी दूसरे आदमी से कोई संबंध नहीं है।
- दूसरा कोई भी आदमी आपके मन तथा व्यक्तित्व को बलवान एवं दृढ़ नहीं बना सकता।
- कोई भी व्यक्ति आपको दुर्बल से शक्ति – संपन्न, असफल से सफल और ‘कुछ नहीं’ से ‘सब कुछ’ नहीं बना सकता।
- आप…
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Pragmatic 💐💐💕
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Yes Dear,
This is practical aspect, and help to keep us motivated..
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True sir
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Thanks for sharing your thought..
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