सब्र और सहनशीलता किसी की कमजोरी नहीं होतो ,
बल्कि ये वो ताकत है जो हर किसी के पास नहीं होती …
Be happy….Be healthy….Be alive…

दोस्तों,
बिहार से जुडी बहुत सी जानकारी इस ब्लॉग के माध्यम से शेयर करता रहा हूँ | आज उस कड़ी में “भोजपुरी का शेक्सपियर “ कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर के बारे में चर्चा कर रहा हूँ…..
भिखारी ठाकुर भोजपुरीके समर्थ लोक कलाकार, रंगकर्मी, लोक जागरण के सन्देश वाहक, लोक गीत तथा भजन कीर्तन के अनन्य साधक थे।
वे बहु आयामी प्रतिभा के व्यक्ति थे। वे भोजपुरीगीतों एवं नाटकों की रचना एवं अपने सामाजिक कार्यों के लिये प्रसिद्ध हैं । वे एक महान लोक कलाकार थे |
वे एक ही साथ कवि, गीतकार, नाटककार, नाट्य निर्देशक, लोक संगीतकार और अभिनेता थे।
भिखारी ठाकुर की मातृभाषाभोजपुरी थी और उन्होंने भोजपुरी को ही अपनेकाव्यऔरनाटककी भाषा बनाया।
भिखारी ठाकुर का जन्म 18 दिसंबर 1887 को बिहार राज्य के छपरा जिले के छोटे से गांव क़ुतुबपुर के एक सामान्य नाई परिवार में हुआ था.|
उनके पिता…
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