दिल में कोई गम नहीं , बातों में कोई दम नहीं ,
ये ग्रुप है नबाबों का , यहाँ कोई किसी से कम नहीं |
नवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं …

मेरी आलोचना
अपने हौसलों के बल पर हम, अपनी प्रतिभा दिखा देंगे
भले कोई मंच ना दे हमको , हम मंच अपना बना लेंगे
जो कहते खुद को सितारा हैं , जगमगा कर उनके सामने ही
चमक कर देंगे उनकी फीकी और सूरज खुद को बना लेंगें |

आज कल अक्सर यह देखा जाता है कि लोग एक दुसरे की आलोचना करते है और यह आलोचना ज्यादातर व्यंग के रूप में होता है |
मेरी भी आलोचना होती है और मुझे भी बहुत बुरा लगता है | कभी कभी तो आलोचना का प्रभाव हमारे सम्बन्ध पर ऐसा पड़ता है कि रिश्ते तक ख़तम हो जाते है |
क्या यह सही है ?… इस सन्दर्भ में मुझे एक कहानी याद आ रही है .|.
भगवान् ने जब इंसान को बना कर पृथ्वी पर भेजने का फैसला किया तो इंसान ने प्रभु से पूछा.– प्रभु, पृथ्वी पर हमारी ज़िन्दगी कैसी होगी ?…
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