# जागते रहो #

वैसे ये जिंदगानी भी किसी नदी की तरह होती है
इसके एक किनारे पर सपने तो दूजे पे हकीकत होती है |

Retiredकलम

मैं ब्लॉग लिखने बैठा ही था कि आज कुछ मित्रों का मेरे पिछले ब्लॉग पर प्रतिक्रिया पढ़ा | उन्होंने लिखा.. तुम्हारा blog पढ़कर मेरी आँखे नम हो गई | वैसे मरना तो सब को है एक दिन, लेकिन वो दिन पता नहीं होता, इसलिए हम हर दिन को जश्न के रूप में देखना चाहते है जैसे मेरे ज़िन्दगी का आखरी दिन हो |

आज कल lockdown का ऐसा माहौल हो गया है कि हम पालतू जानवरों की  तरह घरो में कैद है | उठने बैठने, घुमने फिरने और  बात करने के लिए भी सीमाएं तय की  हुई है, सब लोग परेशान है और  बहुत दुखी |..  .

और  ऊपर से मेरा दुखी  कर देने वाला ब्लॉग …सचमुच ऐसी हालात मे ऐसी संस्मरण लिखना ठीक नहीं है ..तो क्या ब्लॉग लिखना अभी  छोड़ दूँ | ..

नहीं , हमने तो हमारे जीवन में बहुत से खट्टे मीठे लम्हों को जिया है…

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Categories: Uncategorized

17 replies

  1. 😂😂 You writes very well… Don’t leave to write the blog sir…🙏

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  2. Good one👌👌👌

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  3. So well said. Showed the mirror of life.

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  4. Thank you dear ..
    Difficult to define Life..

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