नवरात्रि का पहला दिन, माँ शैलपुत्री की कृपा
आप और आपके समस्त परिवार पर सदैव बनी रहे |
नवरात्रि की शुभकामनाये |

मन में विचारों का चलते रहना अनिवार्य है, यह जागरुकता और क्रिया का सर्वोच्च रूप है। विविध विचारकों ने अपने विचारों से ही विभिन्न सभ्यताओं का निर्माण किया है। हमारे सारे संबंध उस उपयुक्त, अनोपुयुक्त विचारधारा पर ही आधारित हैं।
हम सब स्वीकार करते हैं कि जब हमारे मन में विचार नहीं चल रहे होते है तो हम सोते हैं, निष्क्रिय जीवन जीते हैं या दिवास्वप्न देखते हैं;
और जब हम जाग्रत होते हैं तो सोचते हैं, कार्य करते हैं, जीते हैं, लड़ते हैं—केवल इन्हीं दो अवस्थाओं को हम जानते हैं ।
आदर्श स्थिति तो यह है कि हम दोनों अवस्थाओं से परे हो जाएं, …विचार से भी खाली तथा सक्रियता से भी … .
यह .कैसा रहेगा ?……
कभी कभी सोचता हूँ
सोचता हूँ ज़िन्दगी को बस यूँ ही गुज़र जाने दूँ
इजहारे मुहब्बत को अपने होंठो पे न आने दूँ
कल शायद नई सुबह हो , और नए…
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Categories: kavita
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