चलती जा रही थी वह, दुःख सुख समेटे हुए शांत अविरल …
फिर जाने कैसा मोड़ आया , बेचैन सी हो उठी ज़िन्दगी मेरी…

रास्ते है तो ख्वाब है ,
ख्वाब है तो मंजिले है
मंजिलें है तो फासले है
फासले है तो हौसले है
हौसले है तो विश्वास है.
आज कालिंदी का दिल जोर जोर से धड़क रहा था | वह अपने रूम में पढाई करते हुए आज के समाचार पत्र आने का इंतज़ार कर रही थी क्योकि आज ही UPSC का रिजल्ट निकलने वाला था जिसमे वह भी शामिल हुई थी |
उसने काफी मेहनत से परीक्षा की तैयारी की थी और उसे पूरी उम्मीद थी कि उसे सफलता ज़रूर मिलेगी |
तभी अखबार बांटने वाले ने बरामदे में आज का अखबार डाल कर चला गया |
अखबार गिरने की आवाज़ सुनकर कालिंदी दौड़ कर वरामदे में गई और ज़ल्दी से अखबार उठा कर चुप चाप अपने रूम में आ गई |
स्टडी टेबल पर बैठ कर धड़कते दिलों से पेपर के पन्ने खंगालने लगी ताकि वह दिख जाए जिसका वह बेसब्री…
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