पछतावा अतीत नहीं बदल सकता और
चिंता भविष्य नहीं सँवार सकती …
इसलिए वर्तमान का आनंद लेना ही
जीवन का सच्चा सुख है …||

ख्वाहिशों का मंज़र चलाये रखिये
उम्मीदों का दिया जलाये रखिये
ना जाने कब रुख बदल जाए हवा का
ईश्वर पर विश्वास बनाये रखिये
कोई भी शुभ कार्य करने के लिए हम शुभ मुहूर्त का इंतज़ार करते है और फिर उस शुभ कार्य का शुभारम्भ एक दिया जला कर करते है |
हम यह भी ध्यान रखते है कि दिया बुझ ना पाए | उसे बुझने से बचाने का प्रयास करते है | जलता हुआ दिया शुभ की निशानी है और बुझा हुआ दिया अशुभ की |
लेकिन सत्य तो यह है कि घर में जलता मिटटी का दिया बुझ जाए तो अशुभ नहीं होता है, यह तो हमारे मन का एक डर होता है |
लेकिन एक और भी दिया है .. जिसका मतलब होता है …दिया, दिया और सिर्फ दिया .. मैं लोगों को क्या देता हूँ, इस समाज को इस संसार को क्या देता हूँ |
मैंने…
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