ज्यादा कुछ नहीं बदलता
उम्र के साथ…
बस बचपन की जिद ,
समझौतों में बदल जाती है ||

किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि कैलंडर हमेशा तारीखे बदलता रहता है लेकिन एक दिन, एक तारीख ऐसी भी आती है जो हमेशा के लिए उस कैलेंडर को ही बदल देती है |
इसीलिए हमलोगों को सब्र रखना चाहिए, मिहनत करते रहना चाहिए, सब के ज़िन्दगी में एक अच्छा वक़्त भी आता है |
जतिन एक बहुत ही गरीब लड़का था पर था होनहार | पढने में तेज़ और बड़ा आदमी बनने का लगन | पैसे की तंगी की वजह से वो अपने स्कूल के बाद के समय में घर – घर जाकर सामान बेचा करता था | और उससे जो कमाई होती, उससे अपनी पढाई की ज़रूरतों को पूरा करता था |
एक दिन स्कूल से निकल कर सीधा सामान बेचने निकल गया | उस समय उसे बहुत जोरो की भूख लगी थी | उसने अगले घर का दरवाज़ा खटखटाया और सोचा कि इस घर से…
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