I thank you, O’ God ,
That you put a child within me that makes
me to see things differently…

रोज की तरह जब आज ब्लॉग लिखने बैठा था तो कुछ अजीब सी अनुभूति हो रही थी…समझ में नहीं आ रहा था कि कहाँ से शुरू करूँ |
हमारे आस – पास जो भी घटित हो रहा है और परिस्थितियां इतनी तेज़ी से बदल रही है कि समझ में नहीं आ रहा है … लोग क्यों कहते है कि जो होता है, अच्छे के लिए होता है, |
कल की दुखद दुर्घटना के बाद शायद आप भी उन बातों से इत्तेफाक नहीं रखते होंगे |
हमारे शाखा प्रबंधक साहेब की अचानक मोटर साइकिल एक्सीडेंट में कल ही मौत हो गई , जिससे हम सभी बैंक के स्टाफ आहत थे |
बार बार उनसे रोज़ रोज़ होने वाली वार्तालाप को याद करके और उनके परिवार के बारे में सोच कर मन बहुत दुखी हो जाता था |
कितने नेक इंसान थे और उम्र भी करीब चालीस साल की थी, अभी…
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