पैरों में यदि जान हो तो मंजिल दूर नहीं…
और दिल में यदि स्थान हो तो अपने दूर नहीं….

हँसकर जीना दस्तूर है ज़िन्दगी का
एक ही किस्सा मशहूर है ज़िन्दगी का
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते
यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िन्दगी का
रोने का टाइम कहाँ ..सिर्फ मुस्कुराओ यारों,
क्योंकि, ये ज़िन्दगी दुबारा ना मिलेगी यारों |
पिछला blog पर बहुत मित्रों ने अपनी प्रतिक्रिया भेजी…लेकिन एक मित्र ने कहा की आगे कि घटना से जल्द अवगत कराएँ , शायद जिज्ञासा बढ़ गई होगी …पिछली बातों का सिलसिला जारी रखते हुए, आगे की एक और कड़ी ….
रात में इस नए मकान में बड़ी अच्छी नींद आयी, शायद इसके दो वजह थे ..पहला कि सुबह जल्दी उठ कर लोटा लिए खेतों में भागने की जद्दोजहद नहीं थी | और दूसरी बात कि आज बैंक जाने की जल्दी नहीं थी क्योकि आज रविवार थी |

मैं सुबह उठा तो करीब सात बज रहे थे, तो चाय पीने की तलब हुई |..
बस…
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Categories: मेरे संस्मरण
Great post sir😊
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Thank you dear,
Just refreshing my memories of initial posting in service..
Stay connected …Stay blessed..
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