The biggest suspense of Life is that…
You don’t know who is Praying for you ..
and who is Playing with you…

आज सारी रात परेशानी में गुजर रही थी,| दिन की घटना के बाद हमलोग चारों दोस्त मेरे घर पर ही रुक गए |
रात भर प्लानिंग (planning) चलती रही | …मकान मालिक का एजेंट (agent) जो यहाँ है, कल ही मकान खाली करने को ज़रूर कहेगा | अब समस्या थी कि दूसरा मकान देगा कौन ? ..बदनामी बड़ी ख़राब चीज़ होती है |
फिर कुछ सोच कर राजेश अपने दिमाग पर जोर देकर बताया कि शायद, भैरों सिंह जी का एक छोटा सा मकान है यहाँ, जो कृषि उपज मंडी के पास है |
और वो शायद खाली भी है | उसके लिए कोशिश की जा सकती है | , वैसे भी वो लोग शिवगंज में नहीं रहते है, पास के गाँव खिवान्दी में उनकी अच्छी खेती बारी है और वो लोग वही रहते है |
तय हुआ कि सुबह सुबह गाँव खिवान्दी जाया जाए और रमेश भी साथ चलेगा…
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Categories: मेरे संस्मरण
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