उजालों में मिल ही जायेगा कोई ना कोई ,
तलाश उसकी रखो, जो अंधेरों में भी साथ दें .|

हूँ गरीब, गरीबी से, अब तक लड़ता आया हूँ।
कुदरत के हर मार को, अब तक सहता आया हूँ।।
जो भी बन सका मुझसे, सवाभिमानि बन सब किया,
ईमानदारी और मेहनत से, पेट पालता आया हूँ।।
जो किस्मत करता है, वो किस्मत को करने दो।
जीत जाऊंगा इस परिस्थिति से, बस मुझे लड़ने दो…
रात के नौ बज चुके थे और अंजिला की तबियत भी पहले से कुछ बेहतर लग रही थी | मुझे पता था कि उधर रघु काका भी रिक्शा के लिए रैन बसेरा में मेरा इंतज़ार कर रहे होंगे |
अब तो मुझे यहाँ से जाना होगा | ऐसा सोच कर मैंने अंजिला से कहा …अब आप की तबियत कुछ ठीक लग रही है इसलिए मुझे अब वापस जाने की इजाजत दीजिये |
परन्तु अंजिला ने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा ….. मैं चाहती हूँ कि आज की रात तुम यही रुक जाओ, मैं अभी उस…
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Sundar likha hai apne.
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जी, बहुत बहुत धन्यवाद |
आप पूरी कहानी पढ़ें, मुझे ख़ुशी होगी |
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Ji. Bilkul.
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बहुत बहुत धन्यवाद
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Wow. Bohot hi zyada sudar lekh!
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मेरे हौसलाअफजाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद /
आप पूरी कहानी पढ़े ,आप पसंद करेंगे |
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