वक़्त से बड़ा न्यायधीश कोई नहीं है,
ये जो भी निर्णय करता है सबको मानना ही पड़ता है …

धीरे धीरे सोफ़िया से उसकी घनिष्ठता बढती जा रही थी | आये दिन संदीप को कुछ ना कुछ वो गिफ्ट देती रहती थी ,जिसे पाकर संदीप खुश हो जाता | इसी तरह समय बीत रहे थे और संदीप को लगने लगा कि अब अच्छे दिन आ रहे है |
संदीप, जी -जान से प्रणव को पढ़ा रहा था और इसका परिणाम भी सामने आ गया | मात्र छह माह में ही सोफ़िया का बेटा स्कूल में सबसे अच्छा विद्यार्थी बन गया |
एक दिन तो स्कूल के प्रिंसिपल ने सोफ़िया को बुला कर पूछा था .. .आप के प्रणव में तो काफी परिवर्तन आ गया है,|
पढाई के अलावा खेल कूद में भी स्कूल का अव्वल छात्र बन गया है |
कैसे अचानक इस बच्चे में परिवर्तन आ गया ? ज़रूर कोई अच्छे ट्यूटर (tutor) की सेवा ले रही है आप |,
प्रिंसिपल की बातें सुनकर , सोफ़िया…
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