# तलाश अपने सपनों की #….1

जिन्हें मालूम है कि अकेलापन क्या होता है ,
वो लोग हमेशा दूसरों के लिए हाज़िर रहते है |

Retiredकलम

ख़ुशी ज़ल्दी में थी .. चली गई

गम फुर्सत में थे ..ठहर गए ,

ठोकर लगी पर गिरे नहीं

वक़्त रहते संभल गए ,

ढूंढता हूँ वो बीते हुए लम्हे

न जाने वो किधर गए……

संदीप को घर बैठे पुरे एक साल हो गए लेकिन अभी तक नौकरी नहीं लग सकी थी |

उसके बचपन का दोस्त राजीव जो उसी के साथ में उसी बैंगलोर के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढाई  पूरी की थी | उसे कॉलेज से पास करते ही नौकरी मिल चुकी है |

और मिलती भी क्यूँ नहीं भला, उसकी पैरवी तो जबरदस्त थी |

आज वह मुंबई में ठाठ से नौकरी कर रहा है /

लेकिन संदीप के पास तो पैरवी के नाम पर कोई भी जान पहचान या परिवार में ऐसा कोई आदमी दिखाई नहीं पड़ता था, जिससे वह अपनी नौकरी के लिए कही भी सिफारिस करवा सके |

  गवई परिवेश और…

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4 replies

  1. I read all 17 instalments. A good story with happy ending. All’s well that ends well.

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  1. # तलाश अपने सपनों की #….1 – Love & Love Alone

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