सीखना है तो गुलाब के फूल से सीखो ,
खुद टूट कर दो इंसान को एक रिश्ते में जोड़ देता है ..

एक माटी का दिया है जो सारी रात अंधियारे से लड़ता है,
तू तो भगवान् का दिया है तू किस बात से डरता है
हथेली पर रख कर नसीब तू क्यों अपना मुकद्दर ढूंढता है
सीख उस समंदर से जो टकराने के लिए पत्थर ढूंढता है ….
अनामिका के मन में आशंका घर कर गई थी | उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि जो राजीव घंटो रोज़ उससे फ़ोन पर बातें किया करता था, इस तरह एकाएक उसे फ़ोन करना बंद कर देगा |
क्या उसके मन में अनामिका के प्रति कोई बदलाव आ गया है या कोई और बात है ?….वह इन बातों को समझ नहीं पा रही थी और मन ही मन परेशान हो रही थी |
हालाँकि हर बार वह अपने दिल को समझा देती कि शायद राजीव किसी परेशानी के कारण उसे फ़ोन नहीं कर पा रहा है क्योंकि अनामिका को आज भी राजीव…
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