# श्मशान वैराग्य #

मैं कौन से कपडे पहनूं जिससे मैं लोगों को पसंद आऊँ .. हम सब का ध्यान इस बात पर तो रहता है,  परन्तु  हम यह विचार नहीं करते कि आज कौन सा अच्छा कर्म करूँ जो उस ईश्वर को पसंद आये, उस मालिक को पसंद आये  |

हम करोना काल में देख ही रहे है कि लोगों की ज़िन्दगी आज कितनी सस्ती हो गई है |  

धन  दौलत …मान सम्मान,… पद और गरिमा रहते हुए भी, कही दवा के कमी के कारण,  कही हॉस्पिटल में बेड न मिलने के कारण और कही – कही तो ऑक्सीजन की कमी के कारण भी जान जा रही  है |

कुछ हॉस्पिटल और उसके स्वास्थ कर्मी गिद्ध बन कर लूट खसोट मचाये हुए है | लाचार  इंसान तड़प तड़प कर मर रहा है और जिम्मेदार लोग तमाशा देख रहे है |

यह सब बातें सोचने पर मजबूर कर देता है कि हम अपने आप को इंसान कैसे कह सकते है ?

और साथ ही इस नश्वर शरीर  और अपना सब कुछ गवां कर कमाए गए धन दौलत का औचित्य क्या है ?

याद कीजिये, जब भी शव यात्रा निकलती है तो हम लोग बोलते है कि राम नाम सत्य है ..यानी कि हमें ऐसे मौकों पर ही याद आता है ..कि एक  राम का नाम ही सत्य है बाकी सब मिथ्या है | ..

जब हम  श्मशान भूमि में पहुँचते है और चिता को जलते हुए देखते है तो इस जीवन की नश्वरता और  क्षणभंगुरता का एहसास होता है और लगता है कि जब खाली हाथ ही जाना है तो पैसा कमाने के लिए,  रुतवा बढाने के लिए हम इतना हाय तौबा और गलत -सलत काम  क्यों करे ?

क्यों न सच्चे मन से प्रभु की आराधना करते हुए और  ज़रूरतमंदों  की मदद करते हुए अपना जीवन प्रभु के चरणों में अर्पित कर दें. |. इसी को शायद श्मशान बैराग्य भी कहते है, जो कि थोड़े समय के लिए ही होता है |

अधिकांश लोग श्मशान भूमि से घर वापस आते ही इस दुनियावी  मोह माया के जाल में फिर फँस  कर उलटे – सीधे काम करने लगते है और शमशान वाली बात  भूल जाते है |

कभी कभी  अंतरात्मा उन्हें झकझोरती भी है तो वे उससे पीछा छुड़ाने के लिए कुछ तर्क गढ़ लेते है कि हमें जिंदा रहने के लिए कर्म तो करना ही पड़ेगा और कर्म कोई भी हो गलत नहीं होता है |

यह तो सच्चाई से मुँह छुपाने वाली बात हुई… जैसे रेगिस्तान में जब रेत की आंधी चलती है तो शुतुरमुर्ग अपने सिर को बालू में छुपा लेता है और वह समझता है  कि वह आंधी से बच गया |

हमें वास्तविकता से रु ब रु होना चाहिए और सच्चाई को स्वीकार करते हुए अपनी ज़िन्दगी की क्षणभंगुरता को और  राम नाम के सत्य को स्वीकार करते हुए ज़िन्दगी जीना चाहिए …..

…ताकि अगर भगवान् का  बुलावा भी आये तो हमें यह अफ़सोस नहीं हो कि हमने तो कुछ भी अच्छा नहीं किया है और अपनी ज़िन्दगी यूँ ही  व्यर्थ में गवायाँ है …. अब भला भगवान् को क्या जबाब देंगे ?

यक्ष प्रश्न हेतु नीचे link पर click करे..

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BE HAPPY….BE ACTIVE….BE FOCUSED….BE ALIVE…

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Categories: motivational

20 replies

  1. Truth of life is karma. Nicely explained the journey of life.
    Rest is on hands of the God.

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  2. वास्तविक है, राम नाम सत्य है, बहुत अच्छा है। ईश्वर ही सत्य है।

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    • धन्यवाद डिअर,
      ईश्वर ही सत्य है, और हमें अच्छे कर्म करने चाहिए, ताकि परमात्मा को खुश रख सकें।

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  3. Nicely written Chachaji 👌
    Your sketch is also too good

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  4. Thank you dear for appreciation , specially for my drawings ..
    HAM HONGE KAMYAAB EK DIN..
    Stay connected and stay happy..

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  5. शरीर कि मलिनता दूर करने के लिए
    नित-प्रतिदिन नहाना जरूरी है

    वैसी हि

    ह्रदय कि मलिनता दूर करने के लिए
    नित-प्रतिदिन “गीता” के ज्ञानरूपी
    सागर में डुबकि लगाना जरूरी है

    बहुत ही सुंदर पोस्ट है अंकल💕 😊

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    • आपने बिलकुल सही लिखा है , गीता के ज्ञान रूपी सागर में डुबकी लगाना ज़रूरी है |
      आपके हौसलाअफजाई के लिए बहुत बहुत धन्यवाद |
      आप स्वस्थ रहें …खुश रहे,|

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  6. जीवन के वास्तविक सत्य को बहुत सुंदर अभिव्यक्त किया है 🙏🏼

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  7. बहुत सही कहा आपने

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    • जी, बहुत बहुत धन्यवाद |
      मैं अपनी भावनाएं प्रकट करने से अपने को रोक नहीं सका |

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  8. कितना सही कहा है ,घर आकर सब। भूल जातें हैं

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  9. जी धन्यवाद,
    ज़िन्दगी की यही हकीकत है ..|

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  10. Very well said. It is also said that when Ram Naam is recited the soul gets mukti and free from the sansar chakra. By chanting Ram Naam we leave everything to God because God is the ultimate truth.

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  11. I love the black and white of the girl. Very pretty.

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  12. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    A happy person is not one with favorable circumstances,
    but one with a favorable attitude…
    Stay happy…Stay positive…

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