अपनों का साथ बहुत आवश्यक है …
सुख है तो बढ़ जाता है और
दुःख हो तो बंट जाता है …||

चाँद सितारों से तेरी ही बात करते हैं,
तनहाईयों में तुझे ही याद करते हैं,
तुम आओ या ना आओ मर्ज़ी तुम्हारी,
हम तो हर पल तुम्हारा इंतजार करते हैं।
शादी की तैयारी काफी जोरों से चल रही थी | आज सुबह सुबह अनामिका की माँ का फ़ोन आया |
माँ ने बताया कि शादी में शामिल होने के लिए वो पिता जी के साथ आज ही पटना मामा जी के घर पहुँच रही है | जब परिवार में शादी ब्याह का मौका होता है तो बहुत सारे रस्म –ओ –रिवाज़ निभाने पड़ते है और कुछ रिवाज़ तो ऐसे होते है जिसमे ख़ास रिश्तेदार की अहम भूमिका होती है |
और फिर शादी तो लेने – देने और ख़ुशी मनाने का मौका होता है जिसमे अपने सामर्थ के हिसाब से परिवार वाले सहयोग करते है |
हमारे गाँव – घर में बेटी की शादी को एक यज्ञ के रूप में…
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गजब
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जी, धन्यवाद..
आप पूरी कहानी पढ़े ..मुझे ख़ुशी होगी..|
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