एक अलग ही पहचान बनाने की आदत है मेरी ,
तकलीफों में भी मुस्कुराने की आदत है मेरी

एक अलग ही पहचान बनाने की आदत है मेरी ,
तकलीफों में भी मुस्कुराने की आदत है मेरी
दोस्तों,
कभी कभी कुछ घटनाएँ ज़िन्दगी में ऐसी घटती है कि वह हमेशा के लिए दिलो -दिमाग पर छा जाती है |
आज जीवन में घटी एक सच्ची घटना का वृत्तांत आप सबों के समक्ष प्रस्तुत करने जा रहा हूँ जिसे पढ़ कर आपको अवश्य मजा आएगा |
जब यह घटना मेरे साथ घटित हुई थी तो मुझे पहले तो बहुत बुरा लगा था लेकिन बाद में जब भी यह घटना मुझे याद आती है तो मेरे होठों पर मुस्कान बिखर जाता है |.
मुझे आज भी याद है वह दिन … 24 जुलाई 1977 का वह दिन था, जब हमलोगों ने रांची एग्रीकल्चर कॉलेज, (कांके) में एडमिशन लिया था |
एडमिशन के तुरंत बाद ही हमलोगों को हॉस्टल आवंटित किया गया था | मुझे होस्टल नम्बर 3 का रूम नम्बर १०…
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सुंदर संस्मरण 👌
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जी धन्यवाद ।
पुरानी यादों को कलमबद्ध कर अच्छा लगता है ।
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🧚✨🌹
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Yes,
That is the sweet memories..
Thank you very much..
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✨🙂
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