
आज वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे है | हर साल 7 जून को वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे (यानी विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस) मनाया जाता है।
इस दिन को फूड सेफ्टी को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है |
मनुष्य के लिए रोटी, कपड़ा और मकान मूलभूत आवश्यकताएं है, जिसके बिना मनुष्य का जीवन बहुत मुश्किल है |. इसमें रोटी यानि भोजन सबसे महत्वपूर्ण है. क्योंकि उसके बिना तो मनुष्य कुछ दिन भी जिन्दा नहीं रह सकता है. |
आकडे यह बताते है कि आज के समय में दूषित खाने से और खाने की कमी से हजारों लोगों की जान हर साल चली जाती है. |
इसलिए, संयुक्त राष्ट्र (UN) ने दो एजेंसियों, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और खाद्य और कृषि संगठन (FAO) को दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के प्रयासों का नेतृत्व करने और पौष्टिक खाने के प्रति लोगों को जागरुक करने की जिम्मेदारी दी है.| इसी जागरूकता को बढ़ाने के लिए 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) मनाया जाता है. |
खाद्य सुरक्षा का मतलब है … यह सुनिश्चित किया जाए कि हर व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में सुरक्षित और पौष्टिक भोजन मिले |
हालाँकि खाद्य सुरक्षा हमेशा ही एक चर्चा का विषय रहा है क्योंकि ऐसे कई देश है जो बेहद गरीब है | इसकी वजह से कई लोग भुखमरी और अन्य गंभीर बिमारियों के शिकार होते है |

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की स्थापना
सर्वप्रथम 2018 में ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की स्वीकृति दी गयी है।
डब्लूएचओ (WHO) का मानना है कि चूँकि खाद्य सुरक्षा को लेकर अभी भी दुनिया के बहुत सारे देशों में जागरूकता की कमी है, अतः लोगों में जाक्रुकता फैलाने के लिए इस दिवस का बहुत महत्व है |
प्रतिदिन हम कई सारे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं। खाद्य सुरक्षा द्वारा यह तय किया जाता है कि खाद्य पदार्थ को खाने से पहले उसके उत्पादन, प्रसंस्करण, भंडारण, वितरण, तैयारी तक की खाद्य शृंखला का हर चरण लोगों की सेहत के लिहाज से सुरक्षित हो।
खाद्य सुरक्षा यह निर्धारित करती है कि धरती पर रहने वाले हर व्यक्ति को अच्छा आहार मिले ताकि किसी की सेहत प्रभावित न हो, और सभी स्वस्थ जीवन जी सकें।
आज भी कई सारे देशों में लोगों को ऐसा भोजन मिलता है जिसकी गुणवत्ता का कोई स्तर नहीं होता है । यह आहार लोगों को बीमार करता है जो कि पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है |

खराब खाद्य सामग्री से 30 लाख लोगों की होती है मृत्यु
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दूषित खाद्य या बैक्टीरिया युक्त खाद्य से हर साल 10 में से एक व्यक्ति बीमार होता है। दुनियाभर में बीमारों का यह आंकड़ा लगभग 60 करोड़ पार है जिसमें से 30 लाख लोगों की मृत्यु हर साल हो जाती है।
मृत्यु के इस आंकड़े को कम करने के लिए ही खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता के प्रति विशेष ध्यान दिया जाता है ।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2021 का विषय (थीम )
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2021 का विषय (थीम) है, “स्वस्थ कल के लिए आज का सुरक्षित भोजन” । इस वर्ष का विषय भोजन की गुणवत्ता पर जोर देता है। यदि आज हम अच्छा भोजन आहार के रूप में लेंगे तो हमारा कल भी बेहतर होगा, और हम स्वस्थ रहेंगे।
भारत ने किये हैं ये काम
संयुक्त राष्ट्र द्वारा खाद्य और कृषि संगठन तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए नामित किया गया है।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा सुरक्षित खाद्य उपलब्ध करवाने के लिए पहला राज्य खाद्य सुरक्षा इंडेक्स विकसित किया गया है।
खाद्य तेल और घी में हुई मिलावट के बारे में एक मिनट से कम समय में पता लगाने के लिए विशेष उपकरण ‘रमन 1.0’ को भी काम में लाया गया है। इससे मिलावट रोकने में मदद मिलेगीं |

खाद्य सुरक्षा में FDA की क्या भूमिका है?
एफडीए यह सुनिश्चित करता है कि लोग खाना बनाने में स्वच्छता का ध्यान रख रहे हैं या नहीं । साथ ही जनता के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और उसकी रक्षा के लिए एफडीए काम करता है।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार विश्व में 10 में से 1 प्रतिशत लोग दूषित भोजन के कारण बीमार पड़ते हैं ।
आइये हम अपने आस-पास सभी जानने वालों को जागरूक करें और उन्हें फूड सेफ्टी डे का महत्व समझाएं । ताकि इस दुनिया से कुपोषण और खाद्यानो की बर्बादी को रोका जा सके .|
अपने देश के सभी नागरिको को स्वस्थ रखने वाले पर्याप्त भोजन मिल सके और हमारा समाज हमारा देश और पूरी दुनिया स्वस्थ रह सके |
आज के दिन यही हमारी मंगल कामना है …
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