दुनिया की भीड़ में इंसान चाहे सब कुछ भूल जाए …
कितना ही मौज मस्ती में खो जाए , पर अकेले में वो
उसे ही याद करता है , जिसे वह दिल से प्यार करता है….

बस यही सोच कर हर मुश्किलों से लड़ता आया हूँ
धुप कितनी भी तेज़ हो समंदर नहीं सुखा करते
सत्य की जीत
राजेश्वर ज्योहिं चैम्बर में घुसा, उसने बड़े वकील साहब के सामने अपने हाथ जोड़ लिए | उसके आँखों से आँसू बह रहे थे और मुहँ से कोई आवाज़ नहीं निकल पा रही थी, बस वह अपना सिर झुका कर खड़ा था | तभी बड़े वकील साहब अपने कुर्सी से उठ कर राजेश्वर के पास आये और उनके पैर छू कर प्रणाम किया |
राजेश्वर भौचक रह गया | एक पल के लिए राजेश्वर को विश्वास ही नहीं हुआ कि यह हकीकत है या सपना |
वो पत्थर के बुत की तरह अपनी जगह खड़ा रहा | तभी बड़े वकील ने राजेश्वर को अपने सामने वाली कुर्सी पर आदर के साथ बैठाया और पानी का गिलास अपनी हाथो से उनको दिया | और छोटे वकील भी राजेश्वर के बगल…
View original post 878 more words
Categories: Uncategorized
Leave a Reply