# एक कहानी सुनो #..6

मेहनत कर तुझे फल मिलेगा ,

आज नहीं तो कल मिलेगा

मंजिल भले ही देर मिलेगी ,

सुख किन्तु प्रतिपल मिलेगा ||

मेहनत का फल

एक समय की बात है कि बाल्मीकि  नगर में एक सेठ जी रहते  थे | उनके पास किसी चीज़ की कमी नहीं थी | धन दौलत, नौकर चाकर और बड़ा सा महल… सब कुछ था उनके पास | फिर भी वे  काफी परेशान रहते थे | उनके मन में शांति नहीं थी |

उन्हें रात  में नींद ही नहीं आती थी..|  कभी कभार आँख लग भी जाती तो बुरे सपने देखने लगते थे और  घबराहट में सेठ जी, की नीद खुल जाती थी |

 सेठ जी के  मन में तरह तरह की शकाएँ उठ रही थी | उन्होंने बहुत तरह का इलाज कराया लेकिन रोग घटने की जगह बढ़ता ही चला गया | उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि इस मुश्किल से कैसे छुटकारा पाया जाए |

तभी एक दिन एक सिद्ध महात्मा का उस नगर में आगमन हुआ | वे मंदिर परिसर में ठहरे हुए थे |

सभी लोग अपनी समस्याएं लेकर उनसे मिलते थे  और वे महात्मा उनकी समस्याओं का उपचार बताते थे |

जब सेठ जी  को उनके बारे में पता चला. तो वे भी उस महात्मा के पास गए और अपनी नींद नहीं आने की समस्या बताई |.

महात्मा जी गंभीर होकर उनकी बातें सुनते रहे |.

 फिर सेठ जी  हाथ जोड़ कर बोले –  ‘हे महात्मन ! किसी  भी तरह से मेरा यह संकट दूर कीजिये |. ’

महात्मा जी उनकी सारी बातें सुनने के बाद कहा … – ‘सेठ जी,  आपके दुखों का एक ही कारण है, कि आप विकलांग हैं ?’

 सेठ ने महात्मा की बात सुन कर आश्चर्य से कहा – ‘क्या कहते है महाराज ! मैं तो पूरी तरह से स्वस्थ हूँ, मेरे सभी अंग सही सलानत है |  फिर आप मुझे विकलांग कैसे कह सकते हैं ?.’

सेठ जी की बातें सुन कर  महात्मा ने मुस्कुराते हुए कहा –  सेठ जी, ‘विकलांग सिर्फ वह नहीं होता है जिनके हाथ पैर नहीं होते बल्कि वास्तव में विकलांग वे भी होते हैं जो इनके होते हुए भी इनका इस्तेमाल नहीं करते हैं |’

महात्मा जी ने आगे पूछा – ‘क्या आप बताएँगे कि आप अपने हाथ- पैर का प्रयोग कर कितना काम करते हैं.|

 सेठ जी उनकी बातें सुन कर  निरुत्तर हो गए ..क्योकि , उनका तो सारा काम उनके एक आदेश पर उनके नौकर चाकर दौड़ – दौड़ कर देते हैं |.

महात्मा ने फिर कहा – ‘सेठ जी,  यदि आप रात को अच्छी नींद में सोना चाहते हैं तो दिन भर मेहनत कीजिये और फिर रात को जी भरके सोइये |

मेहनत करने से शरीर थक  जाता है और नींद तो अपने आप ही आ जाती  है |.’

सेठ जी ने अगले दिन अपना सारा काम खुद किया | और शारीरिक श्रम करने से उनको काफी थकान हुई |.

थकान होने की वजह से रात को बिस्तर पर जाते ही सेठ जी को खूब अच्छी नींद आई |.

अब उन्हें अपनी बीमारी के  इलाज का पता चल गया था | .

उस दिन से सेठजी स्वयं मेहनत करने लगे. और इस रोग से निजात पाने के लिए वे मन ही मन उस महात्मा के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने लगे |

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Categories: motivational

15 replies

  1. Good story reminding of need and benefits of doing physical work… I liked the starting stanza a lot… Very well written sir..

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  2. प्रेरक कवितामयी पंक्तियाँ व कहानी 👌🏼👌🏼🙏🏼

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  3. हौसला आप मेरा बढ़ा रहे हैं मित्र

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    • हमें एक दुसरे का हौसला बढ़ाना चाहिए ताकि हमारे
      अन्दर की क्षमता को बेहतर ढंग से प्रदर्शित की जा सके..

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  4. Well said. Physical activity is very important as it improves our health and quality of our life.

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  5. Good story. Motivation for physical work to have good sleep.

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  6. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    The strongest people make time to help others,
    even if they are struggling with their own problems..

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