जीवन है, तो बुरे दिन भी आएंगे ,
पर भरोसा है, ये दिन भी निकल जाएंगे ,,,

रिश्ते कभी
ज़िन्दगी के साथ नहीं चलते
रिश्ते तो एक बार बनते है ,
फिर ज़िन्दगी
रिश्तों के साथ चलती है
कुछ तो लोग कहेंगे
दस बजे का समय था और दुकान में काफी भीड़ थी | राजेश्वर और कालू राम दोनों ग्राहकों को सँभालने में व्यस्त थे | तभी गाँव का पडोसी राम खेलावन दौड़ता हुआ राजेश्वर के दुकान पर पहुँचा | उसका चेहरा पसीने से तर- ब- तर था और वह काफी घबराया हुआ नज़र आ रहा था |
राजेश्वर उसे देखते ही पूछ लिया…भाई राम खेलावन, तुम इतने घबराये हुए क्यों लग रहे हो ?
आओ बैठो और पानी पीयो ….थोड़ी देर सुस्ता लो फिर तुम्हे मैं चाय पिलाऊंगा |
राम खेलावन घबराते हुए बोला…चाय कभी और पी लूँगा | अभी तो इन सब बातों के लिए समय नहीं है |
तुम्हे शीघ्र ही मेरे साथ गाँव चलना होगा | राम खेलावन की बात सुनकर राजेश्वर भी…
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