माना कि ज़िन्दगी की राहें आसान नहीं है ,
मगर मुस्कुरा कर चलने में कोई नुकसान नहीं है ..
Be happy….Be healthy….Be alive…

मैं तेरी सौतन
रामवती अपने छोटे बच्चे, राजू को हरिया को थमाते हुए बोली ..इसे अभी अपने पास रखो | और जाते वक़्त अपने साथ ही लेते जाना |
नहीं रामवती , तुम भी घर चली जाओ | मैं यहाँ सब संभाल लूँगा …रघु रामवती को समझा रहा था |
मैं सुमन को एक पल के लिए भी नहीं छोड़ सकती, अगर इसे कुछ हो गया तो मेरा भी जीवन व्यर्थ हो जायेगा ….रामवती ने साफ़ साफ़ लफ्जो में रघु को बोली |
डॉक्टर साहेब भी बहुत चिंतित मुद्रा में लग रहे थे | ..वे सुमन के पास आये और रघु की ओर देखते हुए बोले ….. अभी इनकी हालत काफी बिगड़ चुकी है |, कुछ कहा नहीं जा सकता है कि इन्हें बचा पाउँगा या नहीं | अपेंडिक्स के फट जाने से अंदर जहर फ़ैल रहा है | मुझे तुरंत ऑपरेशन करना होगा |
ऐसा मत कहिये डॉक्टर…
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सुंदर
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बहुत बहुत धन्यवाद् ..
आप पूरी कहानी पढ़े तो मुझे ख़ुशी होगी..|
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