ये मत पूछो कि मेरा कारोबार क्या है दोस्तों,
मुस्कुराहट की छोटी सी दुकान है ,
नफरतों के बाज़ार में…
आप स्वस्थ रहें …खुश रहें ..

हम अपने ज़ख़्म … तुमको दिखा नहीं सकते
जो शिकवा तुम से है… औरों को सुना नहीं सकते,
मेरे ख़याल की गहराई को ज़रा तुम समझो
कि सिर्फ़ लफ़्ज़ तो …मतलब बता नहीं सकते
मलाल ये है कि साक़ी तो बन गए ज़नाब
शराब हाथ में है ..लेकिन पिला नहीं सकते..
दिल ही तो है
स्टूडियो से निकलते हुए रात के दस बज चुके थे, रघु और सुमन कार में बैठे अपने अपने विचारों में खोये थे और कार अपनी गति से भाग रही थी |
आज शूटिंग की वजह से सुमन काफी थक गई थी, इस कारण उसे कार में ही नींद आ गई और वो मेरे कंधे पर सिर रख कर गहरी नींद में सो रही थी …मैं उसके चेहरे को गौर से देख रहा था जिसमे समर्पण के भाव थे और मेरे साथ होने से एक निश्चिन्तिता उसके चेहरे से झलक रही थी |
मैंने…
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