मत पूछो के मेरा कारोबार क्या है दोस्तों…
मुस्कुराहटों की छोटी सी दुकान है, नफरतों के बाज़ार में |

अंजना हैरान – परेशान उस नन्हे से बच्चे को लेकर पास के शहर में स्थित एक अनाथालय में पहुँची | उसे अस्त व्यस्त हालत में देख कर वहाँ की संचालिका ने समझा कि वह कुवांरी माँ बनने के डर से इस बच्चे को यहाँ छोड़ने आई है |
जब उनलोगों ने इस बारे में तहकीकात करने लगे तो अंजना ने तभी एक झूठी कहानी बना कर उनलोगों को सुनाया…..मैं इस बच्चे की अभागिन माँ हूँ | मेरे घर वाले मेरे किए इस पाप के कारण मुझे घर से निकाल दिया है |
मैं बहुत दुखी हूँ और आप के पास बहुत आशा लेकर आयी हूँ | संचालिका बहुत अच्छे स्वभाव की थी | उसे अंजना की स्थिति पर दया आ गई |
उन्होंने अंजना के सिर पर प्यार से हाथ रखते हुए कहा … घबराओ नहीं बेटी, तुम बिलकुल सुरक्षित जगह आई हो | तुम मेरी बेटी समान हो |…
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