The company of Loving friends and family is a blessing from God..

समय व्यतीत होते देर नहीं लगती है और देखते देखते वह समय भी आ गया , जब बारात घर पर आ गई |
अंजना अपने सारे दुःख को भूल कर अपनी छोटी बहन निर्मला की शादी में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रही थी और शादी बहुत अच्छे ढंग से संपन्न हो गई |
लड़की की बिदाई का समय भी आ गया .. .सचमुच विदाई की घडी लड़की वालों के लिए बड़ा भावुक कर देने वाला होता है |
सब लोगों के आँखों में आंसूं थे | निर्मला जब अपनी बड़ी बहन अंजना से लिपट कर रो रही थी तो उस समय अंजना के आँखों के आँसू सुख चुके थे | वह सामने खड़े विजय को देख रही थी | वह भी चुप चाप अंजना को ही देखे जा रहा था |. दोनों की मजबूरियां चेहरे पर साफ़ झलक रही थी |
अंजना तो जैसे अपने दिल पर पत्थर रख…
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