
गुलज़ार साहब ने खूब लिखा है ..
एक मुद्दत से आरजू थी फुरसत की,
मिली तो इस शर्त पे कि किसी से ना मिलो ।
शहरों का यूँ वीरान होना कुछ यूँ गजब कर गई,
बरसों से पड़े गुमसुम घरों को आबाद कर गई ।
ये कैसा समय आया कि दूरियाँ ही दवा बन गईं ।
जिंदगी में पहली बार ऐसा वक्त आया,
इंसान ने जिन्दा रहने के लिए कमाना छोड़ दिया।
घर गुलज़ार, सूने शहर, बस्ती बस्ती में कैद हर हस्ती हो गई,
आज फिर ज़िन्दगी महँगी और दौलत सस्ती हो गई ।
हजारों उलझने राहों में और कोशिश बेहिसाब .
इसी का नाम ज़िन्दगी है चलते रहिये ज़नाब…

आज ये कैसा समय आ गया है कि हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है | जब भी फ़ोन की घंटी बजती है तो दिल धक् से हो जाता है कि कही फिर कोई अपना हम सबों को छोड़ कर चला तो नहीं गया |
फेसबुक और व्हाट्स एप को देखने में डर लगने लगा है | सोशल मीडिया और टीवी पर बस एक ही चर्चा है … कोरोना…. कोरोना…. बस करोना |
कल तक सब कुछ ठीक था और अचानक आज सब कुछ समाप्त.. यह कोरोना कौन सी बिमारी आ गयी है |
आज हर कोई इसी विषय पर बात कर रहा है | जितना डर इस कोरोना से नहीं है, उससे ज्यादा लोगों की दशहत भरी बातें सुन कर हो रही है |
डर आ आलम यह है कि हम लड़ने में सक्षम होते हुए भी परिस्थितियों के आगे हार मान लेते है … आज यह ठीक उसी तरह है जैसे …दौड़ने में बाघ से तेज़ होते हुए भी हिरन अपनी ज़िन्दगी बाघ के सामने हार जाता है |
दोस्तों यह हकीकत तो आप भी जानते होंगे कि हिरन की दौड़ने की गति 90 km प्रति घंटा है और बाघ की गति सिर्फ 60 km प्रति घंटा | फिर भी बाघ हिरन का शिकार कर लेता है |
क्योकि हिरन के मन में एक डर होता है कि हम बाघ से कमजोर है और वही डर उसे भागते हुए बार बार पीछे देखने को मजबूर करता है | यह हिरण की गति और मनोबल को कम करता है जिसके कारण उस बाघ का शिकार बन जाता है |
आज यही हाल कोरोना का है | हमारे पास कोरोना से कई गुना ज्यादा रोग प्रतिरोधक क्षमता .है | लेकिन हमारा मनोबल और इम्युनिटी केवल उसके भय के कारण कम हो जाता है और हम उसके शिकार हो जाते है |
पिछले साल कहा जाता था कि 60 साल के ऊपर वाले ही ज्यादा रिस्क पर है | लेकिन आज यह बिमारी क्या जवान …. क्या बच्चे , सभी लोग उसके चपेट में आ रहे है |
सच, हम सब अभी भयानक दौर से गुजर रहे है | इस COVID -19 से हमारे जीवन में भूचाल सा आ गया है. .. हर दिन इसके चपेट में आने वालों की संख्या बढती जा रही हैं |
सभी लोग घबराये नज़र आ रहे है, समझ में नहीं आ रहा कि क्या करें और क्या नहीं | ..क्योकि कोई मरना नहीं चाहता है | सभी के चेहरे पर एक डर का भाव नज़र आ रहा है ,|

.और वो एक कहावत है कि …
जो डर गया समझो मर गया, आज यह कहावत बेमानी लगती है | सच तो यह है कि जो डर गया, वही समझो बच गया | अगर हमें COVID -19 के खिलाफ युद्ध लड़ना है तो हमें इससे डरना भी होगा और जो लोग डर के कारण सरकारी दिशा- निर्देशों का पालन करेंगे वह सचमुच सुरक्षित रहेंगे और साथ साथ दूसरों को भी सुरक्षित रख सकेंगे |
मानसिक स्वास्थ को बनाये रखे…
कोरोना महामारी के इस दौर में मानसिक तनाव हो जाना स्वाभिक है |
हो सकता है कि आपको बेचैनी महसूस हो रही हो, आप तनाव महसूस कर रहे हों | परेशान हो रहे हों .., दुखी हों,…. अकेला महसूस कर रहे हों |
इसके लिए ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सर्विस ने दस टिप्स दिए हैं जिससे हम अपने मानसिक स्थिति को बेहतर बनाए रख सकते हैं…..
- अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ फ़ोन, वीडियो कॉल या फिर सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क में बने रहें |
- – उन चीज़ों के बारे में बात करते रहें जिससे आपको परेशानी हो रही हो, ताकि उसका समाधान ढूंढा जा सके |
- – दूसरे लोगों को भी समझने की कोशिश करें. परस्पर एक दुसरे को मदद करना चाहिए |
- – अपनी नई दिनचर्या को व्यवहारिक तरीक़े से प्लान करें, और अपने को घर में रहते हुए व्यस्त रखें |
- – अपने शरीर का अच्छी तरह ध्यान रखें | नियमित व्यायाम और पौष्टिक ख़ान-पान पर ध्यान दें |
- – आप जहां से भी जानकारियां ले रहे हों वो क्रेडिबल सोर्स हो और इस महामारी के बारे में बहुत अधिक ना पढ़ें | इससे मानसिक तनाव बढ़ता है |
- – अपने व्यवहार को अपने नियंत्रण में रखें, योग और ध्यान कर मन को शांत किया जा सकता है .|
- – अपने मनोरंजन का भी पूरा ध्यान रखें | मन पसंद गाना सुनना , अच्छी पुस्तकें पढना, और अपने hobby को एन्जॉय करें |
- – वर्तमान पर फ़ोकस करें और यह याद रखें कि यह समय चिर-स्थायी नहीं है | यह समय भी गुजर जायेगा |
- – अपनी नींद को किसी भी तरह से बाधित ना होने दें | इम्युनिटी को दुरुस्त रखने के लिए पूरी नींद लेना ज़रूरी है |
इसी सन्दर्भ में मैंने एक प्रेरणादायक आर्टिकल कही पढा है, जिससे आप सबो को अवगत कराना सर्वथा उचित होगा …

मनोवैज्ञानिक प्रभाव
एक नर्स लंदन में ऑपरेशन से दो घंटे पहले मरीज़ के कमरे में घुसकर कमरे में रखे गुलदस्ते को संवारने और ठीक करने लगी ।
ऐसे ही जब वो अपने पूरे लगन के साथ काम में लगी थी, तभी अचानक मरीज़ से पूछा “सर आपका ऑपरेशन कौन सा डॉक्टर कर रहा है ?”
नर्स को देखे बिना मरीज़ ने अच्छे लहजे में कहा …”डॉ. जबसन।”
नर्स ने डॉक्टर का नाम सुना और आश्चर्य से अपना काम छोड़ते हुए मरीज़ के पास पहुँची और पूछा ….”सर, क्या डॉ. जबसन ने वास्तव में आपके ऑपरेशन को स्वीकार किया हैं ?
मरीज़ ने कहा ….”हाँ, मेरा ऑपरेशन वही कर रहे है।”
नर्स ने कहा …”बड़ी अजीब बात है, विश्वास नहीं होता”
परेशान होते हुए मरीज़ ने पूछा … “लेकिन इसमें ऐसी क्या अजीब बात है?”
नर्स ने कहा …”वास्तव में इस डॉक्टर ने अब तक हजारों ऑपरेशन किए हैं उसके ऑपरेशन में सफलता का अनुपात 100 प्रतिशत है । इनकी तीव्र व्यस्तता की वजह से इन्हें समय निकालना बहुत मुश्किल होता है । मैं हैरान हूँ आपका ऑपरेशन करने के लिए उन्हें फुर्सत कैसे मिली?
मरीज़ ने नर्स से कहा .. “ये मेरी अच्छी किस्मत है कि डॉ जबसन को फुरसत मिली और वह मेरा ऑपरेशन कर रहे हैं ।
नर्स ने एक बार कहा … “यकीन मानिए, मेरा हैरत अभी भी बरकरार है कि दुनिया का सबसे अच्छा डॉक्टर आपका ऑपरेशन कर रहा है !!”
इस बातचीत के बाद मरीज को ऑपरेशन थिएटर में पहुँचा दिया गया | मरीज़ का सफल ऑपरेशन हुआ और अब मरीज़ हँस कर अपनी जिंदगी जी रहा है।
मरीज़ के कमरे में आई महिला कोई साधारण नर्स नहीं थी, बल्कि उसी अस्पताल की मनोवैज्ञानिक महिला डॉक्टर थी, जिसका काम मरीजों को मानसिक और मनोवैज्ञानिक रूप से संचालित करना था |, जिसके कारण उसे संतुष्ट करना था जिस पर मरीज़ शक भी नहीं कर सकता था ।
और इस बार इस महिला डॉक्टर ने अपना काम मरीज़ के कमरे में गुलदस्ता सजाते हुए वे कर दिया था और बहुत खूबसूरती से मरीज़ के दिल और दिमाग में बिठा दिया था कि जो डॉक्टर इसका ऑपरेशन करेगा वो दुनिया का मशहूर और सबसे सफल डॉक्टर है जिसका हर ऑपरेशन सफल ऑपरेशन है |
इन सब के साथ मरीज़ खुद सकारात्मक तरीके से सुधार की तरफ लौट आया।
आज मनोविज्ञान ने सिद्ध कर दिया कि रोगी जितनी दृढ़ता से रोग को नियंत्रित करने का प्रयास करता है उतनी ही दृढ़ता से रोग पर जीत दर्ज कर सकता है | कोई भी व्यक्ति संकल्प ले तो हर समस्या को नियंत्रित कर सकता हैं ….. कोरोना′′ को भी…||
और अब अंत में यही कहना चाहता हूँ कि…
हम भारतीयों को अपने परिवार, अपने रिश्तेदार, अपने बच्चे, अपने करीबी दोस्तों, अपने समाज को बचाने के लिए अपना कर्त्तव्य, अपना फ़र्ज़ निभाना होगा |
हर हाल में covid प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कीजिये और आपने अभी तक कोरोना का वैक्सीन नहीं लगवाया है तो ज़रूर लगवा लें | करोना से बचने का यही एक मात्र विकल्प है |
यह कहावत हमेशा याद रखना है कि डर के आगे जीत है और अगर हमें जितना है तो डर से हर हालत में पार पाना ही होगा ….
आप स्वस्थ रहे …खुशा रहें ….मस्त रहें…
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BE HAPPY….BE ACTIVE….BE FOCUSED….BE ALIVE…
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Categories: infotainment
The story is very good as it is a psychological immunity booster for patients
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yes dear ..
we are in need of psychological support to boost our immunity ..
and fight with corona pandemic..
Stay connected and stay safe..
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True, mental well being is very important in these times. One has to be strong enough from inside to curb the negative vibes coming around…
The Gulzar saab poem is awesome.. 💯💯
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Yes dear,
we have to be mentally strong to fight against corona..
Thanks for your visit my Blog..
Stay connected and stay safe..
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Very good tips to fight corona.
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Thank you dear..
Your words keep me going..
Stay connected and safe..
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