चाहने से हर चीज़ अपनी नहीं होती,
हर मुस्कराहट ख़ुशी नहीं होरी..
अरमान तो बहुत होते है मगर,
कभी वक़्त तो कभी किस्मत अच्छी नहीं होती …

अंजना कॉफ़ी – हाउस से वापस अपने घर आ गई और अपने चाची को दिए हुए वचन के अनुसार विजय को अपनी छोटी बहन निर्मला से शादी करने के लिए राज़ी भी कर लिया |
लेकिन ऐसा करने में जाने कितनी पीड़ा का अनुभव हो रहा था ..यह तो सिर्फ भगवान् ही जान रहा था | उसने क्यों मुझे अभागिन बना कर इस धरती पर भेजा है | अंजना इस सब बातों को सोचते हुए अपने तकीए में मुँह छिपा कर रोने लगी |
अंजना ऐसी परिस्थिति से गुज़र रही थी कि वह अपने आँसू भी किसी को नहीं दिखा सकती थी क्योकि उसने हालात से मजबूर होकर स्वयं ही विजय के हाथ को निर्मला के हाथों में सौप दिया था |
अंजना के कमरे में सन्नाटा था और सिर्फ उसकी सिसकियों की आवाज़ सुनाई दे रही थी |
तभी चाची चाय लेकर उसके कमरे में आयी और अंजना को…
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