
विजय वैसे अच्छा लड़का था और दोनों घरो के बीच काफी नजदीकियां थी |
अंजना से उसकी शादी करने पर घर में किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए थी |
लेकिन चाची को तो एक बहाना चाहिए था अंजना को डांट- डपट करने का, क्योकि चाचा ने उसे सिर पर बैठा रखा था, और रखते क्यों नहीं, उसके हिस्से की बहुत सारे पैसे अपने नाम से जमा करा रखे है, | उनका तो एक प्राइवेट फर्म में एक मामूली सी नौकरी है | इसीलिए सब की नज़र अंजना के पैसो पर रहती है |
लेकिन कहते है न कि चाहे सौतेली माँ हो या चाची .. वह माँ की जगह नहीं ले सकती | वह तो किसी ऐसे साधारण लड़के की तलाश में थी जो बिना दान – दहेज़ के शादी कर ले और उसके सारे पैसे चाचा – चाची हड़प ले |
चाची ने विजय और अंजना के बारे…
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