
आज जब मैं समाचार देख रहा था तो मेरा मन बहुत घबरा रहा था, क्योंकि कोरोना की महामारी शायद अपने चरम सीमा पर पहुँच गयी है |
लगातार आ रही भयावह आंकड़े मेरे दिल को दहला रहे थे | मेरा मन बैठा जा रहा था | बहुत दुःख का अनुभव कर रहा था मैं |
तभी मेरे मोबाइल में मेरा एक पुराना विडियो दिख गया जो कोरोना काल के कुछ दिनों पूर्व शूट किया था | उस समय मैं मंदारमनी sea beach पर घुमने गया था | मैं उस विडियो को देखने लगा | उसे देख कर अचानक मन को जैसे थोड़ी सुकून महसूस हो रहा था |
बस मैंने फैसला कर लिया कि उस बिताये गए क्षण को आप लोगों के साथ शेयर करूँगा |
वैसे मुझे बीच पर घूमना बहुत पसंद है। क्योकि sea beach की ताज़ी हवा , उसके लहरों द्वारा गाती गीत मेरे मन, शरीर और आत्मा को बहुत सुकून देते है |
और मेरे पैरों पर मचलती सागर की लहरें मुझे आनंदित कर देते है | वहाँ से वापस आने की इच्छा नहीं हो रही थी |

मेरे प्रत्येक कदम पर पैरों से टकराती सागर की रेत मेरे मन की सारी थकान मिटा रही थी | मुझे समुद्र किनारे पड़े रेत से मानो मुझे प्यार हो गया हो. |
आज सोच रहा हूँ…. , अभी कुछ दिन पहले की ही तो बात थी और आज स्थिति बिलकुल भिन्न हो गयी है | पिछले एक साल से हमलोग घर के अन्दर कैद है…जैसे हम काला पानी की सजा काट रहे हो |
रोज सुबह उठ कर भगवान् को सबसे पहले धन्यवाद करते है कि चलो आज भी मैं सही सलामत बच रहा हूँ | जब कि कल ही 2 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हो गए है |
एक एक दिन काटना जैसे एक युग के समान लग रहा है | पता नहीं यह दिन कब तक देखना होगा | इस बीच हमारे बहुत से साथी हमें छोड़ कर चल बसे | उनके अंतिम दर्शन भी नसीब नहीं हुआ | बस सोशल मीडिया के द्वारा खबर प्राप्त कर रहा हूँ |
अभी कोरोना के आगमन के कुछ दिनों पूर्व की बात है , सब कुछ सामान्य गति से चल रहा था | ज़िन्दगी हसीन नज़र आ रही थी |
अपने परिवार के साथ घूमते हुए मैं सागर के किनारे (sea beach ) पहुँच गया । जगह का नाम था मंदार मनी |
बहुत ही सुहाना दृश्य था | एक ओर सागर हिलोरें ले रहा था, तो दूसरी तरह हम मानवो का महासागर ।
उछलते कूदते बच्चे रंगबिरंगे कपड़ों में सजे हुए थे । छोटी-छोटी बालिकाएँ उड़ती हुई तितलियों के समान सुंदर लग रही थीं ।
तट पर बैठे हुए लोग अपनी अपनी बातों में मगन थे। युवक युवतियों की फैशनेबल पोशाक और खुली हुई हँसी सबको अपनी ओर आकृष्ट कर रही थी । कुछ लोग मोबाइल को हाथों में लेकर लाइव हो रहे थे ताकि इस बेहतरीन पल को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया के द्वारा शेयर कर सके |

दूर एक कोने में बैठा हुआ एक चित्रकार सागर की रेत पर सजीव सौदर्य को रेत पर अंकित कर रहा था । कुछ लोग खुशी से इधर-उधर टहल रहे थे।
सागर की मनचली लहरें शोर करती हुई इस तरह किनारे के पास आ रही थीं, मानो वे दूर क्षितिज का कोई सुखद सन्देश धरती को सुनाने आ रही हों । शीतल, मंद हवा के स्पर्श से शरीर और मन दोनों पुलकित हो रहे थे ।
सूर्य अपनी किरणें लगभग समेट चुका था और उसकी लालिमा से सागर के जल का रंग सिंदूरी हो रहा था । सागर में खड़ी नावें बड़ी-बड़ी छाया मूर्तियाँ जैसी लग रही थीं।
नाव पर बैठे मल्लाह अपनी सुरीली और ऊँची आवाज में कोई गीत गा रहे थे। आकाश अपनी सुनहरी शोभा बिखेरकर रात्री के आगमन की तैयारियाँ कर रहा था ।
साथ ही उगता हुआ दूज का चाँद बड़ा मोहक लग रहा था। सचमुच बड़ा अद्भुत दृश्य था वह !
मैं sea beach के किनारे चलते हुए सागर की ऊँची ऊँची उठती लहरों को देख कर रोमांचित हो रहा था | .यहाँ का अद्भुद वातावरण को देख कर मेरे आँख मानो मंत्र मुग्ध हुए जा रहे थे. |

सूर्यास्त और मेरी खुशी
सूर्यास्त के इस मन मोहक बेला में मैं अपने परिवार के साथ समुद्र तट पर एक ओर बैठ गया । धीरे धीरे अँधेरा गहराने लगा था।
तभी बिजली की बत्तियों से सारा मार्ग जगमगा उठा था । नारियल के वृक्षों की छाया डरावनी सी लग रही थी । पक्षियों की टोलियाँ आकाश में अपने घरों को लौटते हुए नजर आ रही थीं । सब कुछ मन भावन लग रहा था … आज की स्थिति के बिलकुल विपरीत |
मन पर प्रभाव
धीरे-धीरे समुद्र की तरफ से आती हवा की गति तेज़ हो रही थी |
वातावरण अधिक शीतल हो गया । बच्चों ने घरौदे बनाना छोड़ दिया था । बनाए हुए घरौदों को वे पुलकित होकर देख रहे थे, मानो वे उन्हें छोड़कर जाना नहीं चाहते थे। बहुत से बच्चों के हाथों में गुब्बारे थे, जिन्हें वे बड़ी खुशी से हवा में उड़ा रहे थे ।
किनारे पर बैठे हुए लोग भी अब उठने लगे थे । सबके चेहरे पर ताजगी और खुशी थी । सागर के तट ने मेरे मन में नया उत्साह भर दिया था । हमलोग वहाँ से वापस अपने होटल की ओर चल दिए |
इस तरह समुद्र तट का खुबसूरत नजारा और मनोरम दृश्यों को देखने में समय कैसे बीत गया पता ही नहीं चला ….
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Thank you very much…
Stay connected and stay happy…
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Nice writing on your past.
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Thank you dear ..
Just comparing those days with the present corona pandemic ..
Stay connected and stay happy..
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ईश्वर के प्रति कृतज्ञता का यह रवैया इतना महत्वपूर्ण है।
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जी , बिलकुल सही कहा …
ईश्वर के प्रति कृतज्ञता बहुत ज़रूरी है …
बहुत बहुत धन्यवाद , हमारी हौसलाअफजाई के लिए…
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Nice memories on your past
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Yes dear,,
Just comparing those days with the present circumstances..
witnessing the change in our day to day life…
Stay connected and stay happy…
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Well written. It is rightly said that if you want to relieve your stress and tension then go to the beach because the sound of the sea waves and feeling of warm sand beneath our toes, relaxes and soothes our body and mind.
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Yes sir,
Sea Beach is the best place to relieve stress and tension…
Thank you for your beautiful words..
Stay happy and stay safe…
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Reblogged this on Retiredकलम and commented:
यह ज़रूरी नहीं कि इंसान हर रोज़ मंदिर जाए ,
बल्कि कर्म ऐसे करो को इंसान जहाँ भ जाये मंदिर वही बन जाए,..
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Thank you very much..
Stay safe and stay happy…
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