
आज कल भगवान मेरी कोई प्रार्थना नहीं सुनते है। इसकी कोई ठोस वजह मुझे नज़र नहीं आता है |
लोग कहते है कि भगवान को साफ़ – सफाई बहुत पसंद है … मैं घर में और अपने आस पास खूब साफ़ सफाई रखता हूँ |
लेकिन तभी महसूस हुआ कि मुझे तो सफाई करनी थी …. अपने अंतरमन और आत्मा की …. पर मैंने तो ऐसा कुछ किया ही नहीं ….
और बस यहीं से हमारा खेल शायद बिगड गया है | इसीलिए मैं दुःख और बेचैनी का अनुभव करता रहता हूँ |
अब मैं ने तय किया है कि आत्मा को स्वच्छ रखना है | हमारे अन्दर जो वर्षों से गन्दगी जमी हुई है उसे हटाना है, क्योंकि आत्मा में परमात्मा का अंश रहता है ।
कभी – कभी हम अपनी भावनाओं को कविता के माध्यम से प्रकट करने की कोशिश करते है |
जी हाँ, हम कभी -कभी अपने आप को कविता के रूप में भी प्रकट करते है |
क्योंकि मेरी कविता मेरी आत्मा है ….जो शब्दों के माध्यम से मुझे एक नयी उर्जा और पहचान देते है,
हम इसके माध्यम से साँस लेते है .| …. ,
मेरे कलम की स्याही मेरे दर्दों को कागजो पर बयाँ करते है … हम अपने विचारों को कविता के माध्यम से पुनर्जीवित करते है … अपनी सोच के सहारे कविता को उडान हेतु पंख देते है | ..
जी हाँ, हम कभी कभी कविता भी लिखते है…….

बनते बिगड़ते रिश्ते
एक अजीब सी बेचैनी है, आज मेरी आँखों में
सारा जग सो रहा है, पर मेरी आँखों में नींद नहीं |
अँधेरी इस रात में … कलम थामे हाथ में
कागज़ पर स्याही बिखरने को मन बेचैन है.. |
रात का सन्नाटा है…और इन सुनी आँखों में
दिखती दिल और दिमाग में एक द्वंद् है …|
सवाल सिर्फ रिश्तों के सिमटने का नहीं है ..
यह तो घाव जो ज़िन्दगी भर रिसेगा
एक दर्द है जो ज़िन्दगी भर टिसेगा ..|
क्या रिश्ते इतनी आसानी से छूटते है
बनाने में तो बहुत वक़्त लगता है…
पर इतनी ज़ल्दी क्यों टूटते है ??…
इसी कशमकश में ख्याल आया कि
क्यों ना रात .. यूँ ही गुजर जाने दूँ ….
शायद नई सुबह की नई किरण
सब कुछ पहले जैसी कर दे ..और
रिश्तों की गाड़ी, फिर पटरी पर लौट
पहले से तेज़. सरपट भागती नज़र आए |
आँखें भीच गई… कलम मेरी रुक गई ,
कुछ अच्छे की आस में… ज़िन्दगी की तलाश में…
इस अँधेरी रात में .. नयी सुबह की आस में …
जाने बैठा हूँ कब से .. एक अदद ज़िन्दगी की तलाश में ||
…विजय वर्मा

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Categories: kavita
भावपूर्ण रचना 👌🏼👌🏼😊
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बहुत बहुत धन्यवाद ….
आप के शब्द से मुझे लिखने की प्रेरणा मिलती है /
आप स्वस्थ रहें ,,,खुश रहे …
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thank you very much..
Stay connected and stay happy..
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Wah.. kya baat hai… bahut sundar positive poem… 🙂
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Thank you very much dear..
Your words encourage me to write even better..
Stay connected and stay happy..
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बहुत सुन्दर रचना 👌👏
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हौसलाअफजाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया |
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👍👍👍👌👌👌
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आप स्वस्थ रहें …खुश रहें |
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Reblogged this on Retiredकलम and commented:
मुमकिन नहीं हर वक़्त मेहरबां रहे ज़िन्दगी ,
कुछ लम्हें जीने का तजुर्बा भी सिखाते है …
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बहुत सुंदर प्रस्तुति दी है मित्र
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बहुत बहुत धन्यवाद । आपलोगों के तारीफ से हौसला बढ़ता है ।
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