बुढ़ापे का सुन्दर समाधान

ये ज़िन्दगी बस यूँ ही बीत जानी है

आज बचपन तो कल ज़वानी है

गुरुर कैसा जो जिस्म ख़ूबसूरत है

बुढ़ापा भी तजुर्बे की अदद निशानी है

दोस्तों, कभी कभी हमें कुछ ऐसी जानकारियाँ हाथ लगती है जिसे शेयर करने को जी चाहता है ताकि मनोरंजन के साथ साथ कुछ ज्ञान की बातें भी सिख सकें  |

आज मुझे सिनिअर सिटीजन (senior Citizen) से सम्बंधित कुछ अच्छी बातें पढने को मिली | इस  लेख को पढ़ कर बहुत अच्छा लगा और अब मैं इसे आप लोगों के बीच शेयर करना चाहता हूँ ….

एक छात्रा जो विदेश में पढाई करने के लिए गयी हुई थी | वह जब अपनी पढाई समाप्त कर भारत वापस आयी तो वहाँ अपने प्रवास के दौरान उस देश के बारे में  और वहाँ के लोगों के बारे में अपने संस्मरण को लिखा |

अपने संस्मरण में  उस देश के बारे में एक बहुत ही अच्छी प्रथा का ज़िक्र किया गया है जिसमे बताया गया है कि वहाँ की सरकार और वहाँ के प्रबुद्ध  नागरिक  अपने भविष्य को और आने वाले अपने बुढ़ापे को कितने अच्छी ढंग से सँभालते है |

अब आगे की कहानी उसी छात्रा की जुवानी ….

स्विट्जरलैंड में पढ़ाई के दौरान, मैंने अपने स्कूल के पास एक मकान किराए पर लिया था। मकान मालकिन क्रिस्टीना एक 67 वर्षीय एकलौती बूढ़ी महिला थी, जो सेवानिवृत्त होने से पहले एक माध्यमिक विद्यालय में शिक्षिका  के रूप में काम कर चुकी थी ।

स्विट्जरलैंड की “सामाजिक सुरक्षा और पेंशन की व्यवस्था  बहुत अच्छी है, इसमें वरिष्ट नागरिको को भोजन, आश्रय और अपने स्वास्थ के बारे में चिंता करने की ज़रुरत नहीं होती है |

उनकी चिंता  वहाँ की सरकार और वहाँ के प्रबुद्ध नागरिक मिल जुल कर करते है |

एक दिन मुझे पता चला कि मेरी  मकान मालकिन क्रिस्टीना एक 87 वर्षीय एकल बूढ़े व्यक्ति की देखभाल करने का जिम्मा लिया है।

मैंने उस महिला से पूछा कि क्या वह पैसों के लिए यह काम कर रही है ?

उसके जवाब ने मुझे चौंका दिया: |

“मैं पैसों  के लिए काम नहीं कर रही, बल्कि मैं अपना समय ‘समय बैंक’ में जमा करा  रही हूँ, और जब मैं अपने बुढ़ापे में चल फिर  नहीं सकूंगी, और मुझे मदद की ज़रुरत होगी तो मैं इसे वापस पा सकती हूँ |

पहली बार जब मैंने “समय बैंक” की इस अवधारणा के बारे में सुना, तो मैं बहुत उत्सुक हुई और मकान मालकिन से  पूछा।

उसने बताया कि ….”समय बैंक” की अवधारणा स्विस फेडरल सामाजिक सुरक्षा मंत्रालय द्वारा विकसित एक वृद्धावस्था पेंशन कार्यक्रम है।

इसमें लोग बुजुर्गों की देखभाल करने के लिए अपन समय लगाने का विकल्प दिया जाता है …और जब हम बूढ़े या बीमार हो जाते है और अपनी देखभाल के लिए जब किसी की मदद की जरुरत होती है तो उस परिस्थिति हम अपने जमा किये गए समय को वापस ले सकते है या खर्च कर सकते है |

…..जो व्यक्ति समय बैंक में समय बचाना चाहते है उनके लिए स्वस्थ होना एवम् संवाद करने में सक्षम और मृदु स्वभाव का होना चाहिए |

उन्हें उन बिजुर्गों की देखबाल करने की जिम्मा दिया जाता है जिन्हें मदद की ज़रुरत होती है । आवेदक स्वस्थ होना चाहिए, संवाद करने में अच्छा और प्यार से भरा होना चाहिए। रोज उन्हें बुजुर्गों की देखभाल करनी होती है, जिन्हें मदद की ज़रूरत होती है।

उनके “सेवा घंटों” को सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के व्यक्तिगत ‘समय’ खातों में जमा किया जाता है। क्रिस्टीना सप्ताह में दो बार काम पर जाती थीं, हर बार दो घंटे बिताती थीं, बुजुर्गों की मदद करती थीं, खरीदारी करती थीं, उनके कमरे की सफाई करती थीं, उन्हें धूप सेंकने के लिए ले जाती थीं, उनसे बातें करती थीं।

नियमानुसार सेवा के एक वर्ष के बाद, “समय बैंक” सेवा देने वाले व्यक्ति के काम के घंटे की गणना करता है और उसे एक “समय बैंक कार्ड” जारी करता है। जब उसे अपनी देखभाल करने के लिए किसी की आवश्यकता होती है, तो वह “समय और ब्याज” को वापस लेने के लिए अपने “समय बैंक कार्ड” का उपयोग कर सकता है।

सूचना सत्यापन के बाद, “समय बैंक” अस्पताल या उसके घर पर उसकी देखभाल करने के लिए स्वयंसेवकों को नियुक्त करता है।

Happy senior adults showing thumbs up sign

छात्रा ने आगे लिखा कि एक दिन, वह स्कूल में थी और मकान मालकिन ने फोन किया और कहा कि वह खिड़की से पोंछा लगा रही थी और वह स्टूल से गिर गई है । मैंने जल्दी से छुट्टी ली और उसे इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया।

मकान मालकिन का टखना टूट गया था और उसे थोड़ी देर बिस्तर पर रहने की जरूरत पड़ी । जब मैं उसकी देखभाल के लिए अपने स्कूल से छुट्टी के लिए आवेदन करने की तैयारी कर रही थी, तो मकान मालकिन ने मुझसे कहा कि मुझे उसकी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उसने पहले ही “समय बैंक” को एक निकासी अनुरोध प्रस्तुत कर दिया है।

दो घंटे से भी कम समय में “समय बैंक” ने एक नर्सिंग कर्मी को मकान मालकिन की देखभाल के लिए भेज दिया ।

अगले एक महीने तक,  नर्सिंग कर्मी ने मकान मालकिन की रोज़ देखभाल की, उसके साथ बातचीत की और उसके लिए स्वादिष्ट भोजन बनाया। देखभालकर्ता की सावधानीपूर्वक देखभाल के बाद,  मकान मालकिन जल्द ही स्वस्थ हो गयी |

 ठीक होने के बाद, मकान मालकिन “काम” पर वापस चली गई। उसने कहा कि वह “समय बैंक” में अधिक समय बचाने का इरादा रखती है, क्योंकि वह अभी भी स्वस्थ है।

आज, स्विट्जरलैंड में, बुढ़ापे का समर्थन करने के लिए “समय बैंकों” का उपयोग एक आम बात बन गई है। यह न केवल देश के पेंशन खर्च को बचाता है, बल्कि अन्य सामाजिक समस्याओं को भी हल करता है ।  

वहाँ के बहुत सारे स्विस नागरिक इस तरह के वृद्धावस्था समय पेंशन को पसंद करते है |

स्विस पेंशन संगठन द्वारा किए गए सर्वेक्षण से पता चलता है कि स्विस के आधे से अधिक लोग इस प्रकार की वृद्धावस्था देखभाल सेवा में भाग लेना चाहते हैं। स्विस सरकार ने “समय बैंक” पेंशन योजना का समर्थन करने के लिए कानून भी पारित किया है ।

वर्तमान में एशियाई देशों में “घरों में अकेले रहने वाले बूढ़े लोगों” की संख्या बढ़ रही है और यह धीरे-धीरे एक सामाजिक समस्या बन रही है | ऐसी स्थिति में  स्विट्जरलैंड शैली के “समय बैंक” पेंशन योजना हम सबों के लिए एक अच्छा विकल्प बन सकता है |

इस अच्छी अवधारणा के बारे में आपका क्या विचार है ….क्या हम इस योजना को अपने देश में लागू नहीं कर सकते है…अगर हाँ तो किस तरह ?

कृपया अपने विचारों से अवगत कराएँ…. मुझे ख़ुशी होगी..||

याद आता है मुझे पढने हेतु नीचे link पर click करे..

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BE HAPPY….BE ACTIVE….BE FOCUSED….BE ALIVE…

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Categories: आज मैंने पढ़ा

16 replies

  1. Very interesting facts about time bank.I heard first time.Very nice.

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  2. एक अच्छी जानकारी व सुंदर समाधान 👌🏼

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  3. जी. बहुत बहुत धन्यवाद…
    यह एक सोच का विषय है..हमें भी तत्परता से अपनाने के बारे में सोचना चाहिए /

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  4. बहुत खूब, समय बेंक अच्छा विचार है। में मेरे विस्तार यह लागू किया जा सकता है या नहीं उस पर कार्य करुंगा। आपकी जानकारी के लिए बताता हूं कि मेने हमारे विस्तार में ट्री बेंक शुरू किया है, परिणाम बहुत अच्छे मीले है। ट्री बेंक का कोन्सेप्ट यह है कि स्कूल के बच्चों को अपने नाम से एक वृक्ष का पौधा लगाना है, ओर उसकी देखभाल करनी है। हर रविवार उसे अपने पौधे के साथ एक धंटा बीताना है। बच्चों को कुछ भी पैसा खर्च नहीं करना है। यह पौधा जब वृक्ष बनता है तो उसकीं सारी कमाई उस बच्चे को मीलती है। हमारा उद्देश्य ईसके द्वारा बच्चों में वृक्षों के प्रति लगाव पैदा करने का है। ईस प्रोजेक्ट के लिए हमने अबतक २००० से ज्यादा वृक्षों का पालन करवाया है। यानी उतने ही बच्चों को खुद की आमदनी का साधन उपलब्ध कराया है और पर्यावरण की सेवा की है।
    समय बेंक पर जरूर कुछ किया जा सकता है। अच्छे विचार कि प्रेरणा के लिए आपका आभारी हूं।

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    • सबसे पहले तो आपके द्वारा किये जा रहे प्रयास के लिए दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ..
      अगर हम सब ऐसी सोच रखे तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है | हम सब मिलकर समाज
      और लोगों की भलाई के लिए कार्य करें तो लोगों के भला होने के साथ साथ, हमें भी आत्मसंतुष्टि
      मिलती है …आपको बहुत बहुत धन्यवाद..

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  5. You have very good thoughts Vermavkv. I enjoyed reading this post. It’s thought provoking and nice.

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  6. Very pertinent problem to be taken care of.

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  7. समय बैंक , बुढ़ापे का सुन्दर समाधान।

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  8. बहुत बहुत धन्यवाद /
    आपके शब्द हमारे हौसला बढ़ाते है

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Trackbacks

  1. बुढ़ापे का सुन्दर समाधान – keshumali's Blog

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