
मेरे ज़िन्दगी में खुशियां …. तेरे बहाने से है
आधी तुझे सताने से है…आधी तुझे मनाने से है
आज आनंद बहुत खुश था , शायद काफी दिनों के बाद वह सदमे से पूरी तरह बाहर आ चूका था और दूसरी तरफ उसको फिल्म का भी ऑफर मिल गया था |
वह ख़ुशी ख़ुशी तैयार तो हो रहा था स्टूडियो जाने के लिए, लेकिन उसे थोड़ी घबराहट भी हो रही थी क्योकि पहली बार वह कैमरे का सामना करने जा रहा था |
वह धडकते दिल से स्टूडियो की ओर चल पड़ा |
लेकिन साथ में निशा नहीं जा रही थी क्योकि आज से उसके फिल्म की भी शूटिंग शुरू हो चुकी थी, और वो शूटिंग के लिए विदेश चली गयी थी |
वहाँ स्टूडियो में सभी लोग आनंद का ही इंतज़ार कर रहे थे | आनंद के वहाँ पहुँचते ही सभी लोगों ने उसका जोरदार स्वागत किया जैसे वह कोई पुराना और मशहूर कलाकार हो |
कुछ समय पश्चात् स्क्रीन टेस्ट लेने के लिए सब लोग स्टेज पर आ गए |
थोड़े प्रयासों के बाद उसका स्क्रीन टेस्ट की फॉर्मेलिटी पूरी हो गयी और वह उसमे सफल रहा |
आनंद के ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा | उसके बाद उसका यूनिट के सभी सदस्यों से परिचय कराया गया | कुछ लोग तो पुराने जान पहचान के भी निकले जो कभी उसके स्वर्गीय पिता धर्मराज जी के साथ थे |
वैसे फ़िल्मी दुनिया उसके लिए अनजाना नहीं था | वो अपने पिता जी के साथ कितने ही बार स्टूडियोज में आता रहता था और फिल्म की बारीकियों से भी आनंद वाकिफ था |

लेकिन फिल्म की हीरोइन के बारे में जानने के लिए उसकी उत्सुकता बढ़ रही थी तभी थोड़ी देर में उस फिल्म की हीरोइन “स्वीटी” भी वहाँ उपस्थित हुई |
वह हरे रंग की ड्रेस में बहुत ही ख़ूबसूरत लग रही थी और दोनों ही एक दुसरे से मुस्कुराते हुए मिले और एक दुसरे को बधाई दी |
ख़ुशी का माहौल था और इस मौके पर विधिवत फिल्म शुरू करने की घोषणा की गई | पहला शॉट इन दोनों पर लिया गया और तभी केक भी आ गया |
पुरे यूनिट के लोग मिलकर केक काट कर एक दुसरे को शुभकामनाएं दी |
ऐसे मौके पर आनंद को निशा की बहुत याद आ रही थी | सचमुच आज जो उसे ख़ुशी के दिन देखने को मिल रहे है .. उसमे निशा का भी बहुत बड़ा योगदान था | अगर वो उसके साथ ना होती तो पता नहीं आनंद की मानसिक अवस्था क्या होती |
तभी आनंद की फ़ोन बज उठी और निशा का नंबर देख कर आनंद के ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा |
वह खुश होते हुए यहाँ चल रहे पुरे कार्यक्रम के बारे में निशा को बताया और कहा … तुम्हारी अनुपस्थिति मुझे बहुत खल रही है | इस मौके पर तुम होती तो हमारी ख़ुशी दोगुनी हो जाती |
निशा भी खुश होते हुए कहा … बहुत बहुत बधाई आनंद | अब मुझे आशा है कि हमारे अच्छे दिन आ जायेंगे | वैसे मैं अगले महीने ही आ पाऊँगी | हमें भी यहाँ शूटिंग में मज़ा आ रहा है |
और देखते देखते एक महिना बीत गया … आनंद के फिल्म की विधिवत् सूटिंग शुरू हो गई और पहला लोकेशन काश्मीर का था |
काश्मीर की घाटियों में फिल्म शूटिंग का पहला दिन तो बिना री -टेक के पूरा हुआ | यूनिट के सभी लोग हीरो- हीरोइन की performance पर खुश दिखाई दे रहे थे |
लेकिन दुसरे दिन एक tragedy का सिन फिल्माते समय आनंद को उसकी माँ और बहन की tragic मौत की याद आ गई | उसे चक्कर आ गया और वह वही गिर पड़ा |
वह उस tragedy वाला सिन नहीं कर सका और उसकी तबियत अचानक खराब हो गयी |
आनंद की स्थिति इतनी ख़राब हो गयी कि उसे ज़ल्दी से कश्मीर से मुंबई लाकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया |

संयोगवश निशा अपनी शूटिंग पूरी कर विदेश से आ चुकी थी और आनंद के बारे में सुनते ही वह दौड़ी – दौड़ी हॉस्पिटल पहुँच गयी |
निशा आनंद की देख भाल में लग गयी और आनंद के मानसिक स्थिति के बारे में एक स्पेशलिस्ट डॉक्टर से उसने सलाह ली |
डॉक्टर ने आनंद की पूरी जांच करने के बाद इस नतीजे पर पहुँचा कि आनंद को अपने माँ बाप के tragic मौत का गहरा सदमा लगा है और जब तक उसे मौत के सही कारणों का पता नहीं चलता, तब तक इस तरह के दौरे आते रहेंगे |
निशा को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करे | उसके कुछ दोस्तों ने सलाह दी कि आनंद के माँ – बाप और बहन के हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए कोई प्राइवेट जासूस की मदद ली जाए |
और साथ ही आनंद को कुछ दिनों के लिए विदेश भ्रमण कराया जाए.. ताकि माहौल बदलने से आनंद जल्दी स्वस्थ हो सकता है |
हालाँकि आनंद फिर से depression में चला गया था, और उसकी हालत वैसी ही हो गयी थी जैसी उस tragic घटना के बाद हुई थी |
लेकिन निशा आनंद से बेहद प्यार करती थी, वह उसके लिए अपने professional carrear की परवाह करना छोड़ दी और अब उसका बस एक ही मकसद था कि किसी तरह आनंद के जीवन में फिर से ख़ुशी लौट आये |
उसने फिर से आनंद की counseling शुरू कर दी और साथ ही उसे विदेश ले जाने का फैसला किया |
इस बीच आनंद की सहमती से एक निजी जासूस को यह काम सौपा गया |
उसे यह काम सौपा गया कि वह जल्द से जल्द पता लगाए कि आनंद के पुरे परिवार की मौत क्यों और किन परिस्थितियों में हुई ?..
क्या इसके पीछे कोई षड्यंत्र है… अगर हाँ तो इसके पीछे किसका हाथ है ?
हालाँकि, पुलिस भी इस केस की तहकीकात में जुटी हुई थी लेकिन सरकारी कार्य में समय तो लगता ही है |
और जब तक आनंद को सच्चाई का पता नहीं चलेगा उसके दिमाग को शांति नहीं मिलेगी और वह मानसिक रोगी बना रहेगा |
लेकिन निशा के साथ विदेश भ्रमण आनंद को अच्छा लग रहा था और वह तेज़ी से ठीक होने लगा | निशा अपना सभी काम – धंधे छोड़ कर आनंद के साथ साए की तरह रहने लगी |
और इसकी बड़ी कीमत निशा को चुकानी पड़ी | उसके जितने भी फिल्म हाथ में थे, सभी से उसे निकाल दिया गया था क्योकि उस फिल्मो के लिए वह समय नहीं दे पा रही थी |
और दूसरी तरफ आनंद बहुत जल्दी ठीक होकर अपनी फिल्म को पूरा करने पर ध्यान लगाने लगा |
हालाँकि फिल्म की बारीकियों को आनंद पहले से ही जानता था क्योकि घर में भी तो फ़िल्मी माहौल था | इसलिए उसकी मेहनत रंग लाई और सभी लोगों के प्रयासों से तीन महीने में फिल्म बन कर तैयार हो गयी |

फिल्म बहुत ही अच्छी बनी थी और इस फिल्म को परदे पर लगते ही आनंद और फिल्म की हीरोइन रातों रात सफलता की बुलंदियों को छूने लगे |
कुछ ही दिनों में आनंद को बहुत सारे फिल्म के ऑफर आने लगे और सभी लोग इसी हिट जोड़ी को ही दोहराना चाहते थे |
इधर निशा के पास फिल्मो के ऑफर आना ही लगभग बंद हो गए | इसलिए आनंद भी निशा के साथ परदे पर आने के लिए बहुत से निर्माताओं से बात की |
लेकिन सभी ने बस यही कहा … हमारे लिए तो जो हिट है वही फिट है | अतः हमलोग किसी दुसरे हीरोइन को लेने का रिस्क नहीं ले सकते है |
निशा को आज कोई भी फिल्म वाले काम नहीं देना चाहते थे, इसलिए निशा कुछ परेशान रहने लगी | हालाँकि उसे पता था कि इस स्थिति की जिम्मेदार वह खुद ही है |
समय का पहिया घूमता रहा और आनंद की एक -एक कर फिल्मे हिट होती रही और देखते देखते फिल्म इंडस्ट्री का वह सबसे demanding कलाकार बन गया |
लेकिन कहते है न कि जब किसी शख्स पर शोहरत सर चढ़ कर बोलता है, तो वह अपने पुराने दिनों को और पुराने साथी को भूल जाता है |
और फिर वही हुआ जिसका डर निशा को था | ……(क्रमशः)

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Categories: story
Heartwarming story progressing nicely.
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Thank you sir…
Your appreciation boost my confidence..
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Good story.
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Thank you dear ..
Your words inspire me to write even better,,
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Nice story
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Thank you very much..
Stay connected and stay happy..
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Reblogged this on Retiredकलम and commented:
एक कसक दिल में रह गई ,
ज़िन्दगी में उनकी कमी रह गई
इतना प्यार करने के बाद भी ना मिली
शायद मेरे प्यार में ही कुछ कमी रह गई ||
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Bahut अच्छी कहानी
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बहुत बहुत धन्यवाद डियर |
आप कहानी पढ़ते है तो मुझे बहुत खुशी होती है |
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