# किस्मत की लकीरें #–9

source: Google.com

मुझे इतनी फुर्सत कहाँ कि अपनी तकदीर का लिखा देख सकूँ..

बस माँ की मुस्कराहट देख कर समझ जाता हूँ कि मेरी तकदीर बुलंद है

आज सुबह कालिंदी देर तक सो रही थी, क्यों कि कल की भागा दौड़ी में उसे काफी थकान हो गयी थी | ..तभी माँ ने  गरमा गर्म चाय बना कर लाई और कालिंदी को जगाते हुए कहा.. कालिंदी बेटी, उठो और चाय पी लो | इससे तुम्हारी थकान दूर हो जाएगी और नींद भी पूरी तरह खुल जाएगी |

कालिंदी अलसाए  हुए उठी और माँ के हांथो से चाय लेकर पीने लगी |

माँ उसके पास ही बैठ कर  खुद भी चाय पीने लगी |

बातों का सिलसिला शुरू करते हुए माँ ने कहा … कुछ दिनों से मेरे मन में एक बात घूम रही है जिसे मैं कहना चाह रही थी |

तो कहो ना माँ,  इसमें अपनी बेटी से कहने में संकोच कैसा ?..कालिंदी माँ को समझाते हुए कहा |

तो सुन, मेरी बात ध्यान से सुन | एक सप्ताह पहले तुम्हारे पिता जी से फ़ोन पर बात हो रही थी, तो उन्होंने कहा … अब मैं चाहता हूँ कि कालिंदी की शादी कर दूँ |

हमारे परिवार और समाज में लड़की को जल्द ही शादी के बंधन में बाँध देते है | उन्होंने तो एक लड़का भी देख रखा है |

तुम कहो तो उनके परिवार वालों से तुम्हारे रिश्ते की बात करूँ |

इतनी ज़ल्दी भी क्या है माँ…कालिंदी बात को टालना चाह  रही थी |

जल्दी है बेटी, अब तुम्हारे पिता जी भी रिटायर हो रहे है इसलिए मैं भी चाहती हूँ कि तुम्हारी शादी करके निश्चिन्त  हो जाऊं | और फिर हमलोग आराम से तीर्थ यात्रा पर निकल जायेंगे |

नहीं माँ, मैं अभी शादी नहीं करना चाहती हूँ … कालिंदी ने कुछ शरमाते हुए कहा |

शादी तो तुम्हारी करनी है |

हाँ, अगर तुम्हे कोई पसंद है तो मुझे बताओ |  मैं तुम्हारे पिता जी को बता दूंगी | वे हमारे ज़बाब की प्रतीक्षा कर रहे है |

एक  तुम्ही तो हो माँ,  जिससे मैं दिल की बात बताती हूँ | मैं तुमसे कुछ भी नहीं छुपाती |

मुझे एक लड़के से प्यार हो गया है … कालिंदी कहते हुए माँ की गोद में सिर छुपा लिया |

source: Google.com

अच्छा – अच्छा,  वह कौन है और उसका फोटो तो दिखाओ ?.. ..माँ ने कालिंदी के सिर पर हाँथ रखते हुए पूछा |

माँ, सच बताऊँ तो मैं भी आज तक उससे  नहीं मिली हूँ और ना ही उसे देखा है | बस फ़ोन पर उसकी आवाज़ सुनती हूँ …. कालिंदी ने अपनी सच्चाई बता दी |

ऐसा कैसे हो सकता है ?

ना तुम मिली हो और ना उसके बारे में पूरी तरह जानती ही हो .. .माँ ने आश्चर्य प्रकट करते हुए पूछा |

इसी को इश्क कहते  है माँ  … कालिंदी ने हँसते हुए माँ से कहा |

ठीक है , अब तो उसे बुला कर मेरे पास लाओ |

मैं भी तो देखूं वह कौन है ? … माँ उसे समझाते हुए कहा |

ठीक है माँ,  अगली बार जब बात होगी तो तुम्हारा सन्देश उसे पहुँचा दूंगी … इतना बोल कर कालिंदी ड्यूटी जाने की तैयारी  करने लगी |

कालिंदी अपने ऑफिस में बैठे एक अपराधी के  फाइल स्टडी कर रही थी तभी चपरासी चाय लाकर मैडम के टेबल पर रखा |

फाइल को पेपर वेट से दबा कर कालिंदी चाय पिने लगी तभी उसके मन में एक विचार कौंधा … इन अपराधियों के धड – पकड़ के कारण यहाँ अपराधी तत्त्व हमसे काफी नाराज़ है |

तभी तो उनलोगों ने मुझे  मारने का पूरा प्लान बना लिया था | हालाँकि उनका प्लान सफल नहीं हो सका |  लेकिन यह लोग चुप नहीं बैठेंगे  और पुनः मुझे जान से मारने  की कोशिश करेंगे |

हमारी गुप्त प्लान की भी जानकारी हो जाती है इन्हें | इसका मतलब है कि इन लोगों की जड़ें काफी गहरी  है जिसे उखाड़  फेकने में काफी मिहनत तो करनी ही होगी साथ ही चौकन्ना भी रहना पड़ेगा| |

source: Google.com

तभी कालिंदी के फ़ोन की घंटी बज उठी | उसने फ़ोन देखा तो चौक पड़ी…. अरे, यह तो बैंक के मैनेजर गुप्ता जी का फ़ोन है | वैसे गुप्ता जी से कालिंदी की जान पहचान है |  उसी  बैंक में तो कालिंदी का भी अकाउंट है |

कालिंदी फ़ोन उठाकर कहा .. .हाँ गुप्ता जी, आपने कैसे फ़ोन किया ?

मैडम यहाँ  बहुत गड़बड़ घोटाला चल रहा है .. .गुप्ता जी फ़ोन पर धीरे धीरे बोल रहे थे |

ऐसी क्या बात हो गई, गुप्ता जी ..कालिंदी आश्चर्य प्रकट करते हुई बोली |

हमारे यहाँ कोयला खदान में काम करने वाले मजदूरों का खाता है |

यहाँ अक्सर दलाल लोग  मजदूरों को शराब पीने  के लिए और किसी काम के लिए कुछ पैसे उधार देते है और फिर उलटे सीधे ब्याज लगा कर एक के दस वसूलते है |

उनका बहुत शोषण करते है | मजदूरों के पास क़र्ज़ वापस करने के लिए पैसे तो होते नहीं है, इसलिए उसके नाम से उनके ऑफिस में मिली भगत से  PF लोन  स्वीकृत करा कर बैंक के खाते में पैसे जमा कराते  है और फिर मजदूरों को  शराब पिला कर बैंक में लाते है |

नशे की हालत में मजदूर से चेक पर अंगूठा लगवा कर सभी पैसे खुद ही रख लेते है |

आज ऐसे ही कुछ दलाल किस्म के लोग बहुत सारे मजदूरों के साथ आये हुए है और उनसे रकम निकलवा कर खुद  हड़पना चाह रहे है   |

आप अगर इसी वक़्त यहाँ आ जाएँ  तो उन मजदूरों का पैसा उन दलालों के हाथ में जाने से बच सकता है |

कालिंदी मजदूरों पर हो रहे ज़ुल्म को बर्दास्त नहीं कर सकती थी,  यही तो उसका संकल्प है |

वह तुरंत ही अपनी जीप पर बैठी और  कुछ सिपाही के साथ बैंक में धावा बोल दिया |

बैंक में पहुँचते ही वहाँ  हडकंप मच गया | कालिंदी ने देखा कि पैसा निकालने  आये कुछ मजदूर इतना ज्यादा शराब पी रखी  है कि उसे कुछ होश ही नहीं है .. और उसके सारे पैसे साथ आये दलाल के पास है | शराब पीने के जुर्म में मजदूरों और उसके साथ आये दलाल को गिरफ्तार कर पुलिस थाना ले कर आ गयी |

उन दलालों को धोखा धडी के चार्ज में FIR कर हवालात में डाल दिया ताकि और दुसरे बदमाश लोगो के मन में डर पैदा हो सके और वे मजदूरों पर जुर्म करने से बाज आये |

कुछ ही देर के बाद एक दबंग किस्म का आदमी कालिंदी के सामने आकर खड़ा हो गया |

अपने को उसने  लोकल नेता बताया और मैडम से कहा …. आप ने जिसे अभी अभी हवालात में बंद किया है उसे छोड़ दें | ये लोग हमारे आदमी है |

 और हाँ,  हम चाहते है कि आप भी यहाँ शांति से नौकरी करें और हमलोगों का जैसा काम चल रहा है वैसा ही चलने दे |

यहाँ आप से  पहले भी कई साहब लोग आये और अपना समय काट कर और पैसा कमा  कर ख़ुशी ख़ुशी विदा हो गए |

कालिंदी को पता चल चूका था कि दलाल और नेता सब आपस में मिले हुए है और गरीब मजदूरों का शोषण करते है |

इसलिए कालिंदी ने कहा … देखिये नेता जी,  हम आपके आदमी को नहीं  छोड़ सकते है क्योकि इनके खिलाफ FIR रजिस्टर में दर्ज हो चूका है  और इन्हें  कल कोर्ट में पेश किया जायेगा |

इसलिए अब जो कुछ भी आपको कहना और करना होगा वह कोर्ट में .कीजियेगा   |

और हाँ , एक बात और सुन लीजिये … मुझे आप की नसीहत की ज़रुरत भी नहीं है |

लेकिन आपलोग आगे से कुछ भी अनैतिक कार्य करने से पहले अपने मन में एक बार सोच लीजियेगा कि मेरा नाम कालिंदी है |  भलाई इसी में है कि आप गलत काम करना छोड़ दें |.

 कालिंदी की धमकी भरी बातों को सुन कर उसका चेहरा गुस्से से लाल हो गया | लेकिन कुछ भी हरकत करने का अंजाम उस नेता को  अच्छी तरह पता था इसलिए वह मैडम के बातों का कुछ ज़बाब नहीं दे सका और चुप चाप वहाँ से चला गया |

कालिंदी चपरासी को बुला कर एक कप चाय लाने को कहा  और फिर सामने पड़े फाइल में खो गई |

 यह  फाइल उसी अपराधी मंगलू का था.. .जिसने उस पत्रकार पर पिस्तौल तान दिया था और उसे कालिंदी ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था | ( क्रमशः)

किस्मत की लकीरें – 10  हेतु नीचे link पर click करे..

https://wp.me/pbyD2R-28I

BE HAPPY….BE ACTIVE….BE FOCUSED….BE ALIVE…

If you enjoyed this post, please like, follow, share and comments

Please follow the blog on social media …link are on contact us page..

www.retiredkalam.com



Categories: story

7 replies

  1. Gd morning have a nice day sir ji

    Like

  2. Story developing nicely with interesting twists and turns.

    Liked by 1 person

  3. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    बड़ों का दिया हुआ आशीर्वाद और अपनों की दी हुई शुभकामना
    का कोई रंग नहीं होता , लेकिन जब ये रंग लाते है तो जीवन में रंग भर जाता है |

    Like

  4. Nice story.Suspense, horror and romance.

    Liked by 1 person

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: