
लक्ष्य की प्राप्ति कैसे करें ?
हेल्लो दोस्तों ,
जीवन में कोई भी सफलता अर्जित करने के लिए सबसे पहला कदम आपके द्वारा अपने लक्ष्यों का निर्धारण करना होता है।
लक्ष्य निर्धारण एक ऐसी गतिविधि है जिसके लिए आपको पर्याप्त समय देने की आवश्यकता होती है और यही आपके समय का सदुपयोग है।
किसी भी काम में चाहे वो पढाई लिखाई हो या कोई अन्य काम हो या कोई भी सेट किया हुआ गोल हो ..आप पुरे ध्यान, पक्का इरादा और एकाग्रचित होकर प्रयास करें तो सफलता अवश्य प्राप्त होगी |
इस बात को सही चरितार्थ करता एक छोटी सी कहानी यहाँ प्रस्तुत है जो ज्ञान वर्धक तो है ही साथ में मजेदार भी है ..
यह कहानी है एक फ़क़ीर बाबा की | जिसके बारे में कहा जाता था कि वो किसी भी बात को कहते थे या समस्या के समाधान बताते थे तो सामने वाला सुन कर उनसे बहुत प्रभावित हो जाता था |
उनके द्वारा कहे गए बातों को हमेशा के लिए अपने मन में बैठा लेता था | सचमुच उनके पास ज्ञान का भण्डार था |
उनकी यह विशेषता काफी लोकप्रिय होने लगी | दूर दूर से लोग अपनी समस्या को लेकर आते और ख़ुशी ख़ुशी उसका समाधान पाकर चले जाते |
उनकी इस ख्याति के बारे में वहाँ के राजा ने भी सुना | राजा को फ़क़ीर बाबा की यह विशेषता जान कर बहुत ख़ुशी हुई कि हमारे राज्य में इतने पहुंचे हुए बाबा है |
जब वे इतने लोगों का भला कर रहे है तो मुझे भी उनका उचित सम्मान करना चाहिए और उनसे कुछ ज्ञान भी प्राप्त करना चाहिए |

ऐसा सोच कर राजा ने अपने मंत्री को बुलाया और उसे अपने मन की बात कह दी |
फिर क्या था, मंत्री ने राजा के हुक्म की तमिल करते हुए अपने पुरे लाव – लश्कर और ढोल- नगाड़े को तैयार कर दिया और राजा साहब से निवेदन किया कि आप जैसा चाहते थे वैसा इंतज़ाम हम ने कर दिया है |
राजा मंत्री की बात सुन कर खुश हो गए और अपने सैनिको और ढोल – नगाड़ों के साथ उस फ़क़ीर बाबा से मिलने के लिए चल दिए, साथ में उनके मंत्री भी थे |
राजा साहब जैसे ही उस फ़क़ीर बाबा के आश्रम के पास पहुचे तो उन्होंने देखा कि वो फ़क़ीर बाबा पास ही अपने बगीचे में एक गड्ढा खोदने में मशगुल है |
राजा साहब सोच रहे थे कि वह फ़क़ीर राजा को अपने आश्रम में देख कर ख़ुशी से पागल हो जायेगा | वह दौड़ कर आएगा और उनके सम्मान में हाथ जोड़ कर खड़ा हो जायेगा |
लेकिन यह क्या.. ऐसा कुछ भी नहीं हुआ |
उसने तो राजा की तरफ देखा तक नहीं और गड्ढा खोदने का काम वो तन्मयता से करता रहा |
फ़क़ीर का ऐसा व्यवहार देख कर राजा को बहुत बुरा लगा |
राजा ने कुछ देर सोचा और फिर अपने मंत्री से कहा कि अपने सैनिक को उस फ़क़ीर के पास भेजो जो उसे बताये कि उससे मिलने खुद राजा साहब आये है |
राजा की हुक्म की तमिल हुई और सैनिक फ़क़ीर के पास जाकर कहा … आपके आश्रम में राजा साहब आप से मिलने आये है |
लेकिन फ़क़ीर उस सैनिक की बातों पर ध्यान नहीं दिया और अपने गड्ढे खोदने का काम उसी तरह करता रहा |
सैनिक वापस आकर राजा को हकीकत बताई और कहा …आपके द्वारा भेजे गए सन्देश को उसने अनसुनी कर दिया और उसी तरह अपने काम में मशगुल है |
तब राजा ने मन ही मन सोचा कि यह पहुंचे हुए फ़क़ीर बाबा नहीं कोई पागल लगता है,|
तब ही तो ऐसे तुच्छ कार्य में लगा है और अपने आश्रम में आये राजा की अनदेखी कर रहा है | ऐसे छोटे मोटे काम तो अपने शिष्य से भी करा सकता था |
राजा को इस बात से बहुत गुस्सा आया कि फ़क़ीर ने मेरी सेना के सामने मेरा अपमान कर रहा है |

राजा ने फिर मंत्री की ओर मुखातिब हो कर कहा … ढोल – नगाड़े बजाएं जाएँ, ताकि उस फ़क़ीर बाबा का ध्यान भंग हो और उसे अपनी गलती का एहसास हो |
मंत्रीने ऐसा ही किया और ढोल नगाड़े बजने लगे | लेकिन फिर भी उस फ़क़ीर बाबा पर इसका कोई असर नहीं हो रहा था और पहले की तरह ही वह अपना काम करता रहा | कुछ देर बाद ढोल नगाड़े शांत हो गए |
अब राजा को पक्का यकीन हो चला था कि फ़क़ीर सचमुच एक पागल ही है |
तभी थोड़ी देर में फ़क़ीर बाबा का काम जैसे ही पूरा हुआ, उनकी नज़र रजा साहब पर पड़ी | वे राजा के पास आये और उन्हें प्रणाम कर अपने कुटिया में आकर शीतल जल ग्रहण करने हेतु निवेदन करने लगे |
उस फ़क़ीर की बात सुनते ही राजा भड़क गए और गुस्से में कहा…आप जल पीने की बात क्यों कर रहे है ?
क्या आप देख नहीं रहे है कि आधे घंटे से मैं आपका इंतज़ार कर रहा हूँ और आपने का सारा ध्यान एक तुच्छ गड्ढे खोदने को में लगा रखी है || इस तरह तो आप मेरा अपमान ही कर रहे है |
मैं तो आप से ज्ञान लेने आया था लेकिन ज्ञान की बात तो छोडो.. आप तो इस छोटे से काम करने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे थे |
इस पर फ़क़ीर बाबा ने कहा ..बेटा, कौन काम बड़ा है और कौन छोटा, यह तो ऊपर वाला जाने | मैं तो हर काम को बड़ा और महत्वपूर्ण समझ कर करता हूँ |
और रही बात ज्ञान देने की तो वो मैं पहले ही आपको दे चूका हूँ |
उस फ़क़ीर की बात को सुनकर राजा के मन में अचानक बहुत से सवाल उभर आये |
वे मन ही मन जिज्ञासा से सोचने लगे कि फ़क़ीर तो अभी बात भी शुरू नहीं की और कहता है कि हमें ज्ञान दे चूका है | उसने ज्ञान कब दिया हमें ?
राजा का गुस्सा अचानक शांत हो गया और शांत भाव से फ़क़ीर की तरफ देखते हुए पूछा ..फ़क़ीर बाबा, एक बात समझ में नहीं आया कि अभी आप गड्ढा खोद रहे थे और हमसे कोई बात भी नहीं हुई.. फिर आपने ज्ञान कब और कैसे दिया ?
इस पर फ़क़ीर बाबा ने ज़बाब दिया…बेटा, जब मैं गड्ढा खोद रहा था तो आप को ऐसा लग रहा था कि मैं सिर्फ गड्ढा खोद रहा हूँ |
मैं उस गड्ढे को खोदने की क्रिया में इतना तल्लीन हो चूका था कि आप के सैनिकों की आवाज़ और आपके ढोल नगाड़े की आवाज़ भी मेरा ध्यान भंग नहीं कर सके |
लेकिन वह काम जैसे ही पूरा हुआ तो सामने आप नज़र आ गए | आपके आगमन का पता चलते ही मैं सीधा आपके पास चला आया |
उस दिन उस फ़क़ीर बाबा ने राजा को बहुत बड़ी बात सिखाई कि ध्यान क्या होता है, काम में तन्मयता क्या होती है |
यह सत्य है कि हम सब कई सारे काम करने का लक्ष्य निर्धारित करते है, टारगेट बनाते है | और सोचते है कि उसे प्राप्त कर लेंगे | लेकिन ज्यादा तर हम उसमे फेल हो जाते है |
इसका मुख्य कारण यह है कि हम काम तो करते होते है लेकिन ध्यान पूरी तरह उस पर केन्द्रित नहीं कर पाते है, हमारा ध्यान हमेशा इधर उधर भटकता रहता है |

इसलिए मेरा मानना है कि हम ज़िन्दगी में जो भी काम करे ,या गोल निर्धारित करे उसे पूरा करने के लिए पुरे ध्यान और पुरे समर्पण से प्रयास करें. |
यह तभी संभव है जब उस कार्य को करने में हमें आनंद का भी अनुभव हो |
दोस्तों, नया साल आने वाला है और आने वाले नए साल में हम फिर कुछ resolution बनायेगें |
लेकिन इस बार पिछली साल की तरह लक्ष्य प्राप्त करने से चुकेंगे नहीं बल्कि हर हाल में ज़रूर सफल होंगे |
बस इतना ध्यान रखना है कि उस काम को करते हुए आनंद का अनुभव हो और पुरे ध्यान से और एकाग्रचित होकर उस काम को करना है | तो हमें सफलता ज़रूर मिलेगी |
आशा है कि आने वाले साल का हर दिन ख़ुशी और उत्साह मनाने के मौके लेकर आये | सफलता आप सबों की कदम चूमेंगे |
आप सब खुश रहेंगे… मस्त रहेंगे और….हँसते रहेंगे ..
आपकी आँखों में सजे है जो भी सपने ,
यह नया वर्ष उन्हें सच कर जाए
आप के लिए यही है हमारी शुभकामनाएं |
आप सभी दोस्तों को नया साल २०२१ बहुत बहुत मुबारक हो |

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Very good lesson
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Thank you sir..
Your words give me the confidence to write better
for worth reading..
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Good motivational blog. However, since you have given the title of retiredkalam to your blog, I would suggest you to write more on physical, mental, emotional and even spiritual aspects of ageing.
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Yes sir, It will be my endeavor to write a blog as per your advice ..
thanks for your Guidance and advise.. Stay connected..
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Very good teaching.
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Thank you dear ,
Stay connected and stay happy….
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बहुत सुंदर लेख 👌🏼उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत कहानी ने लेख को रोचक बना दिया 👏😊
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बहुत बहुत धन्यवाद /
जब एक अच्छे रचनाकार से प्रशंसात्मक शब्द सुनता हूँ तो लिखने का हौसला बढ़ जाता है /
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🙏🏼😊
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बहुत सुन्दर लेख और कहानी👌👌
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आप को मैं दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ |
आप ने मेरा हौसलाअफजाई किया | आभार |
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जी आपको पढ़ना सौभाग्य की बात है🙏
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जी ,आपने बहुत बड़ी बात कह दी | सच तो यह है कि मैं आपलोगों
से ही लिखना सिख रहा हूँ / आप मेरा इसी तरह हौसलाअफजाई करते
रहे / आपका आभार |
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