
करोगे भला तो होगा भला
आपकी सकारात्मक सोच ही इस दुनिया को स्वर्ग बनायेगी ।” “भगवान उसकी मदद करता है जो खुद अपनी मदद करता है।”
“चुनौतियां जीवन को अधिक रुचिकर बनाती है, और उन्हें दूर करना जीवन को अर्थपूर्ण बनाता है।” “खुद में वह बदलाव लाइए जो दुनिया में आप देखना चाहते हैं।
“सकारात्मक सोच आदमी का वह ब्रह्मास्त्र है, जो उसके मार्ग के सभी व्यवधानों को समाप्त कर उसकी सफलता का मार्ग प्रशस्त कर देता है।”
हमारे विचार हमारी संपत्ति हैं क्यों इन पर नकारात्मक विचारों का दीमक लगाए ?
किसी ने ठीक ही कहा है कि अपने को खुश रखने के तरीके ढूंढें, क्योंकि तकलीफें तो आपको ढूंढ ही रही है |
आइये कुछ अच्छा सुनते है , …कुछ अच्छा पढ़ते है …
एक बुढिया जिसकी उम्र करीब 70 साल की थी वह जिस घर में रहती थी उसे खाली करने के लिए बार बार नोटिस आ रहे थे |
उनके बेटे और पति की एक कार एक्सीडेंट में मृत्यु हो चुकी थी | और अब तो खाने के लाले पड़ चुके थे तो वह अपने इस गिरवी पड़े मकान को कैसे छुड़ा पाती |
उन्होंने अपने जवानी के दिनों में बहुत लोगों और रिश्तेदारों की मदद की थी |
आज वे उन्ही रिश्तेदारों और पहचान वालें लोगो से मदद मांगती रही ताकि मकान को गिरवी से छुड़ा लिया जाए |
लेकिन उम्र के इस पड़ाव में भी उस बुढिया की मदद को कोई भी तैयार नहीं हुआ | सब लोगों ने अपने मज़बूरी का कोई ना कोई बहाना बना दिया |
सेठ जी के द्वारा मकान खाली करने के नोटिस भेजने के बाद अन्ततः आज घर खाली करवाने के लिए अपने सिक्यूरिटी गार्ड्स को भेज दिया |

उन गार्ड्स ने आकर उस बुढिया से कहा …अम्मा जी आज मकान खाली करने की आखरी तारीख है, इसलिए आज मकान खाली तो करना ही पड़ेगा |
बुढिया उनलोगों के सामने हाथ जोड़ कर निवेदन कर रही थी कि सेठ से कहो कि दो दिन का मोहलत दे दे तो मैं अपने रहने के लिए कोई दूसरा इंतज़ाम कर लूँ |
लेकिन गार्ड्स उनकी बात को सुनने को तैयार नहीं थे | उसने कहा कि मुझे तो सेठ ने भेजा है इस मकान को खाली कराने के लिए |
और इतना बोल कर मकान से एक एक सामन निकाल कर बाहर रोड पर रखने लगा | वहाँ लोगों की भीड़ लग गई |
सभी लोग वहाँ खड़े खड़े बस तमाशा देख रहे थे | बुढिया असहाय सब कुछ देख रही थी , उसकी सुनी आँखों से बस आँसू बह रहे थे |
तभी उस भीड़ को चीरता हुआ एक नौजवान प्रकट होता है, जिसके हाथ में कुछ पेपर्स होते है |
वह नौजवान आकर उन गार्ड्स को कहता है कि माँ जी का सामान वापस उनके घर में रख दो और आप सब लोग यहाँ से चले जाओ, क्योंकि इस घर की मालकिन यही है |
आश्चर्य से वो बूढी अम्मा उस नौजवान को देखने लगी | उन्हें कुछ समझ नहीं आता है और ना गार्ड्स को ही |
गार्ड के इसका कारण पूछा तो उसने कहा …. अभी अभी इस मकान के सारे कर्जो को मैं सेठ जी को चूका दिया है और इस मकान के कागजात वापस लेकर यहाँ आया हूँ |
ये अम्मा अब यही रहने वाली है, इन्हें अब यहाँ से कोई भी नहीं निकाल सकता |
गार्ड्स ने उससे पेपर को लेकर चेक कर सही पाया और वहाँ से चले जाते है |
तभी अम्मा उस नौजवान से पूछती है …आप मेरे लिए भगवान् बन कर इस मौके पर कैसे प्रकट तो गए |
इसपर नौजवान उस अम्मा के सामने ही फर्श पर बैठ गया और उनके जिज्ञासा को शांत करने के ख्याल से कहा … क्या आपको याद है अम्मा ? ,
आज से तीस साल पहले आप आपके पति के साथ बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन को पहुंचे थे | वही मंदिर के बाहर एक कोने में खड़ा पांच साल का एक बच्चा आपसे कुछ पैसो की मदद माँग रहा था |
उस समय उसे जोरों की भूख लगी थी और जाड़े के मौसम के कारण ठण्ड से ठिठुर रहा था |
वह काफी परेशानी में था क्योकि उसके माता पिता कुछ दिनों पूर्व ही गंगा स्नान के दिन उस नदी में डूब गए थे | वह अनाथ हो गया था और उसे मदद करने वाला कोई नहीं था |
उसकी बातें सुन कर आपके पति ने पैसे देने से आप को रोका था | उन्होंने कहा था …, यह बच्चा झूठ बोल रहा है | इसे पैसे मत देना | यह पैसा लेकर कोई नशा कर लेगा ..,ड्रग्स ले लेगा ||
लेकिन अपने पति के मना करने के बाबजूद आप ने अपने पर्स में जितना कैश था सब आपने उसे दे दिया था और साथ में एक लॉकेट गले में पहना दिया और कहा था ..यह लॉकेट लकी चाम है, इसे हमेशा अपने साथ रखना | यह हर मुसीबत से तुम्हारी रक्षा करेगा |

उसने अपने गले में पहने उस लॉकेट को दिखाते हुए कहा ….यह देखिये आप का वही लॉकेट है और वह छोटा बच्चा मैं ही हूँ |
मैं आप लोगों का ना तो नाम जानता था और ना ही पता | मैं आपलोगों को बहुत ढूंढने की कोशिश की लेकिन आप से मिल नहीं सका |
आपने जो पैसे दिए थे उसकी मदद से मैं पढाई शुरू की और उन तीस सालों में अपने लगन और मेहनत से आज एक कामयाब बिल्डर बन गया हूँ |
एक दिन मैं लैपटॉप पर मकान खरीद बिक्री की साईट पर सर्च कर रहा था तभी मैंने इन्टरनेट पर आपके मकान की नीलामी की खबर देखा | मैं उसमे फोटो देख कर आपको पहचान लिया और मेरी खोज भी पूरी हो गई |
मैं फटाफट इस मकान के लिए सेठ जी से मिला और आपके बारे में सारी जानकारी प्राप्त हुई | मैंने सेठ जी के बकाया के सारे पैसे को चुकाया और आज इस मकान को वापस कर रहा हूँ |
मकान के पेपर अम्मा को देते हुए कहा ..आज से तीस साल पहले आपने जो मेरी मदद की थी, मेरी लाइफ सँवारी थी |
मैं चाहता हूँ कि आप की लाइफ इस उम्र में दुखो और तकलीफों में ना गुज़रे, अब मैं आपकी लाइफ संवारना चाहता हूँ |
और अम्मा, मैं आपको आपका यह लॉकेट वापस कर रहा हूँ ताकि यह लॉकेट अब आगे आपको सभी मुसीबतों से सुरक्षा करता रहे |
राजेश की बातों को सुनकर अम्मा को वो सारी घटनाएँ याद आ गई | उन्होंने राजेश को गौड़ से देखा….अम्मा के आँखों में आँसू थे ….ख़ुशी के आँसू |
उन्होंने राजेश को गले लगा लिया और कहा …भगवान् ने मुझे दूसरा बेटा भेज दिया है |
यह कहानी बताती है कि अगर आप ने दुआएं कमाई है तो आपका साथ ऊपर वाला ज़रूर देगा और नीचे वाले आपका कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगे |
पैसा तो हर इंसान कमाता है, पर दुआ कमाना सबसे मुश्किल काम है |
हमें अच्छे कर्म करना चाहिए . ज़रुरतमंद को मदद करनी चाहिए और दुआएं कमाना चाहिए |

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Gd morning have a nice day sir ji
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Good morning dear..
have a nice day..
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Positive thoughts. It is also said that the good you do comes back to you and the evil you do remains with you.
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absolutely correct sir. This is universal truth ,,this story also motivate us..
Thank you sir..
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