
तीसरा दिन
चार दिनों के टूर पैकेज का दो दिन तो फुल मौज मस्ती में निकल गया | सचमुच हमलोग खूब मस्ती कर रहे थे |
दिन भर के थका देने वाले कार्यक्रम के बाद तीसरे दिन सुबह देर तक सो रहा था, तभी दरवाज़े पर किसी ने दस्तक दी |
मैं अलसाए हुए बिस्तर से उठा और दरवाज़ा खोला तो सामने मेरे एक मित्र थे | मुझे देखते ही कहा ….अभी तक आपलोग सो रहे हो ? हमलोगों की टूरिस्ट बस आ चुकी है |
आप लोग ज़ल्दी से तैयार होकर नास्ता हेतु रेस्टोरेंट में आ जाओ ताकि समय पर हमलोग घुमने निकल सकें |
उसके जाने के बाद हमलोग ज़ल्दी ज़ल्दी स्नान वगैरह …करके निवृत हुए |
मैं कपडे पहन ही रहा था कि मेरे रूम पार्टनर ने बताया कि हमारी आज का टूरिस्ट प्रोग्राम यहाँ के प्रसिद्ध “बौद्ध – मंदिर” देखने का है |
हमने कही पढ़ा था कि थाईलैंड की ९५% की आबादी बौद्ध धर्म को मानती है | इसलिए यहाँ का बौद्ध मंदिर विजिट करना तो बहुत ज़रूरी है |
इसलिए आज का कार्यक्रम उसी के अनुसार बनाया गया था | हमलोग ब्रेकफास्ट लेकर होटल से करीब नौ बजे यात्रा के लिए तैयार हो कर निकल गए …मंदिर दर्शन को |
सोचा कि यहाँ की हसीनाओं की सुन्दरता तो बहुत निहार ली, अब थोडा भगवान् भक्ति में भी समय बिताया जाए |

हमलोगों “टेम्पल ऑफ़ गोल्डन बुद्ध” के नाम से प्रसिद्ध मंदिर के दर्शन करने पहुँच गए | यह मंदिर कुछ ऊंचाई पर बनाया गया था |
सीढियाँ चढ़ कर जब ऊपर मंदिर के प्रांगन में पहुँचे तो वहाँ पर अजीब सी शांति का आभास हो रहा था |
अंदर मंदिर में घुसते ही सामने भगवान् बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा थी जो पुरे सोने की बनी हुई थी |
यहाँ आकर लगा कि यहाँ के लोग बहुत धार्मिक भी होते है | हमलोग भगवान् बुद्ध के दर्शन किये और वहाँ के खुबसूरत प्राकृतिक दृश्य को देख कर मंत्र-मुग्ध हो गए |
वहाँ करीब एक घंटा बिताने के बाद हमारा अगला पड़ाव था “फ्लोटिंग मार्किट” घूमना |
मुझे टूरिस्ट गाइड ने बताया कि यह दुनिया का पहला और दर्शनीय “फ्लोटिंग मार्किट” है |
हमलोग यहाँ पहुँच कर सचमुच आश्चर्य चकित थे | फ्लोटिंग मार्किट देखते ही मन खुश हो गया क्योंकि यहाँ का नज़ारा बहुत ही खुबसूरत था |
यहाँ पूरा का पूरा मार्किट पानी पर तैरते नाव पर सजाया गया था जो बड़ा ही खुबसूरत नज़ारा प्रस्तुत कर रहा था |
पटाया घुमने वालों के लिए इस मार्किट को देखना आवश्यक ही बनता था |
हालाँकि कुछ दिनों पूर्व मुझे कोलकाता के पाटोली एरिया में भी इसी concept पर बनाया गया “फ्लोटिंग मार्किट” देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था |
कोलकाता का फ्लोटिंग मार्किट भी थाईलैंड के फ्लोटिंग मार्किट की तरह ही बनाया गया था, लेकिन वहाँ ज्यादातर सब्जी और फल का मार्किट था, जो पानी में तैरते नाव पर सुसज्जित था |
हालाँकि वहाँ का भी दृश्य बहुत खुबसूरत था , लेकिन थाईलैंड के उस मार्किट की बात ही कुछ और थी | यहाँ की भीड़ को देख कर एहसास हुआ कि बहुत सारे पर्यटक इसे देखने आते है |
इस तरह सारा दिन घूम – घूम कर इन जगहों का मज़ा लेते रहे और शाम होते ही हमलोग होटल आ गए | यहाँ पर दो घंटा आराम करने के बाद फिर अपने आप को तरो ताज़ा कर लिया |
क्योंकि आज शाम को एक और खुबसूरत जगह विजिट करने का कार्यक्रम था |
जी हाँ आज रात नौ बजे से “अल्काजार कैबरे शो” देखने का कार्यक्रम था | इस कैबरे शो के बारे में बहुत सुन रखा था | हमलोग वहाँ समय से एक घंटा पहले ही पहुँच गए |
इसकी सबसे ख़ास बात लगी कि यह लेडी बॉय डांस शो था, जिसे हमलोग की भाषा में “लौंडा – डांस” भी कहते है | हमारा शो रात के 9.30 से शुरू होने वाला था |
अभी आधा घंटा समय बाकी होने की वजह से हमलोग, वहाँ के नज़ारे का लुफ्त उठाने लगे |
बहुत लोग इन डांसर के साथ फोटो भी खिचवा रहे थे | यहाँ फोटो खिचवाने के भी पैसे देने पड़ते थे |
खैर जब इनका डांस शो शुरू हुआ तो सचमुच बहुत अच्छा लगा | मैं तो यह देख कर दंग रह गया कि यहाँ के कलाकार थाई कैबरे डांस को हमारे भोजपुरी गाने की धुन पर प्रस्तुत कर रहे थे | भोजपुरी भाषा इन्हें आती है या नहीं, मुझे नहीं पता, परन्तु इनका नृत्य बहुत ही अच्छा था |
आप भी इस “अक्लाजार कैबरे शो” का लुफ्त उठा सकते है, link नीचे दिया हुआ है ….
इस तरह टूर का तीसरा दिन समाप्त हो गया |
चौथा दिन
सुबह ज़ल्दी उठाना पड़ा क्योकि आज यहाँ से बैंकाक शिफ्ट होना था |
हमलोग ब्रेकफास्ट लेकर बैंकाक के लिए सुबह करीब 9.00 बजे निकल गए | यहाँ होटल में शिफ्ट होते ही सबसे पहले लंच करना था क्योकि भूख लग रही थी | यहाँ खाना खाने के लिए भारतीय रेस्टुरेंट में जाना था जो थोड़े दूर में ही स्थित था |
हमलोग तैयार होकर पहुँच गए इंडियन होटल में | वहाँ का खाना काफी स्वादिस्ट था | ऐसा लगा जैसे हमलोग इंडिया में ही किसी होटल में खाना खा रहे है |
खाना खाने के बाद तीन घंटे का समय शौपिंग के लिए रखा गया था | क्योकि रात में नाना प्लाजा घुमने का कार्यक्रम था |
हमलोग टहलते हुए थोड़ी दूर पर स्थित MBK center Mall में पहुँच गए | बहुत ही बड़ा मॉल था और हमलोग अलग अलग ज़रुरत के हिसाब से खरीदारी करने लगे |
मुझे टूरिस्ट गाइड ने बताया था कि यहाँ बहुत मोल -तोल (bargain) होता है और सामान भी डुप्लीकेट मिलता है, इसलिए कोई भी सामान खरीदने से पहले खूब अच्छे से मोल – तोल करना है |
मैं घूमते हुए एक “इलेक्ट्रॉनिक शॉप” में घुस गया | वहाँ पर दूकानदार ने एक एप्पल का मोबाइल दिखाया जिसका कीमत २०,००० रूपये बताया | उसने यह भी कहा कि यह डुप्लीकेट है और इसका ओरिजिनल कीमत ८०,००० रूपये है |
उसने उसे ऑपरेट करके भी दिखाया | बिलकुल ओरिजिनल एप्पल का मोबाइल लग रहा था | मुझे लगा कि यह लोगों को दिखलाने के ख्याल से लिया जा सकता है, यह चलता भी ठीक है और दीखता भी ठीक है | मैं उससे मोल जोल करने लगा | अंत में उसने मात्र २५०० रूपये में देने को तैयार हो गया |
मैं तो सोच भी नहीं सकता था कि इतनी भी bargaining हो सकती है | मैं जोश में आकर पैसे दिए और मोबाइल की खरीदारी कर ली | उसके बाद उस मोबाइल का क्या हश्र हुआ यह नहीं पूछे तो अच्छा होगा |
वैसे तो और भी कुछ आइटम खरीदने की इच्छा हो रही थी, लेकिन डुप्लीकेट माल होने की वज़ह से और कुछ भी खरीदारी करने की मेरी हिम्मत नहीं हुई |
करीब पाँच बजे हमलोग होटल आ गए और एक घंटा आराम करने के बाद फिर रात में यहाँ की रंगिनिया देखने को “नैना प्लाजा” चल दिया |

वहाँ का भी नज़ारा बिलकुल “वाल्किंग स्ट्रीट” जैसा ही था | यहाँ आकर मैंने देखा कि पश्चिमी सभ्यता के नाम पर लोगों ने कितनी आज़ादी ले रखी है कि शर्म – लाज जैसे बातें यहाँ बेमानी लगती है |
यहाँ चाहे लड़की हो या लड़का सबों ने पेट की भूख मिटाने के लिए किस हद तक अपने को नंगा कर रखा है | मुझे बहुत कुछ यहाँ अनुभव कराता चौथा और अंतिम दिन भी बीत गया |
हालाँकि इसके अलावा भी बहुत जगह ऐसे थे जहाँ समय के अभाव के कारण घुमने का मौका नहीं मिल सका | लेकिन भविष्य में कभी मौका मिला तो एक बार फिर विजिट करूँगा , बाकी जगहों को देखने के लिए |
उसके बाद कहने को और ज्यादा कुछ नहीं है दोस्तों,
हाँ, जितने थाई करेंसी मेरे पॉकेट में बच गए थे , उससे मैंने वहाँ से विदेशी शराब खरीद ली, अपने देश के दोस्तों के लिए ….
यह सही है कि टूरिज्म एक बड़ी इंडस्ट्री है इसके तहत बिलकुल व्यवस्थित ढंग से हमलोग को विदेशो में घुमने का मौका मिलता है | चूँकि यह पैकेज टूर था इसलिए हमलोग को किसी बात की चिंता करने की ज़रुरत नहीं पड़ी ..बल्कि सिर्फ घूमना और मौज मस्ती ही करना था |
मेरी यह पहली विदेश यात्रा के लिए मैं अपने बैंक को धन्यवाद देना चाहूँगा कि उसने हमें रोज़ के उबाऊ दिनचर्या से से हट कर कुछ दिनों के लिए विश्राम और मौज मस्ती करने का अवसर दिया |
उससे ना केवल मेरी थकान दूर हुई बल्कि और तरोताज़ा होकर बैंक के लिए और अधिक लगन से कम करने को प्रेरित हुए |
थाईलैंड अपने नाईट – लाइफ और खास कर थाई मसाज़ के लिए जाना जाता है | वैसे और भी बहुत घुमने की जगहे है जिसका लुफ्त उठा सकते है | अगर कभी मौका मिले तो …. एक बार ज़रूर इसका मज़ा लेना चाहिए |

इससे पहले की घटना हेतु नीचे link पर click करे..
BE HAPPY….BE ACTIVE….BE FOCUSED….BE ALIVE…
If you enjoyed this post, please like, follow, share and comments
Please follow the blog on social media …link are on contact us page..
आपकी पहली विदेश यात्रा बहुत खूबसूरत और यादगार रही👌😊
LikeLiked by 1 person
बिल्कुल सही कहा। इसीलिए तो उसे लिख कर याद करते है ।
धन्यवाद।
LikeLike
Very well written travel memoir which transported me to my Bangkok-Pattaya trip. I could not see some of the things that you have described in your blog. I hope to make a second visit as soon as the Corona pandemic is over.
LikeLiked by 1 person
Yes sir, there are so many beautiful places and events
we could not see due to paucity of time , I am also planning to visit again ..
Thank you sir , stay connected and stay happy..
LikeLike
आपकी पहली विदेश यात्रा👣👣
LikeLiked by 1 person
thank you very much ..
Stay connected and stay happy..
LikeLike