अंजना इन दिनों बहुत खुश रहने लगी थी , क्योकि उसकी मन की मुराद पूरी होने जा रही थी | सचमुच जैसा वह चाह रही थी सब कुछ वैसा ही हो रहा था |
आज एक सप्ताह के बाद, पहले से तय किये हुए कार्यक्रम के अनुसार विजय के माता पिता कुंडली लेकर अंजना के घर आ गए थे | इधर चाची ने भी अपनी पूरी तैयारी कर रखी थी और उसी पंडित को बुलवा लिया था, जिसके साथ षड़यंत्र रच रखा था |
चाय पानी के बीच लड़का और लड़की की कुंडली पंडित जी को सुपुर्द कर दिया गया |
पंडित जी अपनी पोथी खोलकर कुंडली मिलाने का नाटक करने लगे और फिर अचानक चिंतित मुद्रा बनाते हुए बोल पड़े …..मुझे क्षमा करें जजमान …कुंडली के अनुसार शादी का योग नहीं बन रहा है … क्योकि लड़की तो मांगलिक है |
फिर थोड़ी देर रुक कर बोले …अगर शादी हो भी जाती है तो कुछ समय के भीतर ही पति के अकाल मृत्यु का खतरा है | अब फैसला आप लोगों को लेना है |
पंडित जी की बातों को सुन कर सब लोग सकते में आ गए |
विजय के पिता ने तो साफ़ मना कर दिया और कहा … हम जान बुझ कर अपने बेटे को मौत के हवाले नहीं कर सकते है |
तभी चाची बीच में बोल पड़ी ….हमलोगों के बीच इतनी घनिष्टता है तो इस दोस्ती को रिश्ते में तो बदलना ही चाहिए |
इस पर चाचा जी उदास मुद्रा में बोले….शायद भगवान् की मर्जी नहीं है .. इसीलिए तो इनलोगों की कुंडली नहीं मिली |
लेकिन मेरे यहाँ एक और बेटी भी है, उसका कुंडली भी हमलोग को मिलाना चाहिए | अगर पंडित जी उन दोनों की कुंडली को मिलान कर यह बताएं कि सब ठीक है तो हमलोग इस पर विचार कर सकते है |
चाचा जी तपाक से बोले पड़े ….यह क्या मजाक है …जब तक बड़ी बेटी की शादी नहीं होगी, हम छोटी बेटी की शादी
कैसे कर सकते है |
शादी ब्याह का संयोग तो ऊपर वाले के हाथ में होता है | हमलोग तो बस कोशिश ही कर सकते है | मैं तो बस इतना चाहती हूँ कि इन दोनों की कुंडली का भी मिलान कर लेना चाहिए. |
अगर भगवान् को ऐसा ही मंज़ूर है तो हमें क्या आपत्ति हो सकती है और वैसे भी निर्मला की कुंडली मिलान करने में क्या हर्ज़ है ….चाची ने ऐसा बोल कर माहौल को भावुक बना दिया |
चाची की पूर्व निर्धारित योजना के तहत पंडित जी ने जोर देकर कहा….हाँ हाँ , क्यों नहीं | दूसरी बच्ची का भी कुंडली लाइए, उसका भी मिलान कर देखते है कि कोई योग बनता है या नहीं |
विजय के माता पिता ने भी पंडित जी की बात का समर्थन किया , क्योकि उन्हें पता था कि इस घर में शादी करने से दहेज़ में मोटी रकम मिलेगी |
चाची तो यही चाहती थी, अतः वह जल्दी से निर्मला की कुंडली लाकर पंडित जी के हाथ में दे दी |
पंडित जी कुछ देर पोथी खोल कर ध्यान से देखने का नाटक करने लगे और फिर अचानक बोल पड़े…वाह … इस कुंडली के अनुसार तो यह लड़की साक्षात् लक्ष्मी है | जिस भी घर में जाएगी , धन – दौलत से घर भर जायेगा | इसके भाग्य बहुत बलवान है, इसके सुहाग की नौकरी या व्यापार में बहुत उन्नति होगी |
उनकी बातों को सुन कर चाची बहुत खुश थी , क्योकि सभी कुछ उसकी योजना के अनुसार ही हो रहा था |
इस वक़्त अंजना भी घर पर नहीं थी, वह तो विजय के साथ पार्क में बैठी अपने भविष्य की कल्पनाओं में खोई हुई थी | उसे तो अब पक्का विश्वास हो चला था कि आज दोनों के परिवार वाले उसकी और विजय की शादी पक्की कर देंगे |
इधर पंडित जी बातों को सुन कर विजय के माता पिता बोले.. हमलोग घर पर जाकर विजय से इस बारे में बात करेंगे और फिर जैसा निर्णय होगा इसकी सुचना आप को देंगे |
लेकिन चाचा के चेहरे पर चिंता साफ़ झलक रही थी | वे मन ही मन सोच रहे थे कि समाज – परिवार के लोगों को क्या जबाब देंगे इन सब बातों का | बड़ी बहन घर में बैठी रहे और छोटी बहन को डोली में बैठा कर कैसे विदा कर दूँ |
तभी उनके मन में विचार आया कि पहने अंजना से ही इस विषय में बात की जाये |
विजय के माता पिता एक सप्ताह के भीतर ज़बाब देने को कह कर विदा हुए और इधर चाची और पंडित जी की नज़रें एक दुसरे से मिली तो दोनों के चेहरे पर कुटिल मुस्कान बिखर गई |
चाची अपने मिशन में सफल हो गई | उसने तो बातों बातों में विजय के घर वालो को दहेज़ में मोटी रकम देने का इशारा भी कर दिया था | वे लोग भी मानसिक तौर पर उनकी छोटी बेटी निर्मला से शादी करने को राज़ी हो गए थे , बस विजय को मनाना बाकी था |
शाम को अंजना कॉलेज लाइब्रेरी से वापस आई | वह बहुत खुश दिख रही थी | उसके चेहरे की ख़ुशी देख कर चाची के चेहरे पर रहस्मयी मुस्कान बिखर गई |
चाची को सामने पाकर अंजना ने अनजान बनते हुए पूछा… विजय के माता पिता आये थे क्या ?
अंजना की बातों को सुनते ही चाची ने बनावटी दुःख के भाव चेहरे पर लाते हुए कहा ..वे लोग आये थे और तुम दोनों के कुंडली का मिलान भी किया गया |
मुझे बहुत दुःख है अंजना, तुम दोनों की कुंडली का मिलान नहीं हो सका |
पंडित जी का कहना है कि तुम मांगलिक हो और सबसे बड़ी दुःख की बात यह कि अगर किसी तरह शादी हो भी जाती है तो कुछ ही दिनों के भीतर विजय की अकाल मृत्यु हो सकती है |
ऐसा भविष्यवाणी पंडित जी ने अपने पोथी और तुम दोनों की कुंडली को देख कर कहा है, समझ में नहीं आ रहा कि अब क्या किया जाये |
चाची की बात सुनकर अंजना को लगा जैसे बिजली के नंगे तार को छू लिया है |
उसके शारीर के सारे खून जैसे सुख गए हो . वह अपने कमरे में जाकर बेजान बिस्तर पर गिर पड़ी और फुट फुट कर रोने लगी | तभी पीछे से चाची आकर उसे संतावना देते हुए कहा …भगवान् की मर्ज़ी के आगे हमलोग असहाय है अंजना |
यह तो अच्छा हुआ कि पहले ही इस बातों का पता चल गया | वर्ना शादी के बाद अगर विजय की मृत्यु हो जाती तो तुम ज़िन्दगी भर….
अंजना जल्दी से चाची के मुँह पर हाथ रखते हुए कहा…ऐसा मत कहिए चाची | हमारे चलते उसकी ज़िन्दगी चली जाए हम कभी भी ऐसा नहीं चाहेंगे |
अंजना सामने दीवार पर टंगे भगवान् की फोटो को देख कर बोली…मैं जानती हूँ प्रभु ..मेरा जीवन कष्टों से भरा है | मैं बहुत ही अभागिन हूँ |
बचपन में मैंने अपने माँ बाप को खोया और अब जवानी में अपने हमसफ़र बनने वाले दोस्त को | पता नहीं आगे मेरे भाग्य में क्या लिखा है ?
अंजना की आँखों से आंसूं की बुँदे टपकते हुए उसकी हथेली पर गिर रही थी जिसमे भाग्य की रेखा धुंधली नज़र आ रही थी |
दूसरी तरफ विजय को जब इन सब बातों का पता चला तो उसने घर में इसका विरोध किया | उसने साफ़ -साफ़ माँ से बोला कि मैं इस तरह की ढकोसलों और पंडितों की बात पर विश्वास नहीं करता |
मैं अगर शादी करूँगा तो अंजना से ही करूंगा, वर्ना किसी से भी शादी नहीं करूँगा ….(क्रमशः )
कभी सोचा भी नहीं था ऐ ज़िन्दगी
तेरी इतनी करीब होकर भी तुमसे इतना दूर हो जाउंगी .,
कर के तुमसे वफ़ा… तुम ही से बेवफाई निभाउँगी …
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Nice
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thank you..
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thank you dear .. stay connected for the next episode..
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Twists and plots in the story make it an interesting read. Good storyline.
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thank you sir.. In fact I was waiting for your comment..
your comments keep me going..
stay connected and stay happy..
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Beautiful story
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thank you dear ..
Happy Diwali
https://wp.me/pbyD2R-1Dz
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I see you are a romantic. 🙂
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Yes sir, You have said the truth..
I believe that life is incomplete without love,
I guess you are also prefer love in life..
Thanks for your beautiful comments..
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