# तलाश अपने सपनों की #…15

अँधेरा क्या छाता है परछाइयां भी दगा दे जाती है टूटता है विश्वास तो चनक सी सीने में होती है यूँ तो पोछ लेते हैं आँसुओं को पर, वह ज़ख्म तो सदा हरी होती है … जब राधिका के बहुत … Continue reading # तलाश अपने सपनों की #…15