
मौत सही कहती है कि ज़िन्दगी साथ नहीं देती, लेकिन ज़िन्दगी भी तो सही कहती है कि मौत सभी समस्याओं का हल नहीं होती | समस्या और दुःख तकलीफ से आज हर इंसान दुखी है, परेशान है |
कुछ तो परेशानियाँ सचमुच की होती है जिसे हमें झेलना ही होता लेकिन कुछ ऐसी परेशानियाँ भी होती है जिसे हम यूँही चिंता कर अपने ऊपर लाद लेते है |
हर इंसान यही सोचता है कि उसकी समस्या सबसे बड़ी है | जानते है ऐसा क्यों लगता है हमें ? — क्योंकि हम भूल गए है “शुक्रिया” अदा करना.. सिर्फ याद है हमें शिकायते करना |
जब मुसीबतें आती है तब हमें भगवान् की चौखट याद आती है और हम पहुँच जाते है फ़रियाद लेकर, कि हमें इस मुसीबत से निजात दिलाओ भगवन |
और जब वो मुसीबत टल जाता है तो हम उसे शुक्रिया अदा करने फिर उसके चौखट पर वापस नहीं जाते है |
याद रखना यही सब दुखों का कारण है,… ऊपर वाले की नियामत को अपना हक़ समझना और शुक्रिया अदा करना बंद कर देना |
सुख भी बहुत है, परेशानियाँ भी बहुत है जीवन में | लाभ है तो हानियाँ भी बहुत है |
क्या हुआ जो इश्वर ने थोड़े गम दे दिए, ईश्वर की हम पर मेहरबानियाँ भी बहुत है |
हम हमेशा उन्ही चीजों के लिए दुखी होते है, जो हमारे पास नहीं है | लेकिन हम उन चीजों पर तो ध्यान ही देते जो हमारे पास है और हम जिससे ख़ुशी प्राप्त कर सकते है | आइये एक कहानी सुनते है —
एक औरत अपने बच्चे को जोर जोर से पीट रही थी और वो बच्चा चिल्ला रहा था, रो रहा था बुरी तरह | .
पास की घर में रहने वाली दूसरी औरत ने जब देखा तो उससे नहीं रहा गया |
उसने पूछा –..अरे, इतनी बेदर्दी से क्यों मार रही हो बच्चे को ?
तो उस औरत ने जबाब दिया… क्यों ना मारूं ?,कमबख्त, आज फिर खाना मांग रहा है, अभी कल ही तो खिलाया था इसे | अब रोज़ – रोज़ इसे खिलाने को खाना कहाँ से लाऊं ?
याद करो कि हमारे जीवन में ऐसा वक़्त कभी आया है ?
यदि नहीं, तो ईश्वर को बार बार धन्यवाद् देना | अगर आप के पास खाने को भोजन है… तन पर कपडे है और रहने को घर है,– तो अपने को कभी दुखी मत समझना |
ना जाने कितनो के पास यह भी नहीं है | हम अंदाज़ा लगा नहीं सकते इस संसार के दुखो का |
लेकिन हाँ.. अंदाज़ा अगर लगाना है तो लगाओ अपनी सुखों का और तब मुँह से यही निकलेगा …हे मालिक, शुक्र है तेरा… लाख – लाख शुक्र है तेरा |
दुःख – सुख, उतार -चढ़ाव तो चलते ही रहेंगे | पर याद रखना हम इस संसार में कुछ सिखने आये है | लोग बुरे है, परिस्थिति बुरी है, किस्मत खराब है… इन सब में मत उलझ जाना |

अगर बुरे से बुरे दौर से गुजर रहे हो तो बस धीरज रखना और धीरे धीरे चलते जाना | उस परिस्थिति से बाहर निकलने की कोशिश करना … बिना थके, बिना हार माने, बिना किसी को दोष दिए |
यकीन मानना, आप ना केवल परेशानी से बाहर आ जायेंगे बल्कि और ज्यादा बेहतर इंसान हो जाओगे | , ज्यादा मजबूत हो जाओगे, और ज्यादा निखर जाओगे | जीवन में बुरा दिन अवश्य आ सकता है परन्तु जीवन बुरा नहीं हो सकता |
जिस दिन जीवन की यह बातें समझ आ जाती है तब समझ में आता है कि मनुष्य जाति में जन्म कितने भाग्य से मिलता है |
उस दिन से कोई भी जीवन का दुरूपयोग नहीं कर सकता है | जीवन का तिरस्कार नहीं बल्कि वह जीवन को प्यार करना चाहेगा |
जीवन को बुरा कहने कि अपेक्षा बुराई को मिटाने का प्रयास करना चाहिए | यही समझदारी है |
हर दिन एक – एक करके हमारी ज़िन्दगी से कम हो रहा है |
ऐसा ना हो कि हम अपने ज़िन्दगी के अनमोल दिन निराशा में ही गुजार दे | दुसरो को दोष देने में गुजार दें |
इससे पहले कि कही बहुत देर हो जाये, ….उठो, अपना लक्ष्य तय करो, अपना जीवन को उद्देश्यों से भर दो |
क्योकि यह प्रकृति का नियम है कि किसी स्थान को खाली नहीं छोडनी चाहिए | खाली स्थान हमेशा भर जाता है |
अगर आप के मन में अच्छे विचार ना होंगे, जीवन में उद्देश्य ना होंगे अगर आप का कोई लक्ष्य ना होगा तो आप का जीवन भर जायेगा … बुरे विचारों से, भटकाव से, शंकाओं से, निराशा से |
इसीलिए बनाओ अपने जीवन के लक्ष्य और उसे पूरा करने की योजनायें | उसे पाने की कोशिश करो याद रखना– अगर तुम रुके नहीं, तो मुसीबतों की कोई औकात ही नहीं है कि तुन्हें झुका सके |
वही इंसान जीवन में आगे बढ़ता है… जो गिरता है, फिर संभालता है, | जो धोखा खाता है पर इसी से सीखता भी है | जो अपमान सहता है पर फिर भी आगे बढ़ना नहीं छोड़ता | खराब से खराब चीज़ में भी अच्छाई ढूंढ लेता है |
अपनी निंदा को सुनता है और उसमे सुधार करता है | ऐसे इंसान के लिए कोई भी काम असंभव नहीं है |
हर सुबह उठते ही अपने आप से कहो –..आज एक नया दिन है… मेरी ज़िन्दगी का नया दिन… अतीत में जो भी हुआ वो चला गया | जो वर्तमान में है… वो आज है और इस आज को मैं भर पुर जिऊंगा….. उत्साह के साथ, उद्देश के साथ, आनंद के साथ |
क्योकि आज हमारे ज़िन्दगी का पहला दिन है …इसे हर रोज़ दोहरायें तो ज़िन्दगी खुशियों से भर जाएगी |
खुशियों के लिए क्यों करें किसी का इंतज़ार हम |. हम ही तो है अपने जीवन के शिल्पकार |
चलो आज मुश्किलों को हराते है …चलो आज दिन भर मुस्कुराते है |

सुकून की तलाश
सुकून की तलाश में, फिरता रहा इधर उधर
तू कहाँ छिपा हुआ ..क्यूँ नहीं आता नज़र |
गली गली शहर शहर ,ढूंढता रहा किधर
मैं चला उधर उधर तू चला जिधर जिधर |
खुश हुई मेरी नज़र जो मुझे मिली तेरी खबर
धुंधला सा अक्श दिखा.. मुहँ फेरे थी मगर
दूर तुम क्यों खड़ी ..,अब पलट भी इधर
खुद का अक्श देख …फैल गई मेरी नज़र ..
इठलाती सी बोली वो, मैं तो तुझ मे थी यहीं
पास तेरे ही रहूंगी …. अब ना जाउंगी कहीं |….

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Categories: motivational
VARE Nice
Good Morning 👌👌👌👌👌
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thank you dear ..stay connected
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Well said. Now you seem to be becoming a motivational writer. More power to your writing.👍
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thank you sir,, i am enjoying my writing on different type of subjects … stay connected sir ..
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sir, this article also contain my drawing and poem ‘..how do you like sir..?..
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Wealth is not a permanent friend,
but friends are permanent wealth…
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