# कलयुग का दशरथ #…4

जी चाहता है चुरा लू, दुःख सभी की जिंदगी से, –की देख ना पाऊं दुःख, इक पल भी किसी के चेहरे पे,चाहत है हो दुनिया ऐसी, जहाँ दिखे हर एक की आँखों में ख़ुशी,रोये तो रोये गम रोये, क्यों रोये … Continue reading # कलयुग का दशरथ #…4