
आप अपनी पत्नी का मेडिकल रिपोर्ट लेकर आइयेगा और उसके बाद मैं स्पेशलिस्ट डॉक्टर से इस पर विचार – विमर्श करूँगा | ज़रुरत पड़ी तो हमलोग उस हॉस्पिटल में जाकर उनकी स्थिति की जांच भी करेंगे …डॉक्टर साहब, दशरथ को समझा कर बोल रहे थे |
ठीक है डॉ साहब….दशरथ हाथ जोड़ कर बोला |
पत्नी के नास्ते का समय हो चला था | इसलिए डॉ साहब के क्लिनिक से निकल कर तेज़ कदमो से चलता हुआ आपोलो हॉस्पिटल पहुँचा तो देखा कौशल्या अभी तक सो रही है | किसी ने अभी तक पानी भी लाकर नहीं दिया है
दशरथ वार्ड- बॉय को आवाज़ लगाया और नास्ता और चाय लाने को कहा, तो उसने साफ़ मना कर दिया और कहा …मुझे अब नास्ता और भोजन देने का आर्डर नहीं है, और आज इन्हें दवा भी नहीं दिया गया है |
मगर, ऐसा क्यों ?…दशरथ आश्चर्य से पूछा |
आप को हॉस्पिटल इंचार्ज से मिलना होगा, वही इसका सही जबाब दे सकते है …वार्ड बॉय ने सच्चाई बताई |
दशरथ गुस्से से तमतमाता हुआ इंचार्ज के पास पहुँचा और पूछा …मैं आप के भरोसे अपनी मरीज़ को छोड़ कर जाता हूँ और आप उसका ऐसे देख- भाल करते है ?
मैं तो प्राइवेट हॉस्पिटल समझ कर अच्छी इलाज और अच्छी सर्विस की अम्मीद में ही अपने मरीज़ को यहाँ भर्ती कराया था | लेकिन आज अभी तक ना तो दवा और ना ही नास्ता दिया गया है |

हॉस्पिटल इंचार्ज ने बताया कि बड़े डॉक्टर साहब का निर्देश है कि जब तक आप अपना पीछे का सभी बकाया बिल का भुगतान नहीं करेंगे तब तक कोई भी सुविधा आगे नहीं दी जाएगी |
मैं तो बोल कर गया ही था कि आज कुछ पैसे जमा करा दूंगा, फिर मेरे बिना जानकारी में डाले हुए दवा भी बंद कर दिए ? …उसने परेशान होते हुए बोला |
ठीक है मैं आज तो नास्ता और खाना का व्यवस्था कर देता हूँ, लेकिन बकाया बिल का भुगतान आज ही करा दीजिये ..उन्होंने जोर दे कर कहा |
दशरथ अपनी पत्नी को जगाया और हाथ -मुँह धुला कर साथ में नास्ता किया | आज वो पहले से कमज़ोर लग रही थी | उसकी ऐसी स्थिति देख कर दशरथ की आँखों में आँसू आ गए और वह मुँह फेर कर अपने दुख को छुपाने का प्रयास करने लगा |
यहाँ तो इस हॉस्पिटल में पैसों के लिए लोगों के ज़िन्दगी के साथ खिलवाड़ करने से नहीं चुकते | अब मैं अपनी पत्नी को यहाँ एक पल भी रहने नहीं दूंगा .. वह मन ही मन बोले जा रहा था |
शाम का वक़्त था और डॉ साहब के क्लिनिक में बहुत भीड़ थी | फिर भी दशरथ को देखते ही डॉ साहब उसे अपने चैम्बर में बुला लिया और पूछा ….दशरथ बाबू, आप इस वक़्त ? कोई विशेष बात है क्या ?
मैं परेशान हूँ डॉ साहब | उस हॉस्पिटल में उनका कुछ पैसे क्या बकाया हो गया, उन्होंने पत्नी को दवा और खाना देना ही बंद कर दिया है | अब आप ही बताइए मैं उनको किसके भरोसे वहाँ छोड़ सकता हूँ …उन्होंने दुखी हो कर बोला |

और हाँ, आपने पत्नी का रिपोर्ट दिखाने को कहा था, इसलिए लेकर आया हूँ | इसे आप रख लीजिये |
अच्छा ठीक है, आप उनका सारा रिपोर्ट छोड़ जाइए | मैं अपने साथी स्पेशलिस्ट डॉक्टर से इस पर विचार- विमर्श करूंगा | इसके बाद ही इस पर उचित निर्णय लेंगे | | आप थोडा धर्य रखिये, भगवान ने चाहा तो सब कुछ ठीक होगा ….डॉ साहब दिलासा देते हुए बोले |
दशरथ, डॉ साहब को सारा मेडिकल रिपोर्ट दिया और उनको प्रणाम कर वहाँ से अपने अनाथालय में आ गए |
रात को खाना खा कर सोने तो गए लेकिन चिंता के कारण नींद नहीं आ रही थी | वो बिस्तर पर पड़े -पड़े सोच रहे थे कि ज़िन्दगी भर बच्चो के लिए कमाते रहे, उनके ज़िन्दगी को बेहतर बनाने के लिए क्या कुछ नहीं किया | लेकिन वही पूत, कपूत निकल गया और उसने हम से इतना बड़ा छल किया |
अगर मेरा पेंशन नहीं होता तो जीते जी हम दोनों मर गए होते |
करवट बदलते हुए किसी तरह रात कट गई और सुबह होते ही वह जल्दी -जल्दी तैयार होकर सबसे पहले बैंक जाना उचित समझा क्योकि उसे पता था कि अगर आज पैसे जमा नहीं हुआ तो ये हॉस्पिटल वाले सभी सुविधा बंद कर देगे और इलाज करना बंद कर देगा |
बैंक पहुँच कर अपने पैसा निकाल कर सीधे हॉस्पिटल पहुँचे और काउंटर पर पैसे जमा कराये | परन्तु यह क्या ? ..काउंटर वाले ने हॉस्पिटल के खर्चे का जब बिल दिया तो पता चला कि उसमे कुछ ऐसे खर्च भी जोड़े गए है जो उसके हिसाब से नहीं होना चाहिए था |
उसने पाया की डॉ का, नर्से का, सफाई वगैरह का चार्ज अलग से जोड़ा हुआ है | इसलिए इस बिल के हिसाब से उसके द्वारा जमा करे गए पैसे पुरे नहीं पड़ रहे थे |
अभी भी कुछ राशी बकाया दिखाया जा रहा था | और उस पैसे को जमा करने होंगे |

अतः उसने काउंटर वाले से पूछा कि जब रूम का खर्चा ले हो रहे है तो अलग से डॉ का, नर्स का ,सफाई का चार्ज भी क्यों जोड़ रखा है | इस पर काउंटर वाले ने बताया की यह खर्चा हॉस्पिटल के नियम के अनुसार ही है और यह सब आप को देने ही पड़ेंगे | हॉस्पिटल इंचार्ज ने भी यही बात दोहराई |
दशरथ इस समय ज्यादा बहस करना उचित नहीं समझा और वहाँ से सीधे कौशल्या के पास पहुँचा तो आश्चर्य चकित रह गया | उसने देखा कि उनके डॉ साहब अपने दोस्त के साथ वहाँ उपस्थित है और उनकी पत्नी का चेक- अप कर रहे है |
दशरथ, उनको देखते ही हाथ जोड़ दिए और पूछा ..आप यहाँ इस समय ? आप को तो अभी क्लिनिक में रहने का समय था |
मैंने जब रिपोर्ट देखा तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपने दोस्त स्पेशलिस्ट डॉ साहब से इस पर चर्चा की और हम दोनों यहाँ आ गए है ..डॉ साहब उनकी ओर देखते हुए बोले |
हमलोगों ने यह भी निर्णय लिया है कि आज ही इन्हें अपने हॉस्पिटल में शिफ्ट करेंगे | आप का क्या विचार है ?
यह तो मेरे लिए बहुत अच्छी बात है | लेकिन अभी कुछ पैसो का इंतज़ाम करना बाकी है और इसमें कुछ समय लगेगा | जब तक सारा बकाया जमा नहीं होगा तब तक हॉस्पिटल वाले तो डिस्चार्ज करेंगे ही नहीं …..दशरथ के स्वर में उदासी झलक रहा था |
आप चिंता न करे, यह कह कर डॉ साहब खुद काउंटर पर गए और सारा बकाया चुका कर पेशेंट का डिस्चार्ज स्लिप तैयार करने को कहा |
उन्होंने काउंटर पर बताया कि हमलोग अपने मरीज को अभी इसी वक़्त ले जाना चाहते है |
दशरथ हाथ जोड़ कर बोला …., आप ने सारा भुगतान क्यों किया ? मैं तो पैसो का इंतज़ाम कर ही रहा था |
देखिये दशरथ जी, ये आप की पत्नी ही नहीं है, ये मेरी माँ के जैसी है | मैं इन्हें अपनी माँ ही मानता आया हूँ … डॉ साहब ने अपनी मन की भावना प्रकट कर दी |
आज कौशल्या के चेहरे पर भी ख़ुशी दिखाई दे रही थी | शायद उसे इस बात का आभास हो रहा था कि अब इस हॉस्पिटल से वो अपने घर जा रही है | और यह ठीक ही तो है |
डॉ साहब अपनी क्लिनिक में ही कौशल्या को रखेंगे और इसको माँ समझ कर उपचार करेंगे और घर जैसा माहौल रहेगा तो स्थिति में सुधार भी जल्दी होगा …. …इन सब बातों को सोच कर दशरथ की आँखों में आँसू छलक आये ….. ख़ुशी के आँसू …..(क्रमशः )….|

इससे आगे की घटना जानने हेतु नीचे दिए link को click करें…
BE HAPPY… BE ACTIVE … BE FOCUSED ….. BE ALIVE,,
If you enjoyed this post, don’t forget to like, follow, share and comments.
Please follow the blog on social media….links are on the contact us page
That’s why Doctors are considered next to God but still few doctors ruin their reputation in the society.
LikeLike
Good morning dear ,
Yes, , you are well said ..now a days this profession became business of fear ..that is why we are suffering
LikeLike
Good morning. Story proceeding nicely. Keep writing Verma ji.
LikeLike
Thank you sir, your words keep me going
LikeLike
GOOD NIGHT
LikeLiked by 1 person
गुड नाईट ,,
LikeLike