
ज़िन्दगी कैसी अजीब हो गयी है
खुश दिखना ,खुश रहने से ज्यादा हो गया है
हार नहीं मानूंगा
राजेश्वर खेतिहर मजदूर के रूप में राम खेलावन की खेत पर काम कर रहा है | सोच रहा है कि भगवान् ने ये कैसा दिन दिखाया है …उसका सब कुछ लुट गया है और आज जो पहले खेत का मालिक हुआ करता था वो खेतिहर मजदूर बन कर रह गया है | उसने आज तक तो किसी का बुरा नहीं किया, फिर भगवान् उसे ऐसी सजा क्यों दे रहा है ?
वह तनिक विश्राम करने बैठा ही था तो उस के दिमाग में तरह तरह के विचार उठने लगे, …वह सोच रहा था हमने अच्छे दिन देखे थे अब बुरे दिन भी देखने पड़ रहे है |
हालत तो अब यह है कि कौशल्या के सारे गहने बिक गए है, अपनी खेती भी अब समाप्त हो गई है और रही सही अपनी दूकान भी बिक गई है | और पिछले तीन सालों से वह राम खेलावन के खेत में मजदूरी कर के परिवार का पेट पाल रहा है |
भला हो राम खेलावन का जो ऐसे विकट समय में सहारा दे रहा है … खेत में ही एक पेड़ की छांव में बैठा राजेश्वर सोच रहा था |
तब तक राम खेलावन भी उधर से आ गया और राजेश्वर से पूछा …क्या सोच रहे हो भाई ?
मैं अपने छोटे भाई के साथ तो केस हार गया हूँ, वैसे वकील साहब बोल रहे थे कि इस फैसले के खिलाफ हाई – कोर्ट में अपील कर सकता हूँ…….लेकिन चिंता की बात यह है कि इसके लिए तो काफी पैसे लगेंगे और मैं पैसे का इंतज़ाम कैसे कर पाउँगा ?
बात तो सही है भाई | कोर्ट कचहरी के चक्कर में आप ने अपना सब कुछ तो गवां दिया है ….. अब आगे केस लड़ना आप के वश में नहीं है | आप इतने पैसो का इंतज़ाम कैसे कीजिएगा ? मैं तो कहता हूँ कि भूल जाइये वो सब कुछ, जिसके कारण आप अपना सब कुछ गवां बैठे है |
छोटे भाई का क्या है, वो हाई कोर्ट में भी बड़ा और नामी वकील खड़ा कर लेगा | उसे पैसो की क्या कमी है | इसलिए कुछ भी कदम उठाने से पहले आप अच्छी तरह विचार कर लीजिएगा…….राम खेलावन पास ही बैठ गया और घर से लाये हुए टिफ़िन को खोल कर राजेश्वर को भी खाने के लिए आमंत्रण दिया ।
राजेश्वर रोटी खाते हुए बोला…राम खेलावन, तुमने मेरी बहुत सहायता की है | अपने खेत मुझे फसल पैदा करने के लिए दी है ताकि भोजन पानी की कमी ना हो सके | तुम्हारा यह एहसान ज़िन्दगी भर नहीं भूलूंगा |

आप यह कैसी बाते कह रहे है …दोस्त जब मुसीबत में काम ही नहीं आएगा तो ऐसी दोस्ती किस काम की |
तुम ठीक कहते भाई, एक वो अपना है, जिसे अपने बच्चे की तरह पाला पोसा था, और आज उसी के कारण बर्बाद हुआ और मैं तुमको कभी भी ऐसी मदद नहीं की, फिर भी मानवता का धरम निभा रहे हो …बोलते हुए राजेश्वर की आँखों में आँसू आ गए |
आप धीरज रखिये राजेश्वर भाई, भगवान् ने चाहा तो फिर से सब कुछ ठीक हो जायगा और खोयी इज्जत प्रतिष्ठा भी प्राप्त हो जायेगी …राम खेलावन उसे दिलासा देते हुए बोला |
दिन भर खेतो में काम करने के बाद थका हारा घर पहुँचा तो कौशल्या जल्दी से गिलास में पानी लाकर दी और कहा …मैं चाय ले कर आती हूँ |
कौशल्या भी अपनी चाय लेकर सामने ही बैठ गई | और चाय पीते हुए बोलने लगी ……कल तो तुम्हे वकील साहब ने बुलाया है, तुम मिलने ज़रूर जाना |
जाकर क्या करूँगा ? वो तो यही सलाह देंगे कि हाई कोर्ट में अपील कर दो | लेकिन ज़रा सोचो, हाई कोर्ट में केस लड़ने के लिए बड़ा वकील रखना होगा और उसके लिए बहुत पैसों की ज़रुरत पड़ेगी ..राजेश्वर अपनी मज़बूरी बता रहा था |
फिर भी एक बार वकील साहब से मिलो ज़रूर ,शायद कोई रास्ता निकल आये और मैं Dभी अपने सगे संबधियों से पैसो के लिए बात करती हूँ | मैं किसी भी कीमत पर यह हार बर्दास्त नहीं कर सकती हूँ …कौशल्या गुस्से से भर कर बोली |
ठीक है भाग्यवान, तुम कहती हो तो उनसे कल मिल कर आता हूँ…राजेश्वर भी केस ना लड़ने के अपने विचार को बदल दिया |
सुबह के करीब दस बज रहे थे और राजेश्वर चिंतित मुद्रा में वकील साहब के चैम्बर में पहुँचा, जहाँ वकील साहब बैठे किसी केस की फाइल में खोये हुए थे |
वकील साहब राजेश्वर को चिंतित देख कर बोले …राजेश्वर बाबु, आप चिंतित मत होइए, मुझे एक उपाय सुझा है, आप के केस के बारे में | वकील साहब उन्हें बैठने के लिए कुर्सी देते हुए बोले |

राजेश्वर अचानक से उनकी बात सुनकर आशा भरी निगाहों से उनको देखने लगा | और कुर्सी पर बैठते हुए पूछा,….कौन सा उपाय वकील साहब ?
हमें पता चला है कि एक बहुत ही होनहार वकील हाई कोर्ट में है जो गरीब लोगों का केस बहुत कम पैसो में लड़ता है | वो गरीबों की मदद करता है | बहुत ही नेक इंसान है और अपने इलाके का ही है |
मैं सोच रहा हूँ कि आप की फाइल लेकर कल उससे मुलाकात कर आऊँ , शायद काम बन जाये … वकील साहब राजेश्वर की तरफ देखते हुए बोले |
यह तो बहुत बड़ी बात होगी मेरे लिए कि कम पैसों में मेरी मदद करने के लिए वो तैयार हो जाये …राजेश्वर खुश होते हुए बोला |
एक बात और सुना है उसके बारे में, कि वो जिस केस को अपने हाथ में लेता है उसमे जीत पक्की होती है… वकील साहब बोले |
यह तो और अच्छी बात है | आप कल ही उनसे मिल कर आइये | भगवान् ने चाहा तो फिर से हमारे पुराने दिन लौट आयेंगे ..उसने हाथ जोड़ कर भगवान् को याद किया |
ठीक है वकील साहब, आप की बात सुनकर मेरा दिल बहुत हल्का हो गया है | अब मैं चलता हूँ, अभी बहुत काम करने है ….कह कर वह खेतों की तरफ चल दिया |
शाम को घर आ कर उसने कौशल्या को सारी बाते बताई तो कौशल्या भी खुश हो गई और कहा.. तुम परसों फिर वकील साहब के पास जाकर पता कर आना |
किसी तरह दो दिन बीत गए और सुबह सुबह कौशल्या उसे याद दिलाते हुए बोली…सुनो, आज वकील साहब के पास जाने से पहले मंदिर में माथा टेकते हुए जाना | अब तो सिर्फ भगवान् पर ही आसरा है |
सच है, भगवान् की मर्जी के सामने हम सब लोग बेबस ही है, फिर भी मेरा मन कहता है कि अपना काम बन जायेगा ..राजेश्वर मन ही मन बोल रहा था |
वकील साहब उसको देखते ही ख़ुशी से बोले …राजेश्वर बाबू आप का काम हो गया | आइये कुर्सी पर बैठिये मैं सारी बातें बताता हूँ |
कुर्सी पर बैठते हुए राजेश्वर उत्सुकता से उनकी ओर देखने लगा |
हमने तो सपने में भी नहीं सोचा था कि इतनी आसानी से काम बन जायेगा | मैं कल उनसे मिलने शहर के उनके चैम्बर में पहुँचा और अपना संक्षिप्त परिचय दिया तो उन्होंने पूछा …क्या काम है ?
मैंने उनको आप का फाइल दिखाया, और वो नाम देख कर चौके और फिर फाइल को पढने लगे …और फिर उसे अपने पास रख लिया और बदले में अपना विसिटिंग कार्ड दिया और कहा …आप अगले सोमवार को आ जाइये | मैं हाई कोर्ट में अपील फाइल कर दूंगा …उन्होंने मेरी ओर देखते हुआ कहा |
मैंने फिर पूछा… .. आप की फ़ीस क्या होगी ? सुना है आप गरीब लोगों की मदद करते है |
जब सुना है तो फीस की बात क्यों करते है | यह केस मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है | अब आप जाइए, मुझे एक केस के सिलसिले में कोर्ट परिसर में जाना है |
मेरी तो समझ नहीं आया कि इतना बड़ा हाई कोर्ट का वकील और आप का फाइल देखते ही कुछ भी नहीं पूछा और केस लड़ने को तैयार हो गया | सचमुच यह तो चमत्कार हो गया …..वकील साहब सारी बातें खुश होकर सुना रहे थे | भगवान् उनका भला करे….राजेश्वर ने कहा |
वकील साहब ने तैयार किया हुआ वकालतनामा राजेश्वर को देते हुए कहा …आप इस पर दस्तखत कर दें, मैं इसे कल ही बड़े वकील के पास पहुँचा दूँगा ताकि ज़ल्दी से हाई कोर्ट में अपील फाइल किया जा सके….क्रमशः

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Categories: story
Gd morning have a nice day sir ji
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thank you dear…
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Good morning
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Good afternoon. Story progressing nicely.
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thank you sir..stay connected sir..
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Good
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thank you dear.. read my other story also…
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Reblogged this on Retiredकलम and commented:
Positive thinking is not only about expecting the best to happen,
It is also about accepting whatever happens is for the best…
Be happy….Be healthy….Be alive…..
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