# एक अधूरी प्रेम कहानी #..18

मन ही मन को जानता …मन की मन से प्रीत ,मन ही मनमानी करे …मन ही मन का मीत .मन झूमे मन बाबरा … मन की अद्भुद रीत मन के हारे हार है …. .मन के जीते जीत हाय री … Continue reading # एक अधूरी प्रेम कहानी #..18