# एक अधूरी प्रेम कहानी #..17

ज़िन्दगी की उलझनों ने किस कदर उलझा दिया कहीं दूर तक मंजिल नहीं …जाने कहाँ पहुँचा दिया अब नहीं बाकी किसी से कोई भी …उम्मीदे ए वफ़ा अपनों ही ने हर कदम जितना हुआ …धोखा दिया   मन की उलझन … Continue reading # एक अधूरी प्रेम कहानी #..17