
शाखों से टूट जाएँ वो पत्तें नहीं है हम
आँधी से कोई कह दे कि औकात में रहे …
वैसे भी लॉक डाउन के लम्बे समय तक चलने के कारण थोडा depression और थोडा negativity आना स्वाभाविक है / और तो और अभी, lockdown का चौथा चरण चल रहा है और कब समाप्त होगा, कुछ कहा नहीं जा सकता है …
हमने आज फैसला लिया है कि खुद के सोच को बदलूँगा और खुद को भी | और साथ साथ बेहतर ढंग से जीने की कोशिश करूँगा | और अपनी कमजोरियों को दूर करूँगा |
लोग कहते है लोहे को लोहा काटता है, हीरे को हीरा काटता है, ज़हर को जहर काट सकता है.. लेकिन गुस्से को गुस्सा नहीं सिर्फ प्यार ही काट सकता है…
हर तरफ कोरोना का ही भूत दिखाई पड़ता है..
सचमुच हम बहुत डरे हुए है |
इस डर को समाप्त करना ही होगा, क्योंकि डर के कारण हमारा इम्युनिटी भी कमजोर पड़ रहा है, जब की करोना से लड़ने के के लिए इसे मजबूत होना ज़रूरी है / इसके लिए हमें अपनी मानसिक शक्ति को मज़बूत करना होगा | हमें नकारात्मक बातों से बचना होगा | जी न्यूज़ अंकर श्री सुधीर चौधरी ने बताया कि आपलोग रोज़ मृतु के समाचार सुन कर depression में आ गए होंगे ..अतः आप को ऐसे समाचार भी सुनने चाहिए जो ख़ुशी दे, प्रेरणा दे क्योंकि जब आप खुश रहेंगे तभी स्वस्थ रहेंगे और करोना की जंग जीतेंगे | सच तो यह है कि करोना के चक्कर में घर में बैठे बैठे कुछ चिडचिडा सा होते जा रहे है लेकिन इससे तुरंत निजाद पाना ज़रूरी है …लेकिन कैसे ? ..आइये इस संदार्व्भ में एक वाक्या सुनते है ..

lockdown में बैंक को खोल कर रखा गया है क्योकि यह एसेंशियल सर्विसेज में आता है | काउंटर पर बैठा एक बैंक क्लर्क, अपने कस्टमर को ऐसे ट्रीट कर रहा था जैसे कोई भेड़ बकरियां चरा रहा हो..सब लोग उससे त्रस्त थे .. दरअसल दिन भर तरह तरह के लोगों से उसका सामना होता था और छोटो छोटी गलतियों पर तुरंत भड़क जाता था और कस्टमर को जोर जोर से डांटने लगता था | वो बहुत ही चिडचिडे स्वभाव का मालूम पड़ता था | वो लगभग हर कोई से झुंझला कर ही बात किया करता था |
एक दिन रोजमर्रा की तरह बैंक में बहुत भीड़ थी और उस बैंक क्लर्क के सामने भी लम्बी लाइन लगी थी ..तभी एक बुजुर्ग व्यक्ति फॉर्म भर कर उस क्लर्क को दिया तो फार्म देखते ही उसे भी डांट फटकार करने लगे और कहा …. यह कैसे आप ने फॉर्म भरा है / सरकार फ्री में फॉर्म देती है तो कुछ भी भर के ले आते हो आप / अगर इस फॉर्म के पैसे लग रहे होते तो आप दस लोगों से पूछ कर इसे सही सही भर कर लाते |
इस तरह अपनी सारी गुस्सा उस बेचारे बुजुर्ग सज्जन पर निकाल रहा था | तभी लाइन में पीछे लगा हुआ एक आदमी बहुत देर से इस क्लर्क की चिडचिडा स्वभाव को notice कर रहा था, वो चुप चाप लाइन से निकला और पास में रखे जग से एक गिलास पानी लिया और पीछे से जाकर क्लर्क के पास पहुँचा और वो गिलास का पानी ऑफर किया | क्लर्क ने तो यूँ उसे घुर कर देखा और वो गर्दन हिला कर पूछा …यह क्या है ? तो उस व्यक्ति ने मुस्कुराते हुए कहा कि आप बहुत देर से बोल रहे है इसलिए गला सुख रहा होगा और गर्मी भी काफी है ,इसलिए यह पानी पी लीजिये |
पानी उसके हाथ से ले तो लिया लेकिन उस व्यक्ति को ऐसे घूर कर देखा कि जैसे वो कोई दुसरे ग्रह का प्राणी हो | पानी पीते हुए वो उस व्यक्ति को बोला कि चूँकि मैं बिलकुल सच बोलता हूँ इसलिए सभी को कड़वा लगता है | इसलिए कोई मुझे पसंद नहीं करता | पता है तुम्हे ..यहाँ का चपरासी भी हमें पानी नहीं पिलाता है | वो व्यति उसकी बातों को सुनकर सिर्फ मुस्कुरा भर दिया और अपनी लाइन में फिर आ कर लग गया |
अब तो लोग महसूस कर रहे थे कि क्लर्क साहेब का अंदाज़ थोडा बदल गया है और अब थोडा नरमी से सब से पेश आ रहे थे | अब बहुत शांत होकर शालीनता से सब का काम निपटा दिया |

जो व्यक्ति उस क्लर्क को पानी पिलाया था उस के पास दुसरे दिन शाम में उसी क्लर्क का कॉल आता है | और वो बोला….मैंने आप के फॉर्म से आप का नंबर ढूंढ कर आप को कॉल कर रहा हूँ |
तो उस व्यक्ति ने कहा …यह तो अच्छी बात है आप हमें याद कर रहे है .. आप बताएं क्या बात है ? .
दरअसल, मैं तो आप को धन्यवाद करने के लिए कॉल कर रहा हूँ, आप ने मेरी बहुत बड़ी समस्या हल कर दी, उस क्लर्क ने कहा |
उन्होंने फिर पूछा.. मैंने आप की कौन सी समस्या दूर कर दी ?
तब उस क्लर्क ने बताया कि मेरी माँ और मेरी पत्नी की आपस में कभी नहीं बनती थी, हर समय झगड़ा चलता ही रहता था | आज भी जब मैं ऑफिस से घर लौटा तो मेरे सामने ही दोनों की तू – तू, मै – मै शुरू हो गई | तो मैंने एक गिलास पानी अपने माँ को दिया और एक गिलास पानी अपनी पत्नी को दिया |
तब से माहौल शांत है, और धीरे धीरे हंसने बोलने जैस माहौल हो गया है |
तब, उस व्यक्ति ने कहा कि आप की बात सुन कर मैं बहुत खुश हूँ कि मेरी टिप्स से आप की समस्या सुलझ गई | यह तो वास्तव में गुरु मंत्र है कि कैसे किसी के गुस्से को ठंडा किया जाये |
हमारे आस पास बहुत बार ऐसी स्थिति आती है कि लोग नाराज हो रहे होते है और वो हमें अच्छी नहीं लगती / हम सोचते है कि वो बिना मतलब क्यों गुस्सा दिखा रहे है | उनकी गुस्सा के बदले हम भी गुस्से से ज़बाब देते लगते है …इससे माहौल और भी ख़राब होता है |
गुस्से का जबाब गुस्से से देने से नतीजा कभी अच्छा नहीं होता है | गुस्से का जबाब प्यार से दीजिये, बस थोडा सा प्यार | देखेंगे, थोड़े से प्यार की ठंडक से बड़े बड़े गुस्से को शांत किया जा सकता है |
प्यार , गुस्सा ना करने की अचूक दवा है | और इस एक्सपेरिमेंट से अपने में बदलाव महसूस कर सकते हैं | आप का immune सिस्टम भी ठीक रहेगा और और lockdown में भी balanced लाइफ जी सकेंगे..

BE HAPPY… BE ACTIVE … BE FOCUSED ….. BE ALIVE,,
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Gd morning have a nice day sir ji
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thank you dear..stay happy, stay safe..
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