# हमारी सकारात्मक सोच #

हमारे आस पास जो भी घटित हो रहा है उससे हमलोग काफी परेशान और  दुखी हो रहे है | कुछ लोग तो कहते है कि जो होता है अच्छे के लिए होता है | लेकिन इससे शायद आप भी इतेफाक नहीं रखते होंगे |

अगर किसी भी घटना की  गहराई में जाए तो  शायद यकीन हो जाए.|..

एक समय  की  बात है  कि एक केकड़ा जो समुद्र के किनारे जा रहा था तो उसने जब पीछे मुड़ कर देखा तो उसके पैर के निशान रेत पर बनते जा रहे थे जो बहुत सुंदर दिख रहे थे  |

यह देख कर वो  बहुत खुश हो रहा था | और  सिटी बजाता  हुआ मस्ती की  धुन में चला जा रहा था | इतने में समुद्र से एक लहर उठी और  उसके  फूट प्रिंट को मिटा गई |

यह देख कर केकड़े को बहुत जोर का गुस्सा आया और  वो समुद्र को भला बुरा कहने लगा | तुम्हारी लहरें अपने आप को समझती क्या है मेरे कदमो की  सुंदर निशान को मिटा डाला |

समुद्र ने हँसते हुए कहा कि जो होता है अच्छे के लिए होता है भाई | इस पर और  ज्यादा भड़कते हुए केकड़े ने कहा कि.. क्या अच्छा हुआ ?

तो इस पर समुद्र ने कहा कि जरा पीछे मुड़ कर देखो वो मछुवारे आ रहे है ,,अगर तुम्हारे पैर के निशान दिख जाते तो उसकी सहायता से वो तुम तक पहुँच जाते और  तुम्हारा आज काम तमाम हो जाता | तुम्हारे जान बच जाने की  ख़ुशी में हमें धन्यवाद् करना चाहिए |

कहने का मतलब यह कि इश्वर जो भी करते है उसमे हमारा कही न कही भलाई छुपा होता है | इसलिए विपरीत परिस्थितियों से कभी घबराना नहीं चाहिए | और  सही समय आने का इंतज़ार करना चाहिए |

इसी तरह रमेश भी  बहुत परेशान और  दुखी रहता था |..उसे लगता था कि वो संसार में सबसे दुखी प्राणी है.| .

घर  में खर्च से परेशान , बड़ी family की  जिम्मेदारी से परेशान  , सगे संबंधियों  से परेशान, और  ऊपर से टैक्स के कारण परेशानी थी | वह सोचता था कि जो कमाता हूँ सब खर्च हो जाते है, कुछ भी बचा नहीं पाता हूँ |

इन्ही बातों में उलझा अकेले में दुखी होकर बैठा हुआ था | इतने में  उसका नन्हा बेटा आया और  उससे  homework कराने  की  जिद करने लगा |

रमेश तो पहले से ही परेशान और  दुखी  बैठा था,  वो बच्चे के जिद करने से और  भी  गुस्सा हो गया और  एक थप्पड़ उस बच्चे को मार दिया |

वो नन्हा बच्चा रोता हुआ वहाँ से चला गया | थोड़ी देर बाद उस पिता को एहसास हुआ कि वो गुस्से के कारण बच्चे का दिल दुखा  दिया है | ऐसा नहीं करना चाहिए था |

उसे अफ़सोस होने लगा तो  दौड़ कर बच्चे के कमरे में पहुँचा | उसने देखा कि बच्चा study टेबल पर ही सो गया है और  उसके हाथ में homework की  कॉपी पड़ी है | ..

वो कॉपी को लेकर उसमे  मिली assignment  को चेक  करने लगा  .. जिसमे लिखा होता है कि तीन  ऐसी बातें लिखना जो आपको शुरू में अच्छा नहीं लगता हो  लेकिन उसके end result ख़ुशी देता हो और  आप के लिए अच्छा है |..

बच्चे के लिखे जबाब हो पढ़ कर  रमेश के आँख में आँसू आ गए | वो एक बार फिर बच्चे द्वारा लिखी बात को ध्यान से पढने लगा |..जिसमे लिखा था ..

पहली चीज़ ..दवा, .. मुझे अच्छा नहीं लगता है, बहुत कडवी होती है | लेकिन लेने के बाद में जब ठीक हो जाता हूँ तो अच्छा फील करता हूँ और   खुश हो जाता हूँ,

दूसरी चीज़, मेरे final exam …..मुझे अच्छे नहीं लगते है, बहुत सारी  पढाई करनी पड़ती है लेकिन उसके  बाद बहुत अच्छा लगता है | क्योकि तब छुटियाँ ही छुटियाँ होती है और  खेलने का बहुत समय मिलता है |

और  तीसरी चीज़ ..मेरे पापा ….जब मुझे मारते  है तो बिलकुल अच्छा नहीं लगता है, लेकिन मेरे पापा बुरे नहीं है वो कभी परेशान  होते है तभी मारते है,| लेकिन बाद में वो मेरे साथ खूब खेलते है |  रिंकी और  पिंकी के तो पापा ही नहीं है,  मेरे तो पापा है ना | यह सोच कर मुझे बहुत ख़ुशी मिलती है |

रमेश बहुत भावुक हो गया और  अपने कमरे में वापस चला आया | अपने  कमरे में बैठा अपने बेटे द्वारा लिखी बातों पर विचार करने लगा और  वो भी अपने समस्याओं को दिल के कागज पर एक एक कर लिखने लगा | …

पहला चीज़ …घर का खर्चा है,  पानी बिजली का bill , बहुत आता है तो क्या हुआ ..रहने को अपना घर तो हैं ना ..बहुतों के पास तो रहने को अपना घर ही नहीं है | फुटपाथ पर ज़िन्दगी गुज़र जाती है |

दूसरी चीज़.. हमारे परिवार की  ज़िम्मेवारियाँ, ….माता पिता की  देख भाल,  पत्नी बच्चे सभी की  जिम्मेदारियां से परेशान क्यों हूँ….कम से कम मेरा अपना परिवार तो है, | हम अपने जो सुख दुःख में एक दुसरे का सहारा बनते है ….बहुतो के पास तो कहने को कोई अपना ही नहीं है |

तीसरी बात कि रिश्ते नातों से मुझे परेशानी क्यों होना चाहिए |  अपना मेरा एक social नेटवर्किंग तो है , समाज में मान सम्मान तो है और  तो और   दुःख सुख में एक दुसरे का सहारा भी होते है | यह तो अच्छी बात है |

और  चौथी बात जो टैक्स  की  है  तो यह इस बात का प्रमाण है कि मेरी एक अच्छी सैलरी तो है | मैं बहुतों की  तरह बेरोजगार तो नहीं हूँ |

इन सब बातों के मंथन से  रमेश की  सोच ही बदल गई | उस  नन्हे से बालक ने कमाल की  सीख दी है | अब मैं कभी इस सब बातों से दुखी नहीं होऊँगा |

हम पाते है कि जहाँ परेशानी नज़र आती है, अगर अपने नज़रिए को थोडा बदल ले और  अपने को सकारात्मक बना कर  सोचे तो कठिन समस्या आसान नज़र आने लगेगी और  उसका समाधान  भी ढूँढ पाएंगे |

यही बात आज करोना के ऊपर भी लागू होती है ..उससे हम क्या पूरा विश्व ही परेशानी की  दौड़ से गुज़र रहा है लेकिन इसके बाबजूद भी  कुछ अच्छी बातें सामने निकल कर आयी है, जिसकी विस्तृत जानकारी हेतु निचे दिए link पर click करें…  https://infotainmentbyvijay.data.blog/2020/05/07/%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%a1%e0%a4%b0%e0%a5%8b-%e0%a4%a8%e0%a4%be/

मन की  कलम से

दर्द की स्याही बिखरता रहा 

दिल बेचैन था

रात  भर मैं लिखता रहा ..

छू रहे थे लोग

बुलंदिया आसमान की 

मैं पानी की बूंद

बादलों में छिपता रहा….

BE HAPPY… BE ACTIVE … BE FOCUSED ….. BE ALIVE,,

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Categories: motivational

3 replies

  1. Thank you dear.
    Enjoy reading my blog.

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  2. Reblogged this on Retiredकलम and commented:

    Life is a long Journey between Human Being and Being Human.
    let’s take at least a step daily to cover the distance..

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