
जो कल तक हमेशा शिकायत करते थे कि हमारे पास family के लिए समय ही नहीं मिलता है और ना ही अपने माता पिता की देख भाल ठीक से कर पाता हूँ | आज वही फिर रो रहे है कि lockdown के समय घर में बैठना मुश्किल हो रहा है |
आज सुबह सुबह उमेश सिंह का फ़ोन आया | मैं ने जब खैरियत पूछा तो बड़े दुखी स्वर में कहा ….आज तो lockdown का आठवां दिन ही है और सुना है कि इस period को बढ़ा कर डेढ़ माह करने वाला है, | मेरा तो घर में बैठे बैठे बुरा हाल है |
मैं ने कहा …. यह तो अच्छा मौका है अपने परिवार के साथ full time बिताने का | बच्चो के साथ समय बीताओ तथा बीबी की शिकायत को दूर करने का अच्छा मौका है |
उसने हँसते हुए कहा … .तुम्हारा क्या है, रिटायर्ड लाइफ एन्जॉय कर रहे हो और घर पर ही रहने की आदत डाल ली होगी | इसलिए इस lockdown का दर्द तुम्हे महसूस नहीं हो रहा है |
मैंने कहा….. तुम्हारी जो हालत है उस पर मुझे एक कहानी याद आ रही है… कहो तो मैं सुनाऊँ |

किसी ने क्या खूब कहा है ..
वक़्त का ख़ास होना ज़रूरी नहीं है बल्कि ख़ास लोगों के लिए वक़्त होना बहुत ज़रूरी है |
एक सुंदर सुशील लड़का रोशन, जो अपनी माँ से कोसों दूर किसी दुसरे शहर में नौकरी करता था | एक दिन रोशन के पास उसकी माँ का फ़ोन आया | फ़ोन उठाते ही उसकी माँ की दुःख भरी आवाज़ आती है… बेटा, ..प्रेम अंकल अब इस दुनिया में नहीं रहे | अचानक ऐसी खबर सुनकर वो कुछ सेकंड रुका और फिर माँ से पूछा…. माँ, वही प्रेम अंकल जो हमारे परोस में रहते थे |
क्या हुआ उन्हें ? माँ ने जबाब दिया ..हां बेटा, वो कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और आज…..
तुम्हे याद है ना, प्रेम अंकल का बहुत ख़ास रोल ( role) रहा है तुम्हारे जीवन में | तुम्हारे पिता की मृत्यु के बाद एक वही तो थे जो एक पिता तुल्य व्यक्ति की तरह तुम्हारी देख भाल की |
उसने अपना सिर हिलाते हुआ बोला… हां माँ, मैं आज मैं जो भी हूँ , उनकी वजह से ही हूँ | उन्होंने ही मुझे समय की क़द्र करना, लोगों से उचित व्यहार करना ,अपनी जिम्मेदारियों को समझना वो सब कुछ तो उन्होंने मुझे सिखाया |
मैं ज़रूर आऊंगा माँ, उनके funeral में , और वो शाम की फ्लाइट पकड़ कर अपने शहर आ जाता है | उसे बहुत दुःख होता है प्रेम अंकल के बारे में सुनकर |
Funeral अटेंड करने के बाद उसकी इच्छा होती है कि प्रेम अंकल के घर जाऊं उनके कमरे में बैठने से शायद दिल को थोडा शकुन मिलेगा , क्योंकि इस कमरे में प्रेम अंकल के साथ बहुत सारा समय गुजरा है | उनकी ही मदद से पढाई पूरी कर पाया हूँ |
ऐसा सोचकर माँ के साथ वो उनके घर पहुँच कर सीधे उनके कमरे में दाखिल हुआ | उसे सब कुछ वैसा का वैसा ही लगा, | कमरे में कुछ नहीं बदला था, सिर्फ एक चीज़ को छोड़ कर ….वो गोल्डन कलर की छोटी सी बॉक्स ( box) कही नज़र नहीं आ रही है, | वो उस कोने में रखी रहती थी |
रोशन ने माँ को भी यह बात बताई, तो माँ ने पूछा ….कौन सा बॉक्स ?
रोशन ने कहा ….. जब भी मैं अंकल से पूछता था कि इसमें क्या है तो हमेशा यह कह कर टाल जाते थे कि यह मैं तुम्हे नहीं बता सकता, और वो हमेशा उसमे ताला लगा के रखते थे | शायद कोई बहुत कीमती चीज़ रहा होगा |

लगता है वो बॉक्स उनके सगे सम्बन्धी ले गए होंगे | पर वह राज़ मेरे लिए अब राज़ ही रह जायेगा कि उस बॉक्स में क्या था ?
वह उदास मन से वहाँ से घर वापस आ गया | करीब दो हफ्ते बीते होंगे कि वो अपने ऑफिस से घर आता है तो अपने मेल बॉक्स (mail box) में एक लेटर पाता है , जिसमे लिखा था कि आप के लिए एक पार्सल है, लेकिन आप के हस्ताक्षर की आवश्यकता थी और घर पर कोई नहीं होने के कारण वापस डाक घर में जमा है |
इसलिए अब आप डाक घर से कलेक्ट कर लीजिए |
रोशन सुबह जब डाक घर जाता था तो वहाँ पार्सल में उसे एक डिब्बा मिलता है | ऐसा लगता था कि यह पार्सल बहुत पहले भेजा गया होगा, काफी पुराना और गन्दा सा था |
परन्तु सेन्डर ( sender) का नाम पढ़कर वह चौक गया | उसे बड़ा आश्चर्य हुआ कि यह पार्सल “प्रेम अंकल” ने शायद मरने के पहले भेजा होगा ..उसका दिल जोर जोर से धड़कने लगा |
वो वापस कार में बॉक्स ( box) को ले कर आता है और इसे ओपन करता है |
उसकी आँख आश्चर्य से फटी की फटी रह जाती है जब वह देखता कि वही गोल्डन (golden ) कलर वाला बॉक्स ( box) था , जिसे जीते जी ,उसमे रखे चीज़ उसे देखने नहीं दिया था, प्रेम अंकल ने |
उस गोल्डन बॉक्स ( golden box) के साथ एक लैटर भी था जिसमे लिखा था कि मेरे म्रत्यु के बाद यह box रोशन को भेज दिया जाए .. रोशन इतना भावुक हो गया कि उसके आँखों से आँसू बह निकले |
लैटर के साथ एक चाभी भी थी जिससे उसने बॉक्स को खोला तो क्या देखता है कि उसके अंदर एक सुंदर सी घडी थी और साथ में एक छोटा सा नोट्स ….. जिसमे लिखा था …”thanks for your time Roshan” ..तुम्हारे समय के लिए शुक्रिया |
रोशन उस घडी को दिल से लगा कर बहुत रोया, क्यों कि उस दिन उसे एहसास हुआ कि उनके लिए सबसे कीमती चीज़ मेरा समय था |
रोशन उसी पल अपने असिस्टेंट को फ़ोन कर कहता है अगले दो दिन की सारी meeting और अपॉइंटमेंट है सब कैंसिल कर दो …मैं अपनों के साथ कुछ समय बिताना चाहता हूँ और अपने असिस्टेंट को भी उसके समय देने के लिए उसे शुक्रिया कहा |

यह सच है की भाग दौड़ की ज़िन्दगी में हम वही भूल जाते है जो सबसे कीमती है . . अपनों के लिए आप का समय |
हम ज़िन्दगी के ज़द्दोजहद में इस तरह खो जाते है कि अपनों के लिए समय ही नहीं निकाल पाते है | हमें यह बात समझ लेनी चाहिए कि …इस दुनिया में कुछ लोग है जो आप की ख़ुशी पर खुश होते है | कोई ऐसा भी है जो सिर्फ आप की मुस्कान से उनका दिन अच्छा हो जाता है, |
कोई है जो हर रात सोने से पहले सिर्फ आप के बारे में सोचता है | कोई तो है जिसके लिए आप पूरी दुनिया हो, और अगर आप ना हो तो उसकी ज़िन्दगी की कोई मायने नहीं है | ऐसे लोगों के लिए समय निकालिए… उनकी शिकायतें दूर कीजिए …
कुछ सुनहरी यादें …
ना कभी धुंधली होती है
ना कभी भूली जाती है
हर पल हर लम्हा अब भी ..
वो सुनहरे पल …
याद करते करते
आज मन भावुक हो जाता है..
वो अपने आँखों में आँसू लिए गाड़ी के खुलने का इंतज़ार कर रहा था ……

BE HAPPY… BE ACTIVE … BE FOCUSED ….. BE ALIVE,,
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Categories: infotainment, story
Good Morning. Mamma jii. U Story vare. Lovely……….Vare Nice. .
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thank you dear
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Nice.Day..
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have a great day..
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Nice.Day..
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Superb story verma ji Dil bhar aaya aankgen nam hogayeen sochna laga wo kaun hsi jo aaj bhi mujhe yaad karta hai aur mere bare me acha sochta hai koi tu hoga zaroor
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yes kamran dear , तुमने तो मुझे भी भावुक कर दिया /आज भी इंसान इंसान पर ही जिंदा है ..हम अपनों को याद नहीं करेंगे तो किसे याद करेंगे./all the best and stay safe …
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Very heartwarming story. Spending time with family members and elderly people not only improve their physical and mental health but also remove loneliness which affects most people.
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It is true sir..
Spending quality time with family is very important to
improve physical and mental health..
Thank you sir.
Stay connected and stay happy….
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yes…yes…yes
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V nice dear
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thank you…
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Kiya bat h sir ji
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thank you..
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