
राजेश था तो बहुत होनहार, पर पारिवारिक पैसो की तंगी के कारण दसवीं के आगे नहीं पढ़ सका था | आज गरीबी का यह आलम था कि अपनी पत्नी और दो बच्चो का , अपनी छोटी सी कंपनी के क्लर्क की नौकरी से किसी तरह गुजारा कर रहा था |
उसने बचपन से आज तक गरीबी को बहुत करीब से महसूस किया था | उसकी इच्छा थी कि वो अपने बच्चो को गरीबी में पलने नहीं देगा |
इसलिए नौकरी से जो भी समय बचता वो उसमे अपनी पढाई किया करता |
रात दिन बस एक ही धुन रहती कि पढाई करके अच्छी नौकरी पाना और अपने बच्चो को वो सभी सुख सुविधा देना जिससे वो आज तक वंचित है |
उसकी पत्नी जब उससे कहती कि तुम परिवार को समय नहीं देते , तो वह मुस्कुरा कर ज़बाब देता कि यह सब मैं तुम सभी के लिए ही तो कर रहा हूँ |
धीरे धीरे उसकी पढाई पूरी हुई और उनसे कॉमर्स (commerce) में स्नातक की डिग्री हासिल कर ली | उसे उसी कंपनी में अकाउंटेंट के पद पर प्रोन्नति मिल गई |
तनख्वाह बढ़ी , तो उसने छोटा घर छोड़ एक बड़ा घर किराये पर ले लिया |
उसकी व्यस्तता और बढती गई | उसका परिवार फिर उससे साथ समय बिताने को कहता, तो वह फिर वही ज़बाब देता कि तुम्हारे लिए तो यह सब कर रहा हूँ |

कुछ समय गुजरा ,राजेश की मेहनत को देखते हुए उसे वहाँ का मैनेजर बना दिया गया | अब उसने एक गाड़ी भी खरीद ली और घर में एक नौकरानी भी रख ली, ताकि उसकी पत्नी को घर के काम में मदद मिल सके |
पत्नी फिर यही कहती, — थोडा समय बच्चो के साथ भी बिताओ, |
तो वह फिर वही पुराना ज़बाब दुहराता ,– आखिर उनके लिए ही तो यह सब कर रहा हूँ और अपनी पत्नी को चुप करा देता |
अब तो आलम यह हो गया कि राजेश रविवार और अन्य छुट्टी के दिन भी ऑफिस के काम निपटाने में लगा रहता और घर के लिए बिलकुल ही समय नहीं दे पाता /
कुछ समय बीतने के बाद उसे उस कंपनी में मुख्य मैनेजर बना दिया गया और उसकी तनख्वाह भी अच्छी कर दी गई |
अब उसने अपना एक खुद का घर ख़रीदा और अपनी पत्नी से कहा – मैंने अपना घर खरीद लिया है , और गाड़ी भी है |
अब मैं ज्यादा काम नहीं करूँगा और तुमलोग के साथ पूरा समय व्यतीत करूँगा |
घर के सभी लोग खुश हो गए | रात को राजेश सोया और फिर जो हुआ उसने पुरे परिवार को हिला कर रख दिया, सुबह राजेश उठा ही नहीं |

दोस्तों , हम अपने जीवन में सभी चीजों की चाहत करते है और उनके लिए हमेशा परेशान रहते है , जब तक हमें मिल नहीं जाती , लेकिन कभी – कभी इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ती है |
सच तो यह है कि जीवन में कभी किसी को सब कुछ नहीं मिलता | जिस दिन हम ने इस सच को स्वीकार कर लिया , हमारा जीवन उत्सव बन जायेगा |
किसी ने सच ही कहा है ..
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कहीं ज़मीन तो कहीं आसमान नहीं मिलता...
BE HAPPY… BE ACTIVE … BE FOCUSED ….. BE ALIVE,,
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Categories: story
True story but still many people including me will not stop striving for better future of our family members.
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Yes dear, this is natural and result of what being learn from our elder..
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Kiya bat h sir ji
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thank you dear
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Bhut khub sir ji
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thank you dear
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Very Nice Nice content Sir…
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thank you dear ,
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thank you dear..
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thank you dear
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Reblogged this on Retiredकलम and commented:
FAITH makes everything possible,
HOPE makes everything work,
LOVE makes everything beautiful …
May you have all the three as you begin each day..
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